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Saturday, February 1

इंदिरा गांधी नहर से सिंचाई के लिए नहीं मिलेगा पानी, गेहूं की फसल पर मंडराया संकट

अभिनव न्यूज, बीकानेर। आने वाले दिन संभाग के किसानों के लिए परेशानी भरे रहने वाले हैं। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की बैठक में राजस्थान को फरवरी माह के लिए 3000 क्यूसेक पेयजल देने की मंजूरी दी गई है, लेकिन सिंचाई के लिए नहरी पानी नहीं मिलने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। इंदिरा गांधी नहर से जुड़े 15 जिलों के किसानों पर अब फसल खराब होने का खतरा मंडरा रहा है। 

दरअसल इस साल मानसून कमजोर रहने और भाखड़ा व पौंग बांध का जलस्तर घटने के कारण राजस्थान के पानी के हिस्से में कटौती करनी पड़ी है। हालात इतने गंभीर हैं कि इंदिरा गांधी नहर में सिंचाई के लिए पानी बंद कर दिया गया है। बीबीएमबी की बैठक में राजस्थान की विभिन्न नहरों में जल आपूर्ति को लेकर यह निर्णय लिया गया है। इंदिरा गांधी नहर- 3000 क्यूसेक केवल पेयजल, गंग कैनाल- 1400 क्यूसेक, भाखड़ा- 850 क्यूसेक, सिद्धमुख नोहर- 500 क्यूसेक, खारा प्रणाली की नहरें- 200 क्यूसेक। इंदिरा गांधी नहर हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर सहित 15 जिलों की कृषि और पेयजल आपूर्ति का मुख्य स्रोत है। नहरों में सिंचाई के लिए पानी बंद होने से गेहूं की फसल पर बुरा असर पड़ सकता है। फरवरी में गेहूं की पकाई के लिए नहरी पानी बेहद जरूरी होता है, लेकिन अब किसान सिंचाई के वैकल्पिक साधनों को लेकर असमंजस में हैं। इस मामले को लेकर किसानों का कहना है कि यदि जल्द ही सिंचाई जल की व्यवस्था नहीं की गई, तो गेहूं समेत अन्य फसलें प्रभावित होंगी। सरकार से किसानों ने जल प्रबंधन के वैकल्पिक उपाय निकालने और पानी की आपूर्ति बहाल करने की मांग की है।


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