अभिनव न्यूज
जोधपुर: जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट की एलडीसी परीक्षा का फर्जी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों में से पुलिस ने महिला ललिता व एक अभ्यर्थी किशनाराम को जेल भेज दिया है।
वहीं दो मुख्य आरोपियों रामनिवास गणपतराम को रिमांड पर लिया है। पुलिस अब डॉ. रामदीन निवासी ईसरनावड़ा जिला नागौर सहित अन्य 14 आरोपियों की तलाश कर रही है, जिनके मोबाइल पर पेपर की पीडीएफ सेंड हुई थी।
बता दें की रविवार सुबह 11:15 बजे ग्रामीण की जिला विशेष टीम को ग्रेड सैकंड 2022 प्रतियोगी परीक्षा का पेपर लीक होने की योजना बनाने वालों की सूचना मिली थी।
टीम ने पावटा चौराहे से गणपतराम मेघवाल निवासी नाडसर को पकड़कर पूछताछ की। मोबाइल की जांच की तो पता चला कि उसे हाईकोर्ट की परीक्षा के संबंध में रामनिवास मेघवाल निवासी खेड़ापा ने पीडीएफ भेजी है।
नंबर के आधार पर रामनिवास का पता किया तो वह भगत की कोठी क्षेत्र में मिला आरोपी रामनिवास को पकड़ा और उसके पास तीन मोबाइल मिले। एक मोबाइल में देखा तो उसने 17 वाट्सएप
नंबरों पर पेपर की पीडीएफ भेजी है। यह पेपर 10:30 बजे ही आ गया था, जिसे सभी को भेज दिया। रामनिवास ने बताया ललिता का है। कि उसका संपर्क अजमेर के रहने वाले शिवलाल से हुआ था, उसने डॉ. रामदीन निवासी ईसरनावड़ा जिला नागौर से मिलाया। उसी ने पेपर वाट्सएप पर भेजा था।
डॉक्टर से तीन लाख रुपए में पेपर का सौदा हुआ था। दो लाख एडवांस दिए थे। आरोपी रामनिवास के पास मिले तीन मोबाइल में से एक मोबाइल ललिता पत्नी कालूराम सोनी निवासी नागौर का मिला। मोबाइल में मिले प्रवेश पत्र की पेपर ललिता और सालाबाग में परीक्षा दे रहे किशनाराम को भी भेजा था।
फोटो से पता चला कि महिला रामेश्वर नगर अरेबिक पाठशाला में परीक्षा दे रही ललिता का है। पेपर ललिता और सालावास में परीक्षा दे रहे किशनाराम को भी भेजा था।
पुलिस रामेश्वर नगर पहुंची और ललिता से पूछताछ की। महिला से प्रश्न पत्र लेकर रामनिवास के मोबाइल में मिले प्रश्न पत्र से मिलाए तो मिलान नहीं हुआ, जिससे पता चला कि पेपर लीक नहीं हुआ है। पुलिस ने मामले में चारों आरोपी गणपत, रामनिवास, ललिता और किशनाराम को गिरफ्तार किया था।