अभिनव न्यूज
जयपुर/बीकानेर। राजस्थान में आज फिर बारिश का दौर शुरू होगा। एक सक्रिय वेर्स्टन डिर्स्टबेंस के एक्टिव होने से गंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर, हनुमानगढ़ और बाड़मेर एरिया फिर बादलों से घिर गया। इन जिलों में आज दोपहर बाद तेज हवा चलने के साथ बारिश और कहीं-कहीं ओले गिर सकते हैं।
वहीं, इस सिस्टम का असर 30 और 31 मार्च को सर्वाधिक देखने को मिलेगा। जिसे देखते हुए राजस्थान में 30 और 31 मार्च के लिए 8 से ज्यादा जिलों को ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
मौसम केन्द्र जयपुर ने किसानों को अलर्ट जारी किया है कि फसलों को बचाने के लिए उनका सुरक्षित स्थानों पर भंडारण करें।
जयपुर मौसम केन्द्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया- साउथ-वेस्ट राजस्थान में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। जबकि 30 मार्च को एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन पश्चिमी राजस्थान के ऊपर बनने की संभावना है।
इन सिस्टम के साथ ही जो वेर्स्टन डिर्स्टबेंस आ रहा है। उससे राजस्थान में थंडरस्टॉर्म गतिविधियां होगी। 30 और 31 मार्च को इस सिस्टम का तेज असर देखने को मिलेगा। उत्तर-मध्य और उत्तर-पूर्वी राजस्थान के जिलों में देखने को मिलेगा।
कल सबसे तेज रहेगा सिस्टम का असर
इस सिस्टम का सबसे ज्यादा और तेज असर कल यानी 30 मार्च को पड़ेगा। इससे आधे से ज्यादा राजस्थान में बारिश-आंधी चलने के साथ कई स्थानों पर तेज ओलावृष्टि भी हो सकती है।
30 मार्च को बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनूं, जोधपुर, पाली, अजमेर, नागौर और सीकर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
यहां बारिश-ओलावृष्टि के साथ 40 किलोमीटर की स्पीड से हवा चलने की संभावना है। जबकि जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर, सिरोही, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, जयपुर, अलवर, टोंक, सवाई माधोपुर, भरतपुर, दौसा, धौलपुर, करौली और बारां-कोटा में भी इस सिस्टम का असर देखने काे मिलेगा। इन जिलों में भी बारिश और कहीं-कहीं ओले गिर सकते हैं।
31 मार्च को भी पूर्वी राजस्थान में होगी बारिश-ओलावृष्टि
31 मार्च को इस सिस्टम का असर भरतपुर, जयपुर और कोटा संभाग के जिलों में देखने को मिलेगा। भरतपुर, धौलपुर, करौली, अलवर, झुंझुनूं, सवाई माधोपुर और दौसा जिलों के लिए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
जबकि कोटा, बारां, बूंदी, जयपुर, टोंक, अजमेर, नागौर चूरू और हनुमानगढ़ में भी इस दिन कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
बिजली भी गिरने की आशंका
मौसम विभाग ने इस सिस्टम के असर से राज्य में कई स्थानों पर तेज लाइटिंग (बिजली कड़कने) की भी आशंका जताई है।
निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि ऐसी स्थिति में बिजली गिरने की भी आशंका रहती है। इसलिए लोगों को सलाह दी जाती है कि थंडर स्ट्राम के दौरान लोग पानी के स्टोरेज पॉइंट (तालाब, कुंड या अन्य जगह) के अलावा पेड़ या खुले खेत में न रहे।