अभिनव न्यूज, नेटवर्क। राजस्थान में एक बार फिर आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। आयकर विभाग ने प्रदेश में कई व्यापारियों के घरों व संस्थान पर एक साथ छापा मारा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आयकर विभाग की टीम मंगलवार तड़के जोधपुर भी पहुंची और शास्त्री नगर स्थित एक व्यापारी के घर पर रेड मारी है। बताया जा रहा है कि आयकर विभाग ने मंगलवार को प्रदेशभर में 16 ठिकानों पर एक साथ आयकर विभाग ने छापेमारी की। पाली और जोधपुर से जुड़े कारोबारी समूहों पर कार्रवाई हो रही है। तीन कारोबारी समूहों पर आयकर इन्वेस्टिगेशन की रेड हुआ है। बताया जा रहा है कि पाली के उद्यमी गोगड़ से जुड़े ठिकानों पर छापे मारा गया है। गोगड़ की चार फैक्ट्री, तीन मकान पर आईटी की टीमें पहुंची हैं।
25 से 30 गाड़ियों में रेड मारने पहुंचे आयकर विभाग की टीम
चश्मीदीदों के अनुसार, आयकर विभाग के अधिकारी करीब 25 से 30 गाड़ियों में बैठकर रेड मारने पाली पहुंचे हैं। ब्यावर जिले के रायपुर उपखंड के पिपलिया कला में दो औद्योगिक इकाई पर भी इनकम टैक्स ने छापा मारा है। सगे भाईयों की ये दोनों इकाइयां आमने सामने हैं। रेड के दौरान फैक्ट्री में काम करने वाली लेबर को गेट से बाहर ही रखा गया है। पूरी औद्योगिक इकाई में इस वक्त सर्च ऑपरेशन किया जा रहा है।
व्यापारियों में मचा हड़कंप
इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र में अन्य व्यापारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है। बता दें कि गोगड़ ग्रुप का डाइनिंग और प्रिंटिंग का कारोबार है। गोगड़ ग्रुप द्वारा प्रांजुल फैशन ब्रांड नाम से कारोबार किया जाता है। अभी तक सामने आया है कि दिल्ली व गुजरात के करीब 800 से ज्यादा आईटी अधिकारियों ने राजस्थान में कपड़ा, पैकेजिंग व रियल स्टेट कारोबारी के घरों व ऑफिस पर छापा मारा है।
अभी आईटी के किसी अधिकारी की और से कोई बयान जारी नहीं किया है। जोधपुर में शास्त्री नगर में व्यापारी के घर पर कार्रवाई चल रही है। कार्रवाई पूरी होने के बाद सामने आएगा कि व्यापारी कौन है और टीम को वहां कार्रवाई में क्या मिला है।
जयपुर में हुई थी बड़ी कार्रवाई…
जयपुर में नीलेश गढ़िया ग्रुप से जुड़े ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी में ब्लैकमनी को कमीशनखोरी में बांटने का बड़ा खुलासा हुआ। नीलेश घनश्याम भाई गढ़िया ग्रुप के कारोबारी सहयोगी हरीराम गोदारा के ठिकानों से आयकर विभाग ने लेजर बुक को जब्त किया। आयकर विभाग द्वारा जब्त की गई लेजर बुक में नीलेश गढ़िया ग्रुप द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से सरकारी कामकाज को संपन्न कराए जाने की बात लिखी है। किताब में घूसखोरी में ब्लैकमनी को बांटने का पूरा हिसाब दर्ज है। हरीराम गोदारा ग्रुप संचालकों ने लेजर में कमीशन बांटने के हिसाब किताब को कोड वर्ड में अंकित कर रखा था। आयकर विभाग के अधिकारियों ने सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों की मदद से पहले लेजर को क्रेक किया। उसके बाद लेजर में दर्ज कोड वर्ड को तोड़कर घूसखोरी का पूरा रिकॉर्ड चैक किया जा रहा है।