मिन्नतें की लेकिन एंट्री नहीं दी, बोली- बच्चे को दूध पिलाने में लेट हुई
अभिनव न्यूज
राजस्थान में REET परीक्षा में 5 मिनट की देरी पर भी सेंटर पर एंट्री नहीं दी गई। अभ्यर्थी को ही उलाहने दिए गए। कहीं बोर्ड ने गलती से प्रवेश पत्र में एड्रेस गलत लिखा, कहीं मौसम ने रास्ता रोका तो कहीं बच्चों को संभालने में अभ्यर्थी अपने सेंटर से चंद कदम की दूरी पर रह गईं। एंट्री नहीं मिलने पर कई अभ्यर्थी फूट फूट कर रोने लगीं। कोई गेट पर मौजूद स्टाफ से गुहार लगाती रही तो कोई पुलिसवालों के पैर पकड़ने लगी। कई साल की मेहनत और कई तरह की चुनौतियों के बाद परीक्षा के वक्त चंद मिनट की देरी ने सपनों पर पानी फेर दिया।
अलवर में बोर्ड की गलती 12 अभ्यर्थियों ने चुकाई
बोर्ड की गलती की सजा अलवर में 12 अभ्यर्थियों को चुकानी पड़ी। सभी परीक्षा से वंचित रह गए। इनके प्रवेश पत्र पर एग्जाम सेंटर श्रीअग्रवाल सीनियर सैकंडरी स्कूल उमैरण, नियर बस स्टैंड अलवर लिखा था। उमरैण गांव इस सेंटर से 13 किलोमीटर दूर था। परीक्षार्थी उमरैण गए तो पता चला कि वहां श्रीअग्रवाल नाम का कोई सेंटर नहीं है। लौटकर अलवर बस स्टैंड पहुंचे तब तक 9 बज चुके थे। 12 अभ्यर्थी सेंटर में प्रवेश नहीं पा सके। इस दौरान एक महिला परीक्षार्थी रो पड़ी। परिजन बोले अभ्यर्थियों की गलती भी नहीं थी। फिर भी एग्जाम नहीं देने दिया।
ये परीक्षार्थी नहीं दे सके एग्जाम
कोटकासिम की रेखा कुमारी, रामगढ़ की मोनिका, मुण्डावर से सजना, किशनगढ़ृबास से बबीता, गहनकर तिजार से मनीषा, सासेड़ी से सुनील कुमार, जोड़िया शाहजहांपुर से पूनम यादव व कोटकासिम से शैलेंद्र मीणा एग्जाम नहीं दे सके। सबने कहा कि पहले उमरैण चले गए। वहां एग्जाम सेंटर पूछा तो बताया गया कि यहां अग्रवाल नाम से कोई स्कूल नहीं है। वापस लौटे तो 9 बजकर 2 से 5 मिनट तक पहुंच गए। लेकिन एडिमिशन नहीं दिया। जबकि सामने के ओसवाल जैन सीनियर सैकंडरी स्कूल में साढ़े 9 बजे तक प्रवेश दिया गया।
कलक्टर, SDM व मंत्री को फोन किए
सेंटर के बाहर खड़े अभ्यर्थी व उनके परिजनों ने कलेक्टर जितेंद्र सोनी, एसडीएम प्यारेलाल सोंठवाल, कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली व शहर विधायक संजय शर्मा को फोन किए। लेकिन उनका समाधान नहीं हो सका। मौके पर पुलिसकर्मी भी यही कहते रहे कि उनके हाथ में कुछ नहीं है। वे कुछ नहीं कर सकते। एग्जाम सेंटर से कोई बाहर नहीं आया। श्री अग्रवाल सीनियर सैकंडरी स्कूल के मुख्य गेट पर लड़कियां आंसू बहाती रही। उनकी किसी ने नहीं सुनी।
कलेक्टर 200 मीटर दूर बैठे थे
श्री अग्रवाल सीनियर सैकंडरी स्कूल पुलिस कंट्रोल रूम से केवल करीब 200 से 300 मीटर दूरी पर है। जब परीक्षार्थियों को एडमिशन नहीं मिला और वे कलक्टर व एसडीएम को फोन कर रहे थे। तब कलक्टर पुलिस कंट्रोल रूम में मौजूद थे। अभ्यर्थियों ने लगातार फोन किए तो कलक्टर ने अपना मोबाइल भी स्विच ऑफ कर लिया। यह सब परीक्षार्थियों ने भास्कर संवाददाता को भी बताया।
रोड पर जाम भी लगाया
अभ्यर्थियों को एग्जाम सेंटर में प्रवेश नहीं दिया गयाा। इस कारण वे रोड पर बैठ गए। तभी बारिश आ गई। फिर एग्जाम सेंटर के आगे खड़े रहे। अधिकारियों को फोन लगाते रहे। एक छात्रा के पिता ने कहा कि वे पहले उमरैण चले गए थे। वहां जाकर पता लगा उमरैण में श्रीअग्रवाल नाम का कोई स्कूल नहीं है। तब वापस तेजी से आए। बाइक बहुत तेज चलानी पड़ी। इस कारण एक्सीडेंट का खतरा रहा। करीब नौ बजकर 3 मिनट पर पहुंच भी गए थे। लेकिन प्रवेश नहीं दिया गया।
करौली में रोने लगी छात्रा
परीक्षा सेंटर में तय समय 9 बजे के बाद किसी को एंट्री की अनुमति नहीं थी, लेकिन राजकीय पीजी कॉलेज के सेंटर पर नियमों की अवहेलना नजर आई। यहां सेंटर पर तय समय के 15 मिनट बाद तक 8 से 10 अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया गया। हालांकि इसके बाद सेंटर पर पहुंचे 3-4 अभ्यर्थियों को प्रवेश नहीं दिया गया। एकलव्य कॉलेज, गर्वनमेंट कॉलेज और सीनियर सेकेंडरी स्कूल में देरी से पहुंचे अभ्यर्थी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से प्रवेश देने के लिए मिन्नतें करते नजर आए। एकलव्य कॉलेज में देरी से पहुंची छात्रा को एंट्री नहीं मिली तो वह जोर-जोर से रोने लगी।
सीकर में 20 मिनट की देरी हुई, एंट्री नहीं मिली तो रोई
सीकर में कैंडिडेट्स को सुबह 8:00 से 9:00 बजे तक एंट्री दी गई। सीकर के एसके कॉलेज में हरियाणा से परीक्षा देने आई महिला अभ्यर्थी सुनैना करीब 20 मिनट की देरी से केंद्र पर पहुंची। ऐसे में उसे प्रवेश नहीं मिला। जिसके बाद वह रोने लगी। इसके अलावा एक महिला अभ्यर्थी भी परीक्षा केंद्र पर देरी से पहुंची। जिसे प्रवेश नहीं मिला। सीकर में बजाज रोड, नवलगढ़ रोड समेत कई इलाकों में जलभराव के कारण अभ्यर्थियों को तीन फीट पानी में चलकर पहुंचना पड़ा।
बांसवाड़ा में पुलिस के पैर पकड़े, एंट्री नहीं मिली
बांसवाड़ा के पृथ्वीगंज स्थित राउमावि के बाहर खूब ड्रामा चला। जब, एक महिला अभ्यर्थी ठीक साढ़े 9 बजे पहुंची। तब पुलिस ने कस्टम क्षेत्र निवासी पायल शर्मा को भीतर जाने से रोक दिया। महिला ने खूब हंगामा। खूब रोई भी। पुलिस वालों के पैर भी पकड़े, लेकिन नियमों में बंधी पुलिस का कलेजा नहीं पिघला। पायल बोलती रही कि उसके दुधमुंहा बच्चा है, जिसे दूध पिलाने के चक्कर में वह लेट हो गई। बाद में पुलिस ने उसके पति के साथ महिला को भेज दिया।
श्रीगंगानगर में अभ्यर्ती चीखी चिल्लाई, रोई लेकिन प्रवेश नहीं मिला
छात्रा अमनदीप पास के ग्रामीण इलाके से श्रीगंगानगर आई थी। सुबह नौ बजकर चार मिनट वह सेंटर पर पहुंची। सेंटर मैनेजमेंट से जुड़े स्टाफ और पुलिस कर्मियों ने उसे साफ मना कर दिया। देर तक अमनदीप उनसे प्रवेश देने की गुहार करती रही लेकिन तमाम मिन्नतों के बाद भी जब उसे प्रवेश दिया गया तो वह बिलख पड़ी। उसने लगभग चिल्लाते हुए रोष जताया।