देश में महंगाई का असर अब दूध की कीमतों पर भी दिखेगा. डेयरी कंपनियां जल्द ही कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती हैं. हाल ही में ग्लोबल स्किम्ड मिल्क पाउडर के साथ-साथ मवेशियों के चारे की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विशेषज्ञों ने शुक्रवार को बताया कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में ही कीमतें बढ़ सकती हैं.
जानकारों का कहना है, “हमारे कवरेज के तहत सभी डेयरी कंपनियों ने 5% से 8% तक कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती हैं. दूध की बढ़ती कीमतें चिंता का विषय है. हम उम्मीद करते हैं कि सभी डेयरी कंपनियां वित्त वर्ष की पहली छमाही में कीमतों में और बढ़ोतरी करेंगी.”
कम उत्पादन और बढ़ी लागत है वजह
विश्लेषकों ने कहा कि पिछले कुछ सालों में घरों के साथ-साथ होटल और रेस्तरां जैसे चैनल खुलने से दूध की मांग काफी तेजी से बढ़ी है. इसकी वजह से दूध की कीमतों में तेजी आई है. उन्होंने कहा कि पशुओं के चारे की कीमतों में वृद्धि और गर्मी की वजह से कम हुए दूध के उत्पादन ने भी कीमतों पर प्रभाव डाला है. नतीजतन, थोक दूध की कीमतों में साल-दर-साल वृद्धि जारी है. उदाहरण के लिए, थोक दूध की कीमतों में जून में अखिल भारतीय स्तर पर 5.8% की वृद्धि हुई थी. दक्षिण भारत में दूध की कीमतें साल-दर-साल 3.4% ऊपर हैं.
निर्यात बढ़ने से और महंगा होगा दूध
रोजमर्रा के सामानों की ऊंची कीमतों के कारण लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है. कंपनियों को भी कच्चे माल की बढ़ी हुई लागत का सामना करना पड़ रहा है. उदाहरण के लिए, ग्लोबल स्किम्ड मिल्क पाउडर की कीमतों में पिछले 12 महीनों में लगातार वृद्धि हुई है, जो साल-दर-साल 26.3% और जून में महीने-दर-महीने 3% बढ़ी है. विशेषज्ञों का मानना है कि निर्यात के आकर्षक अवसर भारतीय दूध उद्योग में मांग-आपूर्ति के समीकरण को बिगाड़ सकते हैं.