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Saturday, November 23

! वन अधिकारियों…:बच्चे हिरणों को देख खुश होते हैं, पत्तियां खिलाते हैं, उनकी खुशी ना छीनें

अभिनव टाइम्स | चिड़ियाघर से 58 चीतल बूंदी के रामगढ़ में विषधारी सैंचुरी भेजने की तैयारी जा रही है। यहां केवल 57 हिरण ही रह जाएंगे। इससे पहले 48 काले हिरण झुंझुनूं के कंजर्वेशन रिजर्व बीड़ भेजे गए थे। चिड़ियाघर में धीरे-धीरे हिरणों की संख्या कम की जा रही है। फिलहाल चिड़ियाघर में 115 हिरण ही बचे हैं। इनमें से भी 58 चीतल को गुपचुप तरीके से बूंदी के रामगढ़ में विषधारी सैंचुरी भेजे जा रहे हैं। अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक ने इसके आदेश भी जारी कर दिए हैं। वन अधिकारियों ने हिरणों को भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। एक तरफ बीछवाल के 25 हेक्टेयर में 25 करोड़ रुपए की लागत से बायोलॉजिकल पार्क बनाया जा रहा है जहां तीन प्रजाति के चिंकारा, चीतल और काले हिरण रखने के लिए करीब 90 लाख रुपए की लागत से अलग-अलग पिंजरे बनाए जा रहे हैं। दूसरी ओर, बीकानेर से हिरणों को लगातार अन्य जिलों में भेजा जा रहा है। वन विभाग के इस फैसले से अब एक बार फिर आम जनता और खासकर जीव प्रेमियों को झटका लगेगा। जीव प्रेमियों ने पहले भी हिरणों काे बाहर भेजने का विरोध किया था।

  • 1000 से ज्यादा हिरण थे बीकानेर चिड़ियाघर में
  • 48 हिरण अप्रैल में झुंझुनूं कंजर्वेशन रिजर्व बीड़ भेजे
  • 115 ही बचे हैं अब इन्हें भी शिफ्ट किया जा रहा

सीजेडएआई से मान्यता नहीं, इसलिए भेज रहे : ताेमर
अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने अरविंदम तोमर ने बीकानेर के मुख्य वन संरक्षक से कहा है कि बीकानेर से 58 चीतल को बूंदी भेजा जाए। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि बीकानेर के जंतुआलय को केन्द्रीय जंतुआलय प्राधिकरण से मान्यता प्राप्त नहीं है। जंतुआलय में रहने वाले वन्यजीव प्राकृतिक पर्यावास में रहने के अनुभवी नहीं होते हैं। इनको ना तो भोजन ढूंढ़ना आता है और ना ही उसके लिए परिश्रम कर पाते हैं। मौसम को ध्यान में रखते हुए 58 चीतल को बूंदी के रामगढ़ में विषधारी सैंचुरी भेजा जाए।

सरकार के समक्ष इस फैसले का विरोध करेंगे : बिश्नोई
नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने कहा कि बीकानेर में बायोलॉजिकल पार्क बनाया जा रहा है। वहां अलग-अलग प्रजाति के हिरणों को रखने की व्यवस्था भी कर रहे हैं तो फिर उन्हें लगातार बीकानेर से बाहर क्यों भेजा जा रहा है। राज्य सरकार के समक्ष इस फैसले का विरोध किया जाएगा। तीन-तीन मंत्रियों के बावजूद बीकानेर की उपेक्षा की जा रही है जिसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर हिरण बाहर भेजे गए तो जीव प्रेमियों के साथ मिलकर आन्दोलन करेंगे।

बच्चों के लिए पब्लिक पार्क में शुरू किया रेस्क्यू सेंटर
बीकानेर में आमजन और जीव प्रेमियों के हिरणों के प्रति लगाव को देखते हुए 10 मई को ही संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन और कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने पब्लिक पार्क में रेस्क्यू सेंटर शुरू किया था। इसके लिए पब्लिक पार्क में पुराने चिड़ियाघर की दीवार तोड़कर बड़ा गेट और जाली लगाई गई। आमजन और खासकर बच्चे शाम को पार्क पहुंचकर हिरणों की अठखेलियां देखकर रोमांचित होते हैं। बीकानेर जिले में एक समय 1000 से ज्यादा हिरण पब्लिक पार्क में कुलांचे भरते थे। लेकिन, जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण धीरे-धीरे इन्हें दूसरे जिलों में भेजा जाने लगा।

जीव प्रेमियों को हिरणों से लगाव
बीकानेर में जीव प्रेमियों, खासकर बिश्नोई समाज के लोगों को हिरणों को विशेष लगाव है। जिले में कहीं भी हिरण शिकार की वारदात हो तो पुलिस और वन विभाग से पहले पहुंचते हैं और शिकारियों को पकड़वाने में जान की बाजी तक लगा देते हैं। घायल हिरणों का इलाज कराते हैं तथा ठीक होने तक उसका पूरा ध्यान भी रखते हैं। बीकानेर से हिरणों को बूंदी भेजना जीव प्रेमियों के लिए निराशाजनक है।

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