संभाग के सबसे बड़े पीबीएम हॉस्पिटल की ओपीडी में डॉक्टर्स से परामर्श लेने या आईपीडी में भर्ती होने से पहले मरीज को जन-आधार या आधार कार्ड दिखाना होगा। यह दिखाने के बाद ही संबंधित मरीज को हॉस्पिटल की पर्ची और निशुल्क इलाज का लाभ मिल सकेगा। राज्य सरकार ने निशुल्क चिकित्सा और निरोगी योजना को सफल बनाने के लिए इस आशय के आदेश सभी मेडिकल कॉलेज प्राचार्यों, सुपरिटेंडेंट और एमओ सहित अन्य चिकित्साधिकारियों के नाम जारी किया था। सरकार के ये आदेश पीबीएम हॉस्पिटल में सोमवार से प्रभावी हो जाएंगे। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने मुफ्त दवा योजना के साथ ही निशुल्क जांच व्यवस्था भी प्रदेश में लागू कर दी है। इन योजनाओं का लाभ प्रदेश के नागरिकों को प्राथमिकता और सहूलियत से मिले, इस बात को ध्यान में रखते हुए इन योजनाओं को आधार और जन-आधार कार्ड से भी जोड़ दिया है।
5000 लोग रोज आते हैं पीबीएम
पीबीएम के सभी आउटडोर और ओपीडी को मिलाकर मरीजों की संख्या करीब 3 से 5 हजार के बीच रोजाना होती है। हॉस्पिटल में बीकानेर सहित पंजाब तथा हरियाणा के कैंसर पेशेंट्स बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। हालांकि उनके भर्ती होने या जांच कराने की स्थिति में उन्हें निर्धारित शुल्क चुकाना पड़ता है। यह व्यवस्था राजस्थान मूल के मरीजों के लिए निशुल्क है।
हादसे में घायल होने वालों को छूट, नई व्यवस्था सख्ती से लागू होगी
हॉस्पिटल की ओपीडी और आईपीडी में पहुंचने वाले मरीजों को अब आधार या जन-आधार कार्ड दिखाना होगा, उसके बाद ही उन्हें इलाज का लाभ मिल सकेगा। यह व्यवस्था सोमवार से हॉस्पिटल में सख्ती से लागू होगी। इस संबंध में सभी को पाबंद कर दिया है। घटना-दुर्घटना या अन्य परिस्थितियों में पहुंचने वाले मरीजों को आगामी आदेश तक छूट रहेगी, उनके पास पहचान-पत्र नहीं होने की स्थिति में भी इलाज किया जाएगा। – डॉ. प्रमोद सैनी, सुपरिटेंडेंट, पीबीएम हॉस्पिटल बीकानेर