अभिनव टाइम्स। जोधपुर. पिता ने पहले अपने 2 बेटों की हत्या की, फिर खुद सुसाइड कर लिया। बुधवार शाम को पत्नी खेत से लौटी तो दोनों बेटों की लाश आंगन में पड़ी थी। बदहवास पत्नी दूसरे कमरे में गई तो पति की लाश फंदे से झूल रही थी। उसके मुंह से चीख निकली और वह वहीं बेसुध होकर गिर पड़ी। घटना की जानकारी मिलते ही पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। मामला जोधपुर के झंवर इलाके का है।
40 साल का रूपाराम पटेल परिहारों की ढाणी में ही किसानी करता था। पत्नी सीता (38) खेती में हाथ बंटाती थी। बुधवार दोपहर 12.30 बजे खेत में काम कर रहे रूपाराम ने पत्नी सीता से कहा कि वह थक गया है। घर जाकर थोड़ी देर आराम करेगा। रूपाराम घर आ गया। सीता खेत पर काम करती रही। घर जाने के बजाय रूपा राम अपने ससुराल नजदीकी सर गांव चला गया। सर गांव सीता का पीहर है, जहां रहकर उसके दोनों बेटे पढ़ाई कर रहे थे। दोनों बच्चे मामा ओमप्रकाश के बच्चों के साथ ही मॉर्डन स्कूल जाते थे।
बड़ा बेटा रामा (10) परिहारों की ढाणी में घर पर ही था। रामा 7वीं क्लास का स्टूडेंट था। उसके स्कूल का टूर गया था। वह टूर पर नहीं गया, इसलिए घर आ गया था। रूपाराम अपने छोटे बेटे कृष्ण (8) को लेने सर गांव गया था। कृष्ण 5वीं क्लास का स्टूडेंट था। शाम को दोनों बेटों का रूपाराम ने गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद चारे के कमरे में जाकर सुसाइड कर लिया।
दोपहर में बच्चे को लाया
रूपाराम का साला ओमप्रकाश मेडिकल का काम करता है। ओमप्रकाश ने बताया कि रूपाराम बच्चों को अक्सर घर से लेकर जाता था। वह पहले फोन कर दिया करता था कि बच्चों को लेने आ रहा हूं। बुधवार को उसने फोन नहीं किया। रूपाराम दोपहर 1.30 से 2 बजे के बीच कृष्ण को ले गया था। ओमप्रकाश ने कहा कि रूपाराम से आखिरी बार मंगलवार को बात हुई थी। तब उसने कोई ऐसी बात नहीं बताई कि वह परेशान है। सोचा नहीं था कि रूपाराम इतना बड़ा कदम उठाने जा रहा है।
कुछ वक्त पहले तक रूपाराम जोधपुर में गाड़ी चलाता था। वह मंथली 15 हजार रुपए कमाता था। गाड़ी चलाना छोड़ खेती-बाड़ी करने लगा था। पति-पत्नी दोनों खेती में व्यस्त रहते थे। इसलिए बच्चे सर गांव में मामा के यहां पढ़ते थे। सुसाइड के समय घर में कोई नहीं था। रूपाराम तीन भाई था। उसके अन्य दोनों भाई भी परिहारों की ढाणी में ही रहते हैं।
पुश्तैनी जमीन के कारण परेशान था
परिजनों ने कहा कि घर में ऐसी कोई परेशानी नहीं थी। उसके भाइयों के नाम पुश्तैनी जमीन थी, उन पेपर में रूपाराम का नाम नहीं था। इस वजह से वह परेशान रहता था। रूपाराम का बड़ा भाई जेसीबी का कॉन्ट्रैक्ट लेता है। रूपाराम पहले भाई के साथ काम करता था। दूसरे नम्बर का भाई खेती करता है। पिता की जमीन के पेपर्स में रूपाराम का नाम नहीं था। इसे लेकर वह मायूस रहता था।
कोई कर्ज नहीं था
परिजनों का कहना है कि ऐसी कोई वजह नजर नहीं आती, जिसकी वजह से रूपाराम इतना बड़ा कदम उठाए। रूपाराम पर कोई कर्ज भी नहीं था। उसने 10 लाख का लोन लिया था, जो पूरा हो चुका था। परिवार में भी कोई कलह नहीं थी।
थाना अधिकारी मनोज कुमार परिहार ने बताया कि पुलिस बुधवार रात परिहारों की ढाणी निवासी रूपाराम के घर पहुंची तो रामा और कृष्ण के शव एक कमरे में मिला। दूसरे कमरे में रूपाराम पटेल का शव फंदे से लटका मिला। तीनों के शव जोधपुर एम्स में रखवाए थे। बुधवार को पोस्टमॉर्टम करवाया गया था।
रूपाराम के दोनों बेटों के शव पास-पास पड़े थे। कुछ सवाल पुलिस को भी हैरान कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि दोनों बच्चों को एक साथ नहीं मारा जा सकता। एक को मारने के प्रयास में दूसरा बच्चा कोई प्रतिक्रिया दे सकता था या भाग सकता था। परिहारों की ढाणी से सर गांव की दूरी करीब 1 घंटे की है। इस दौरान रूपाराम के विचारों में बदलाव आ सकता था। मिलनसार, सरल और खुशमिजाज रूपाराम के जीवन में कोई ऐसी बड़ी वजह नहीं थी कि वह बेटों को मारकर सुसाइड कर बैठे। गांव वालों का कहना है कि रूपाराम अपने दोनों बच्चों से बहुत प्यार करता था। इसलिए उनके मर्डर की बात पर विश्वास नहीं हो रहा।
झंवर थाना अधिकारी मनोज कुमार परिहार ने कहा कि पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की जांच की दिशा तय होगी। सीता का कहना था कि दोनों बच्चों के शव आंगन में नीचे पड़े मिले, जबकि पुलिस कह रही है कि बच्चों के शव कमरे में मिले। पुलिस जांच के बाद ही हकीकत सामने आएगी।