अभिनव न्यूज, लखनऊ। पुलिस महानिदेशक विजय कुमार ने सभी पुलिस आयुक्तों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों एवं पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि यदि रात के समय किसी भी बच्चे को थाने में रखा गया तो कार्रवाई होगी। दरअसल उप्र राज्य बाल संरक्षण आयोग ने इस पर डीजीपी को पत्र लिखकर आपत्ति जताई थी। कहा था कि कुछ मामलों में बालक बालिकाओं को कई दिनों तक थाने में रखा गया है।
आयोग की सदस्य डा. डा. शुचिता चतुर्वेदी ने 17 मई को डीजीपी को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा था कि आयोग को निरंतर ऐसी सूचनाएं मिल रही हैं कि बालिकाओं और बच्चों को रात्रि में थानों में रखा जा रहा है। कुछ मामलों में तो कई दिन इन्हें थाने में रखा गया जो जेजे एक्ट 2015 की धारा 8 (3) (i) के विरुद्ध है।
पॉक्सो एक्ट के तहत किसी भी बच्चे को थाने में रखना अनुचित ही नहीं, विधि विरुद्ध भी है। इस पर संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की सकती है। यदि रात में कोई बच्चा पुलिस को मिलता है तो उसे आश्रय गृहों में रखा जाए। जहां आश्रय स्थल नहीं है वहां वन स्टाप सेंटर में रखा जाए। इसी पर डीजीपी ने संज्ञान लिया है कहा है कि इन नियमों का कड़ाई से पालन करें।