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Friday, September 20

जिले में कहर बरपा रहा फूड पाइजनिंग:तेजी से बढे़ मामले, थोड़ी लापरवाही पड़ सकती है भारी, दो बच्चों की हो चुकी है मौत

अभिनव न्यूज
झुंझुनूं
इन दिनों गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है, पारा 40 के पार पहुंचने लगा है, ऐसे में उल्टी दस्त और फूड पॉइजनिंग के मामले भी तेजी से बढ़ने लगे है। जिला- ब्लॉक अस्पताल व निजी चिकित्सालयों में तापमान बढऩे के साथ ही उल्टी, दस्त और डिहाइड्रेशन के मरीज भी पहुंचना शुरू हो गए है। साथ ही फूड पॉइजनिंग के मामले भी तेजी से सामने आ रहे है।

चिकित्सकों की माने तो तापमान में आए बदलाव के कारण एकाएक उल्टी, दस्त, पेट दर्द और डिहाइड्रेशन के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। दो सगी बहनां की मौत इन दिनों जिले में फूट पॉइजनिंग के मामले तेजी से सामने आ रहे है।

तीन दिन पहले भी गुढ़ागौड़जी के सीथल गांव में फूड पॉइजनिंग से एक ही परिवार के पांच लोग बीमार हो गए थे, जिसमें दो सगी बहनों की मौत हो गई थी। जबकि तीन लोगों की हालात गंभीर हो गई थी, जिनका बीडीके अस्पताल में अभी भी इलाज जारी है।

इसी दिन चिड़ावा के अरड़ावता ग्राम पंचायत की खेमू की ढाणी में भी फूड पॉइजनिंग से छह लोग बीमार हो गए थे। इनमें से दो को हिसार तथा चार को झुंझुनूं रेफर करना पड़ा। ऐसे में डॉक्टर विशेष सतर्कता बरतने की नसीहत दे रहें हैं।

क्या कहते डॉक्टर फिजिशियन डॉ कैलाश राहड़ ने बताते है कि फूड प्वाइजनिंग का मुख्य कारण संक्रमित खानपान है, आमतौर पर हम रखा या बासी(ठंडा) भोजन कर लेते हैं। गर्मी के दिनों पर खाद्य पदार्थ जल्दी खराब हो जाते हैं।

इस कारण फूड प्वाइजनिंग होने की संभावना बढ़ जाती है। दूषित और संक्रमित पानी या अन्य पेय पदार्थ का सेवन करने से भी फूड प्वाइजनिंग होती है। अधिकांश देखा जाता है कि घरों में बचे भोजन या अन्य खाद्य पदार्थ को फ्रीज में रखा जाता है और उपयोग के समय उसे पुनः गर्म किया जाता है या फ्रीज से निकालने के कुछ देर बाद खाया जाता है।

असल में कोई भी खाद्य पदार्थ जब फ्रीज में रखा होता है तो ठीक, पर फ्रीज से बाहर निकलने पर उसके तापमान में बदलाव होता है, इससे खाद्य पदार्थ खराब होने लगता है और उसके उपयोग से फूड प्वाइजनिंग की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में बासी खाने का कम से कम इस्तेमाल करें, हल्का खाने का इस्तमाल करें। साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।

यह सावधानी बरतें दही या छाछ का इस्तेमाल करें फूड प्वाइजनिंग के दौरान आहार में दही या छाछ को शामिल करना चाहिए। इससे पेट को ठंडक मिलती है। पेट में पानी की कमी दूर होती है। इसके अलावा तरबूज और खीरे का सेवन डिहाइड्रेशन और फूड प्वाइजनिंग में राहत दे सकता है।

साफ – सफाई जरूरी फूड प्वाइजनिंग होने पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। घर में भी साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें ताकि इस बीमारी से बचा सके। ओआरएस फूड प्वाइजनिंग से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। समय-समय पर ओआरएस लेते रहने से कुछ राहत मिलती है। सादा और स्वच्छ भोजन फूड प्वाइजनिंग होने पर तेल, मसालों और ज्यादा मिर्च नहीं लेनी चाहिए। ऐसे में दलिया, खिचड़ी, रोटी और सादी सब्जी लाभ देते हैं।

यह लक्षण खतरे के संकेत पेट में दर्द और मरोड़ भूख न लगना दस्त होना ठंड लगना और बुखार आना मल में खून आना उल्टी होना लगातार सिरदर्द होना कमजोरी फूड प्वाइजनिंग गंभीर होने पर दिखाई देने वाले लक्षण तीन से अधिक दस्त होना मुंह सूखना पेशाब में खून आना पेट में एसिड की मात्रा बढ़ना पेशाब कम या न होना 102 डिग्री से अधिक बुखार होना पेट में असहनीय दर्द होना

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