अभिनव टाइम्स | खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जुड़वाने के लिए राज्य सरकार की ओर से दाे चरणाें में खाेले गए पाेर्टल में जिले से 71 हजार फार्म जमा हुए है। पहले चरण में पाेर्टल पांच से 30 अप्रैल के बीच खाेला गया। उस समय 54 हजार फार्म जमा हुए। लाेगाें ने नाराजगी जाहिर की सर्वर प्रॉब्लम के चलते आखिरी पांच दिन में आवेदन करने में दिक्कत आई।
यह मामला जनप्रतिनिधियों ने भी उठाया। तब जाकर सरकार ने 12 से 28 मई के लिए फिर पाेर्टल पर आवेदन मांगे, जिस समय 17 हजार आवेदन जमा हुए। राज्य सरकार ने मई 2020 में आवेदन लेने की प्रक्रिया राेक दी थी। दाे साल बाद आवेदन अब लिए गए हैं। अब एसडीएम लेवल पर फार्माें की जांच हाेगी। उसके बाद ही पात्र व्यक्तियों का चयन हाेगा। इस काम में कितना समय लगेगा। यह कहना इसलिए संभव नहीं है, क्योंकि सरकार ने अभी तक एसडीएम काे पात्र व्यक्तियों का चयन करने संबंधी आदेश ही जारी नहीं किए है।
उधर डीएसओ भागूराम महला ने बताया कि फार्माें का प्राेसेस चल रहा है। गाैरतलब है कि राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2 अक्टूबर 2013 से लागू किया गया था। याेजना में नाम जाेड़ने के लिए पात्र परिवारों का चयन राज्य सरकार करती है। राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अधिसूचित मापदंडाें के अनुरूप पात्र परिवारों का चयन 32 समावेशन श्रेणियों और 7 निष्कासन श्रेणियों के मापदंडाें के आधार पर अपील प्रक्रिया से किया जाता है।
सरकारी कर्मचारियाें से 1.75 कराेड़ वसूले
रसद विभाग 13 साै सरकारी कर्मचारियाें से अब तक एक कराेड़ 75 लाख रुपए वसूल चुका है। अब 369 कर्मचारियाें ने वसूली हाेना बाकी हैं। इन कर्मचारियाें के अधिकारियाें काे वसूली के लिए पत्र भेजे जा चुके हैं। इन कर्मचारियाें ने जरूरतमंद लाेगाें का गेहूं डीलर से उठाया था। सर्वे में मालूम चलने के बाद अब सरकार 27 रुपए किलाे के हिसाब संबंधित कर्मचारियाें से वसूली कर रही है।
प्रति व्यक्ति दस किलाे मिलता है गेहूं
खाद्य सुरक्षा याेजना में शामिल प्रति व्यक्ति काे पांच किलाे और उसी व्यक्ति काे पांच किलाे गेहूं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण याेजना के अंतर्गत दिया जाता है। काेविड के समय केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई इस याेजना काे नवंबर 22 तक के लिए बढ़ा दिया है। जिले में याेजना में दाे लाख 84 हजार परिवार शामिल है। इसमें सदस्य 12.50 लाख है।