अभिनव न्यूज, नेटवर्क। विश्व में मंकीपॉक्स के मामलों में तेजी से वृद्धि देखने को मिल रही है। इसके बाद WHO ने इस बीमारी को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। इसके बाद राजस्थान में भी चिकित्सा विभाग की ओर से इस बीमारी को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। हालांकि भारत में अभी तक इस बीमारी का कोई भी मामला सामने नहीं आया है।
क्या है मंकीपॉक्स
राजस्थान के सबसे बड़े SMS अस्पताल के अतिरिक्त अधीक्षक डॉ मनोज शर्मा का बताया कि, मंकीपॉक्स एक वायरस बीमारी है, जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है। इस बीमारी के लक्षण हरपीज और चिकन पॉक्स जैसे होते हैं। इस बीमारी को एम पॉक्स के नाम से भी जाना जाता है।
क्या हैं बीमारी के लक्षण
एमपॉक्स या मंकीपॉक्स बीमारी के लक्षणों की बात करें, तो इस बीमारी की चपेट में आने के बाद मरीज के शरीर पर मटर के दाने जितने बड़े दर्दनाक दाने निकल आते हैं। मरीज में तेज बुखार के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। मांसपेशियों में दर्द की शिकायत रहती है। इसके अलावा लिम्फ नोड्स में सूजन आ जाती है। कुछ मामलों में इस बीमारी से जान जाने का भी खतरा रहता है। चिकित्सकों की माने तो यदि कोई व्यक्ति इस वायरस की चपेट में आता है, तो तकरीबन 3 सप्ताह बाद उसे व्यक्ति में मंकी पॉक्स के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
किस तरह फैलता है और बचाव
एमपॉक्स या मंकीपॉक्स बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। इसके अलावा जानवरों का शिकार करते समय उनकी खाल उतारने समय या उन्हें पकाते समय इस बीमारी की चपेट में व्यक्ति आ सकता है। इसके अलावा संक्रमित जानवर के संपर्क में आने से या उसके खरोंचने से भी यह बीमारी फैल सकती है। इस बीमारी से बचाव की बात करें, तो वायरस से ग्रसित मरीज से दूरी बनाकर रखें। आमतौर पर इस बीमारी की पहचान RTPCR टेस्ट के माध्यम से की जाती है।चिकित्सकों का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति इस बीमारी की चपेट में आता है, तो उस व्यक्ति को आइसोलेट करना जरूरी है और त्वचा को सुख और खुला रखा जाए।