Welcome to Abhinav Times   Click to listen highlighted text! Welcome to Abhinav Times
Friday, September 20

शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला बोले- दूसरे संस्कृत आयोग की सिफारिशें लागू करे केंद्र सरकार

अभिनव टाइम्स । राजस्‍थान के कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने शनिवार को केंद्र सरकार से दूसरे संस्कृत आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग की. साथ ही उन्‍होंने कहा कि वेद पुस्तक नहीं, विज्ञान है और उसमें निहित ज्ञान के उपयोग से विश्व का कल्याण हो सकता है.

कल्ला यहां राजस्थान संस्कृत अकादमी के राज्य स्तरीय संस्कृत दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे. वेदों को विश्व साहित्य की अमूल्य धरोहर बताते हुए मंत्री ने कहा कि इसमें निहित ज्ञान के उपयोग से विश्व का कल्याण हो सकता है. वेद पुस्तक नहीं है, विज्ञान है. वह ब्रह्म से निकली सूक्ष्म वाणी है, जो प्रत्येक पदार्थ में रहती है.’ उन्‍होंने कहा कि वेदों की भाषा संस्कृत धर्मनिरपेक्षता का एक महानतम उदाहरण प्रस्तुत करती है. संस्कृत भाषा भारत की संस्कृति के प्राण हैं. एक बयान के अनुसार कल्ला ने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार द्वारा 2012 में बनाए संस्कृत आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं करके मौजूदा केंद्र सरकार संस्कृत भाषा के विकास में बाधा उत्पन्न कर रही है.

इस अवसर पर उन्होंने डॉ. नारायण शास्त्री कांकर, अनंतराम शर्मा, रामपाल शर्मा व प्यारेमोहन शर्मा सहित राज्‍य के 12 वयोवृद्ध संस्कृत विद्वानों को पहली बार ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ प्रदान किया. डॉ. कल्ला ने वैदिक कथा वल्लरी और संस्कृत इलस्ट्रेशन फिल्म सहित सात प्रकाशनों का लोकार्पण किया. समारोह में अकादमी की त्रैमासिकी पत्रिका स्वरमंगला के संपादक प्रो. श्रीकृष्ण शर्मा ने ‘वेद एवं राष्ट्रीयता‘ के संबंध में अथर्ववेद का उदाहरण देते हुए कहा कि राष्ट्र की प्रगति तभी हो सकती है, जब विविध भाषा बोलने वाले और विविध धर्मों व रीति-रिवाजों को मानने वाले लोग कुटंब के भाइयों के समान एक ही देश में रह सकें.

Click to listen highlighted text!