अभिनव न्यूज, नेटवर्क। भीषण गर्मी एवं हीटवेव को देखते हुए जिला प्रशासन, उपनिदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 1 जून तक अवकाश घोषित किया है। बच्चों के अवकाश के दौरान उनका पोषाहार उन्हें टेक होम राशन (टीएचआर) के रूप में दिया जाएगा। मां-बाड़ी केन्द्र/डे-केयर सेंटर में 1 जून तक विद्यार्थियों के लिए अवकाश घोषित किया है।
गर्मी का सबसे खास समय नौतपा या रोहिणी शनिवार से शुरू हो गए। यह गर्मी के मौसम से जुड़ा एक शब्द है। इसका अर्थ होता है नौ दिनों की तपन। इन 9 दिनों में भीषण गर्मी का प्रभाव देखने को मिलता है। इस वर्ष नौतपा योग 24 मई से शुरू होकर 2 जून तक रहने वाला है। दरअसल इस दौरान पूरे 9 दिनों तक सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधी पड़ेंगी, इससे तापमान सारे रिकॉर्ड तोड़ेगा।
नौतपा क्यों जरूरी
नौतपा में यदि बारिश नहीं हुई तो फिर आने वाले समय में अच्छी बारिश होना माना जाता है। यदि नौतपा में बारिश हो गई या गर्मी कम पड़ी तो मानसून कमजोर बताया जाता है। नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर प्रभाव डालती है। इससे प्रचंड गर्मी पड़ती है। समुद्र एवं नदियों के पानी का वाष्पीकरण तेजी से होता है। इसी के प्रभाव से घने बादल बनते हैं। धरती से हवा गर्म होकर ऊपर की ओर उठ जाती हैं। इसका स्थान लेने के लिए पूर्व से हवा तेजी से आती है। यहीं मानसून के बादलों को हिंद महासागर से खींच लाती हैं और बारिश होती है। इसे ही मानसून कहा जाता है। यदि समुद्री क्षेत्रों में नौतपे के दौरान ही बारिश हो गई तो वाष्पीकरण की यह प्रक्रिया रुक जाती है और बादल कम बन पाते हैं। मान्यता है कि यदि इन नौ दिनों के दौरान ही बारिश होने लगे तो इसे नौपता या रोहिणी का गलना माना जाता है। फिर अच्छे मानसून की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है। कई ज्योतिषी मानते हैं कि यदि नौतपा के सभी दिन पूरे तपें, तो यह अच्छी बारिश का संकेत होता है।