Welcome to Abhinav Times   Click to listen highlighted text! Welcome to Abhinav Times
Sunday, November 24

नगर निगम की असाधारण सभा:आयुक्त की बुलाई बैठक में नहीं आई मेयर…

अभिनव टाइम्स | बीकानेर नगर निगम के लिए शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक रहा, जब साधारण सभा का विरोध विपक्ष ने नहीं बल्कि सत्ता पक्ष की ओर से किया गया। स्वयं मेयर ने इस मीटिंग का बहिष्कार कर दिया। मेयर के समर्थन में भाजपा के पार्षद अनुपस्थित रहे लेकिन जिन्हें मेयर के विरोध में उपस्थित रहना था, वो कांग्रेसी पार्षद भी आधे अधूरे ही पहुंचे। साधारण सभा की वैधानिकता साबित करने के लिए उन सभी पार्षदों को उपस्थित मान लिया गया, जो मीटिंग स्थल पर आए थे और कैमरे में कैद हो गए।

मेयर सुशीला कंवर राजपुरोहित और आयुक्त गोपालाराम बिरधा के बीच लंबे अर्से से विवाद चल रहा है। इसी विवाद के बीच आयुक्त ने शुक्रवार को मीटिंग बुलाई। पहले से तय था कि मेयर इस मीटिंग में नहीं आएगी क्योंकि मीटिंग के लिए उनकी तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं था। ऐसे में माना जा रहा था कि कांग्रेस के पार्षद ज्यादा से ज्यादा संख्या में उपस्थित रहेंगे लेकिन इसके विपरीत एक दर्जन कांग्रेस पार्षद ही मीटिंग में उपस्थित रहे। वहीं कुछ पार्षद नगर निगम तो आए लेकिन मीटिंग हॉल में ज्यादा देर नहीं रुके।

एक दिन के मेयर बने जावा

मेयर की अनुपस्थिति में पार्षद नन्दलाल जावा की अध्यक्षता में मीटिंग की गई। हालांकि उन्हें मेयर का पद नहीं मिला लेकिन मेयर की तरह ही अध्यक्षता करते हुए उन्होंने पार्षदों की ओर से रखे प्रस्तावों को हरी झंडी दी। इतना ही नहीं अपनी तरफ से एक प्रस्ताव रखते हुए शिवबाड़ी में नगर निगम की भूमि काे बाल्मिकी समाज के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव भी पारित कर दिया। वहीं रोड लाइट्स, सफाई सहित अनेक कार्यों के प्रस्ताव भी नगर निगम से पारित किए गए।

मीटिंग पूरी तरह वैधानिक : आयुक्त

नगर निगम आयुक्त गोपालराम बिरधा ने बातचीत में कहा कि मीटिंग पूरी तरह वैधानिक है। पार्षदों के प्रस्ताव पर मीटिंग बुलाई गई थी। सभी पार्षदों को नियत समय पर मीटिंग की सूचना दी गई। इतनी संख्या में पार्षद पहुंच गए हैं कि मीटिंग आहूत कर सकते हैं। दावा किया जा रहा है कि मीटिंग में 36 पार्षद उपस्थित थे।

क्यों नहीं आए कांग्रेस पार्षद

मीटिंग में कांग्रेस पार्षद भी पूरी संख्या में उपस्थित नहीं थे। वर्तमान में कांग्रेस के तीस पार्षद है जबकि पांच निर्दलीय और एक बसपा पार्षद का समर्थन है। इनमें आधे पार्षद भी मीटिंग में नहीं आए। वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने पूरी तरह एकजुटता दिखाते हुए मीटिंग का बहिष्कार किया। हालांकि किसी न किसी तरह मीटिंग हॉल तक पहुंचे पार्षदों को मीटिंग में उपस्थित मान लिया गया।

वीडियो से होगी हाजिरी

आयुक्त बिरधा ने बताया कि जो पार्षद मीटिंग हॉल में आए हैं, उन्हें उपस्थित मान लिया जाएगा। पिछली मीटिंग में जब बजट पारित किया गया था, तब भी कैमरे में आए पार्षदों को उपस्थित मान लिया गया था। ये बकायदा रिकार्ड पर है। ऐसे में इस बार भी कैमरे में पार्षद उपस्थित माने जाएंगे।

Click to listen highlighted text!