अभिनव टाइम्स बीकानेर।
स्थानीय ग्रामीण हाट, मूर्ति सर्किल, जय नारायण व्यास कॉलोनी, बीकानेर में 10 दिवसीय हस्तशिल्प प्रदर्शनी -2022 का शुभारंभ गुरूवार को अर्जुनराम मेघवाल केन्द्रीय राज्य मंत्री के कर कमलों से किया गया। केन्द्र सरकार के वस्त्र मंत्रालय के मार्केर्टिग योजनान्तर्गत 10 दिवसीय प्रदर्शनी मरू क्राफ्ट प्रोडूयसर कम्पनी लिमिटेड के माध्यम से आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अर्जुनराम मेघवाल, केन्द्रीय राज्य मंत्री, भारत सरकार, नीरज के पवन, सम्भागिय आयुक्त, बीकानेर, मंजू नेण गोदारा, महाप्रबंधक, जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र, बीकानेर, रमेश तांबिया जिला विकास प्रबंधक, नाबार्ड, बीकानेर, नेशनल पुरूस्कार प्राप्त श्री शौकत अली उस्ता, कृष्ण चंद पुरोहित, चित्रकार राम कुमार भादाणी व चित्रकार कमल किशोर जोशी के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ। इस मेले में 20 स्टॉल हस्त निर्मित उत्पादों की लागाई जावेगी एवं अन्य धरेलु उपयोग हेतु 20 स्टॉल लगाई गयी है। अर्जुन राम मेघवाल ने सभी दस्तकार द्वारा लगाई स्टॉलों का
भ्रमण कर उन्हे आगे प्रोत्साहन हेतु उनके उत्पादन में नवीनीकरण के बारे में बताया। इस दौरान मेघवाल जी ने बताया कि भारत हस्तशिल्प का सर्वोत्कृष्ट केन्द्र माना जाता है, भारत में दैनिक जीवन की सामान्य वस्तुए भी कोमल कलात्मक रूप से गढी जाती है। मेले के आयोजनों से भारतीय हस्तशिल्पकारों की रचनात्मक को नया रूप प्रदान करने लगे हैं। भारत का प्रत्येक क्षेत्र अपने विशिष्ठ हस्तशिल्प को गौरवान्वित करता है। इन मेलो से कच्चा माल से विपणन की प्रासेसिंग के बारे में जानकारी ली, नवीन डिजाइन का निर्माण एवं उसके उपयोग के बारे में जानकारी प्रदान की। नीरज के पवन, सम्भागिय आयुक्त, बीकानेर बताया गया कि राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार के सहयोग से विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत आर्टीजनों के उत्थान हेतु मरू क्राफ्ट प्रोड्युसर कम्पनी लि., बीकानेर द्वारा निरन्तर कार्य किया जा रहा है। समाज में आवश्यक उपयोगी उत्पदों के कच्चा माल की उपलब्धता एवं विपणन प्रक्रिया किस प्रकार से ई कॉर्मस के माध्यम से एवं मेलों के आयोजन से की जा सकती है मंजू नेण गोदारा, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र, बीकानेर ने बताया कि राजस्थान कसीदाकारी एवं बंधनी काम के वस्त्रों हीरे जवाहरात जडे आभुषणों चमकते हुए नीले बर्तन और मीनाकारी के काम के लिए प्रसिद्ध है। उन्होने बताया कि उक्त कलाऐं हजारों सालो से पीढी दर पीढी पोषित होती आ रही है।
रमेश ताम्बिया, जिला विकास प्रबंधक, नाबार्ड, बीकानेर ने बताया कि कसीदाकारी राजस्थान के मरू प्रदेश बीकानेर की सर्वोत्तम कलाओं में से एक है इस कला को भौगोलिक संकेतक अस्थाई मिल चुका है तथा आगामी माह तक स्थाई पंजीकरण मिल जायेगा। बीकानेर में कसीदाकारी के लिए 2000-3000 आर्टीजन पंजीकृत है। जिसकी कार्यवाही उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, नई दिल्ली के कार्यालय में हस्तगत है। बीकानेर कसीदाकारी का अस्थाई भौगोलिक संकेत सं. 750 पर दर्ज है।