अभिनव न्यूज, नेटवर्क। पैरा एथलीट मोना अग्रवाल ने अपने पहले पैरालंपिक में मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर दिया. उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल इवेंट (SH1) इवेंट में कांस्य पदक जीता. दो बच्चों की मां मोना ने मेडल जीतने के बाद अपने संघर्ष के दिनों को याद किया. उन्होंने बताया कि कैसे वह अपने बच्चों को छोड़कर ट्रेनिंग के लिए उनसे दूर जाती थीं और बच्चे अपनी मां की मासूमियत को देखते हुए उन्हें जीपीएस के जरिए घर आने को कहते थे. बच्चों को लगता था कि उनकी मां कहीं रास्ता ना भटक जाएं. अपने बच्चों से दूर रहने और यहां तक कि वित्तीय समस्याओं का सामना करने के संघर्षों से गुजरने के बाद मोना ने पैरालंपिक में पदक जीतने का अपना सपना पूरा किया.
मोना अग्रवाल (Mona Agarwal) हर दिन निशानेबाजी परिसर में उस समय इमोशनल हो जाती थीं जब उनके बच्चे वीडियो कॉल पर मासूमियत से यह समझते थे कि वह घर वापस आने का रास्ता भूल गई हैं. और उन्हें वापस लौटने के लिए जीपीएस की मदद लेनी होगी. पहली बार पैरालंपिक खेलों में भाग ले रही 37 साल की मोना ने शुक्रवार को महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल में ब्रॉन्ज मेडल जीता. वह काफी समय तक स्वर्ण पदक की दौड़ में बनी हुई थी जो अंततः भारत की अवनि लेखरा के पास गया.