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Saturday, November 23

वली मोहम्मद ग़ौरी के ग़ज़ल संग्रह ‘अमानत’ का लोकार्पण समारोह

अभिनव न्यूज, बीकानेर। अज़ीज़ आज़ाद लिटरेरी सोसायटी और अदब सराय बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में शाइर वली मोहम्मद ग़ौरी के राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर के आर्थिक सहयोग से प्रकाशित पहले ग़ज़ल संग्रह ‘अमानत’ का लोकार्पण समारोह महाराजा नरेंद्र सिंह ऑडिटोरियम श्री जुबिली नागरी भण्डार में आयोजित किया गया। अदब सराय बीकानेर के क़ासिम बीकानेरी ने बताया कि लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता टोंक के वरिष्ठ शाइर एवं समालोचक सैयद साबिर हसन रईस ने की। रईस ने अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि बीकानेर का अदबी माहौल बहुत समृद्ध है। यहां उर्दू,हिंदी और राजस्थानी तीनों भाषाओं की त्रिवेणी देखने को मिलती है। समारोह के मुख्य अतिथि शाइर एवं समालोचक डॉ. मोहम्मद हुसैन ने कहा कि वली मोहम्मद ग़ौरी बहु आयामी प्रतिभा के धनी साहित्यकार हैं। आप अपने दौर की सामाजिक विद्रूपताओं एवं कुरीतियों को अपनी ग़ज़लों के माध्यम से ख़ूबसूरती के साथ पेश करते हैं।आपकी शाइरी नाज़ुक एहसास की शाइरी है। विशिष्ट अतिथि शाइर इरशाद अज़ीज़ ने कहा कि शाइर ज़माने की ख़ुशबू की बात करता है लेकिन खरी बात कहने से भी पीछे नहीं हटता । शाइरी का कैनवास बहुत बड़ा होता है, वली मोहम्मद ग़ौरी ग़लत बात को आइना दिखाने से कभी पीछे नहीं हटते।

प्रोग्राम के स्वागताध्यक्ष मुफ़्ती अशफ़ाक़ ग़ौरी मंज़री ने सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि आज उनके वालिदे मोहतरम की पुस्तक के लोकार्पण समारोह में बीकानेर के तमाम साहित्यकारों एवं प्रबुद्धजनों ने पधार कर हमें जो सम्मान दिया है उसके लिए हम हमेशा उनके ऋणी रहेंगे।
पुस्तक पर पत्र वाचन करते हुए शाइर डॉ. ज़िया उल हसन क़ादरी ने कहा कि वली मोहम्मद ग़ौरी की शाइरी एहसास की शाइरी है। वे अपने ज़माने की नाहमवारियों के ख़िलाफ़ बुलंद हौसले के साथ अपनी आवाज़ बुलंद करते हैं। रवि शुक्ल ने कहा कि वली मोहम्मद ग़ौरी अपनी शाइरी में ज़माने से जो उनको मिला है वही अमानत के रूप में लौटाने की बात करते हैं। उनकी शाइरी में मोहब्बत है तो तल्ख़ी भी है। समारोह में पाठकीय टिप्पणी प्रस्तुत करते हुए वरिष्ठ नाटककार- पत्रकार मधु आचार्य आशावादी ने कहा कि वली मोहम्मद ग़ौरी की शाइरी उर्दू अदब की अमानत है जिसने उर्दू अदब को सलीक़ा दिया है। क़ासिम बीकानेरी ने समारोह की निजामत की। इस अवसर पर शाइर वली मोहम्मद ग़ौरी ने अमानत ग़ज़ल संग्रह से अपनी बेहतरीन ग़ज़लें पेश की। इस अवसर पर अज़ीज़ आज़ाद लिटरेरी सोसायटी और अदब सराय बीकानेर की तरफ से शाइर वली मोहम्मद ग़ौरी का अभिनंदन किया गया। सम्मान के क्रम में शाइर वली मोहम्मद ग़ौरी का शॉल, साफ़ा,अभिनंदन पत्र,स्मृति चिन्ह और माल्यार्पण द्वारा सम्मान किया गया। समारोह का प्रारंभ तिलावते-क़ुरआन से नन्हे बालक सय्यद ज़िया मोहम्मद बीकानेरी ने किया। हम्दे-पाक हाफ़िज़ फ़ैज़ान उमर साक़िबी ने पेश की।
लोकार्पण समारोह में नगर की 25 संस्थाओं द्वारा शाइर वली मोहम्मद ग़ौरी को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में अनेक प्रबुद्धजन मौजूद थे जिनमें नंदकिशोर सोलंकी, राजेंद्र जोशी, संजय पुरोहित, राजेंद्र स्वर्णकार, आत्माराम भाटी, प्रेम नारायण व्यास, इमदादुल्लाह बासित, इस्हाक़ ग़ौरी शफ़क़, अब्दुल शकूर सिसोदिया बीकाणवी, डॉ. मोहम्मद फ़ारूक़ चौहान,शमीम अहमद शमीम,मोइनुद्दीन मूईन गुलफ़ाम हुसैन आही,अनीस अहमद, तबस्सुम ग़ौरी,वसीम ग़ौरी,किशन नाथ खरपतवार, मोइनुद्दीन कोहरी सैयद अख्तर अली, साबिर गोल्डी एड. सैयद इशाक अली, सरोज कालरा, मुश्ताक अहमद शम्मी, ओमप्रकाश सुथार, जब्बार जज़्बी, सागर सिद्दीक़ी, मोहम्मद आरिफ़ मौजूद थे। अंत में आभार ज्ञापन साहित्यकार- पत्रकार हरीश बी. शर्मा ने किया।

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