Welcome to Abhinav Times   Click to listen highlighted text! Welcome to Abhinav Times
Friday, September 20

वनरक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने की आशंका: दो को किया गिरफ्तार

अभिनव न्यूज।
जयपुर: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से 2300 पदों के लिए तीसरी पारी की वनरक्षक भर्ती परीक्षा शुरू हो गई है। 30 जिलों में 5057 परीक्षा केंद्रों पर भर्ती परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। पहले दिन ही पेपर लीक के मामले में दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

दरअसल, शनिवार को राजसमंद के रेलमगरा थाना क्षेत्र में पेपर का फोटो खींचकर आंसर सीट सोशल मीडिया पर आ गई थी। इसके बाद पुलिस ने करौली के दीपक शर्मा को हिरासत में लिया था। करौली निवासी दीपक शर्मा से पूछताछ की। दीपक ने वनरक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर दौसा में लालसोट क्षेत्र के गांव अजयपुरा के हेमराज मीणा के बारे में बताया।

पुलिस की स्पेशल टीम ने परीक्षा देकर लौटते वक्त मोबाइल लोकेशन ट्रेस के आधार पर लालसोट रेलवे स्टेशन के पास से हेमराज मीणा को दबोचा। दौरा के पीजी कॉलेज में हेमराज का सेंटर आया था। हेमराज ने परीक्षा शुरू होने के साथ ही आंसर शीट भेजने की बात स्वीकार की है। जिसे हिरासत में लेकर कोतवाली पुलिस के सुपुर्द किया गया है। जहां हेमराज से भी पूछताछ जारी है।

बिजली निगम उदयपुर में नौकरी करता है दीपक

बता दें कि करौली निवासी दीपक शर्मा उदयपुर में बिजली निगम में नौकरी करता है। जिसे रेलमगरा में तकनीकी सहायक है। रेलमगरा थाना पुलिस ने ही पकड़ा है। उसने जिन-जिन को पेपर भेजने की बात कही, वहां संबंधित पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं, हेमराज मीणा जयपुर में किराए से रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने की बात कही है। ऐसे में पुलिस फ़िलहाल पुलिस की टीम जयपुर करौली उदयपुर समेत प्रदेशभर में कुछ और युवकों की तलाश में जुटी है।

12 संदिग्धों को पुलिस ने पकड़ा

राजसमंद पुलिस ने अब तक वनरक्षक पेपर लीक प्रकरण में प्रदेश के 6 जिलों में 12 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। फिलहाल पुलिस की जांच जारी है। दोपहर बाद राजसमंद एसपी सुधीर चौधरी इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोपियों की जानकारी देंगे।

पुलिस रिपोर्ट के बाद लेंगे फैसला
कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा ने कहा कि राजसमंद और दौसा में पेपर लीक मामले में पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनसे पूछताछ की जा रही है। आज शाम तक पुलिस और एसओजी की टीम रिपोर्ट तैयार करेगी। उसके आधार पर ही कर्मचारी चयन बोर्ड पेपर लीक को लेकर फैसला लेगा। फिलहाल मामले की जांच जारी है। ऐसे में बिना जांच पूरे हुए पेपर लीक का फैसला ले पाना संभव नहीं है।

इसमें सबसे ज्यादा 215 परीक्षा केंद्र जयपुर शहर में बनाए गए हैं। जहां 1 लाख 59 हजार 954 अभ्यर्थियों ने भर्ती परीक्षा देने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। वहीं, इससे पहले शनिवार को पहली पारी में 49.19%, जबकि दूसरी पारी में 51.62% अभ्यर्थी मौजूद रहे। जो आवेदन के मुकाबले आधे थे। वहीं, पूरे राज्य में 2300 पदों के लिए होने वाली भर्ती परीक्षा में प्रदेश के 16 लाख 36 हजार 516 अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है।

परीक्षा शुरू होने बाद एग्जाम सेंटर पर प्रवेश नहीं

कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा प्रदेश के 30 जिलों में ही वनरक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इनमें जयपुर, अजमेर, अलवर, भरतपुर, बीकानेर, भीलवाड़ा, श्रीगंगानगर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर, बूंदी, बारां, झालावाड़, पाली, धौलपुर, सीकर, झुंझुनू, नागौर, दौसा, सवाईमाधोपुर, चूरू, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, हनुमानगढ़ और प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय पर परीक्षा केंद्र बनाए गए है। जहां अभ्यर्थी को परीक्षा केन्द्र पर परीक्षा समय के 1:30 घण्टे पहले तक ही एंट्री दी जा रही है। ताकि तलाशी के बाद आप समय पर एग्जाम रूम में तय सीट पर बैठ सकें।

ज्वेलरी पहन परीक्षा केंद्र में नहीं मिलेगा प्रवेश

वनरक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थी परीक्षा केंद्र में घड़ी, चेन, अंगूठी, कान के टॉप्स, लॉकेट या किसी भी प्रकार के आभूषण पहनकर नहीं जा सकते हैं। इन सभी आभूषणों के पहनने पर रोक रहेगी। इसके आलावा पर्स, हैंडबैग या डायरी लाने पर भी रोक है। अगर अभ्यर्थी परीक्षा के दौरान अपने साथ इनमें से कुछ भी लाते हैं। तो उन्हें इसे परीक्षा केंद्र के बाहर रखना होगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी भी परीक्षार्थी की ही होगी।

लापरवाही पड़ सकती है भारी

वनरक्षक भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थी केंद्र पर किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे कि मोबाइल, ब्लूटूथ, कैल्कुलेटर भी नहीं ला सकते हैं। ऐसे में अगर इनमें से कोई भी वस्तु अगर अभ्यर्थी के पास मिली। तो उसके खिलाफ अनुचित साधनों की रोकथाम अधिनियम 1992 के तहत कार्रवाई होगी। वहीं परीक्षा के दौरान नकल और धांधली करने पर राजस्थान में नकल के खिलाफ बने कानून के तहत 10 से 12 साल की सजा के साथ आरोपी की सम्पति सीज कर उससे जुर्माने वसूला जाएगा।

Click to listen highlighted text!