अभिनव न्यूज बीकानेर।
राजस्थानी भाषा के कवि, निबंधकार, अनुवादक एवं समालोचक डॉ. गजादान चारण को उनके साहित्यिक-सृजन एवं वाचिक-काव्य-परंपरा को लोक हितेषणा के साथ प्रस्तुत कर श्रुतिकाव्य शैली को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक हस्तांतरित करने में महती भूमिका निर्वाहित करने हेतु काग-ट्रस्ट एवं चित्रकूट धाम-ट्रस्ट महुआ की ओर से राष्ट्रीय स्तर का पद्मश्री दुलाभाया काग लोकसाहित्य अवार्ड, 2023 से पुरस्कृत किया गया। लोकपूज्य संत मोरारी बापू के करकमलों से प्रदत्त इस पुरस्कार में डॉ. चारण को 51000 रुपये, अभिनंदन पत्र, स्मृतिचिह्न, शॉल आदि से सम्मानित किया गया।
डॉ. चारण बीकानेर जिले के छोटे से गाँव नाथूसर से आते हैं। नाथूसर के ही युवा कवि छैलू चारण “छैल” ने बताया कि छोटे से गाँव से निकलकर राष्ट्रीय स्तर का सम्मान प्राप्त करना केवल गजादान जी ही नहीं यह पूरे नाथूसर गाँव और राजस्थानी साहित्य का सम्मान है। नाथूसर को अपने साहित्यिक प्रातिभ से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले डॉ. चारण को पुरस्कार मिलने से पूरे गाँव में खुशी की लहर छा गयी है| कार्यक्रम में शिरकत करने वाले वाले राजस्थानियों श्री लक्ष्मण दान कविया,अन्तरराष्ट्रीय संघटक अखिल भारतीय मान्यता संघर्ष समिति,डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत्त’,अन्तरराष्ट्रीय प्रवक्ता अभामासं समिति,छैलू चारण छैल,प्रदेश प्रवक्ता राजस्थानी युवा समिति,प्रहलाद सिंह झोरड़ा,प्रदेश महामंत्री राजस्थानी मोट्यार परिषद और श्री अमर सिंह आशिया, संघटन मंत्री जिला पाली ने मोरारी बापू को राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर अनुशंसा करने हेतु ज्ञापन दिया। मोरारी बापू ने मंच से राजस्थानी भाषा के साहित्य और संस्कृति की प्रशंसा करते हुए लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला के माध्यम से राजस्थानी भाषा की मान्यता की अनुशंसा करने का भरोसा दिलाया।