अभिनव न्यूज, नेटवर्क। राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) में छापा मारा और 6 सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. इस छापेमारी में तहसीलदार, तीन गिरदावर, एक कनिष्ठ अभियंता, और पटवारी शामिल हैं, साथ ही एक दलाल को भी गिरफ्तार किया गया है.
ACB ने इन सभी को 1.50 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा. इसके अलावा, टीम को 1 लाख रुपये नकद भी मिले हैं. रिश्वतखोर अधिकारियों ने एक भू-रूपांतरण के लिए पीड़ित से 13 लाख रुपए की मांग की थी, लेकिन अचानक ACB की रेड से अफरातफरी मच गई. कुछ अधिकारी रिश्वत की राशि को अलमारी और दीवारों के पीछे छिपाने की कोशिश कर रहे थे, जबकि कुछ ने इसे अपने अंडर गारमेंट्स में छिपाने का प्रयास किया.
एसीबी की टीम ने आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ा
एसीबी के एडिशनल एसपी हिमांशु कुलदीप ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में तहसीलदार लक्ष्मीकांत गुप्ता, गिरदावर रुकमणी (जो पटवारी का चार्ज संभाल रही थी), गिरदावर श्रीराम शर्मा, पटवारी रविकांत शर्मा, कनिष्ठ अभियंता खेमराज मीणा, और गिरदावर विमला के साथ उनके पति दलाल महेश मीणा शामिल हैं. इनके पास से 1.50 लाख रुपये रिश्वत के रूप में बरामद हुए, जिसमें तहसीलदार के पास 50 हजार रुपये, जेईएन के पास 40 हजार रुपये और बाकी सभी के पास 20-20 हजार रुपये मिले.
रिश्वत की मांग ने बढ़ाई पीड़ित की परेशानी
इस मामले में पीड़ित की शिकायत पर एसीबी ने यह एक्शन लिया है. पूरा मामला जमीन के रूपातंरण से जुड़ा है. जहां जमीन के रूपांतरण के लिए 90-ए करवाने के एवज में JDA के जोन-9 में तैनात तहसीलदार लक्ष्मीकांत गुप्ता द्वारा 1 लाख रुपए, गिरदावर रुकमणी द्वारा 1 लाख रुपए, गिरदावर रविकांत शर्मा द्वारा 1 लाख रुपए, कनिष्ठ अभियंता खेमराज मीणा द्वारा 40 हजार रुपए, और पटवारी श्रीराम शर्मा द्वारा 20 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की गई थी. इस मांग के चलते पीड़ित को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. इसके बाद एसीबी की विशेष टीम ने योजना बनाकर इन भ्रष्ट अधिकारियों को ट्रैप किया और अब उनके ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.