Welcome to Abhinav Times   Click to listen highlighted text! Welcome to Abhinav Times
Wednesday, November 13

गुरु पूर्णिमा पर गुरुजी का करे विधिवत पूजन

गुरु पूर्णिमा का दिन शिष्यो के लिए एक अलग ही महत्व रखता है क्योंकि यह दिन गुरु -शिष्य के आत्मीयता और पावन सम्बन्ध का प्रतीक है । इस दिन हर धर्मावलंबी अपने गुरु के प्रति श्रद्धा और आस्था प्रगट करता है ।
आचार्यपुत्रः शुश्रूषुर्ज्ञानदो धार्मिकः शुचिः।आप्तःशक्तोर्थदः साधुः स्वाध्याप्योदश धर्मतः।।

शास्त्रो में गुरु शब्द का अर्थ यह बताया है , गु-अंधकार या मूल अज्ञान और रु- उसको हटाने वाला । अंधकार को हटाकर प्रकाश की ओर ले जाने वाला ही गुरु होता है और साथ में धर्म के मार्ग से जोड़ता है । जीवन में सफलता के लिए हर व्यक्ति गुरु के रूप में श्रेष्ठ मार्गदर्शक , सलाहकार , समझदार व्यक्ति की चाहत रखता है ।
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के आशीर्वाद से धन-संपत्ति, सुख-शांति और वैभव का वरदान पाया जा सकता है। इस साल गुरु पूर्णिमा का पर्व 13 जुलाई को मनाया जाएगा ।
आषाढ़ माह की पूर्णिमा पर महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं ।

इस तरह से करे गुरुदेव का पूजन अर्चन

प्रातः काल स्नान आदि से निवृत होकर गुरु की सेवा में उपस्थित होकर उनका षोडशोपचार से पुजन अर्चन करे क्योंकि गुरूजी को देवताओ की तरह माना गया है । दाहिने पैर के अंगूठे का अभिषेक व अर्चन कर “गुरु चरणामृत माहात्म्य” से अमृत का पान करे व शिरोधार्य करे ! गुरुजी के ललाट का पूजन व पुष्पहार , वस्त्र, नैवेध,नारियल दक्षिणा आदि अर्पित करने के बाद आरती पुष्पांजलि करे ।

गुरु पूर्णिमा पर बन रहे है विशेष संयोग

गुरु पूर्णिमा पर गुरु, मंगल, बुध और शनि ग्रह के शुभ संयोग से रुचक, शश, हंस और भद्र नामक राजयोग का निर्माण हो रहा है। ग्रहों के राजा सूर्यदेव मिथुन राशि में हैं और बुध के साथ युति बनाए हुए हैं. सूर्य और बुध का एक राशि में होना बुधादित्य योग बनाता है. वहीं मंगल अपनी स्वराशि मेश में गोचर कर रहा है, जिसके कारण रुचक योग बन रहा है. जबकि गुरु अपनी स्वराशि वृषभ में मौजूद है जो कि मालव्य योग बना रहे हैं. वहीं शनि 12 जुलाई को कुंभ राशि से निकलकर मकर राशि में गोचर करेंगे जिससे शश योग बनेगा।

गुरु पूर्णिमा पर ज्योतिष उपाय करने से मिलेगी सफलता

जिस जातक को बार बार जीवन में संघर्ष व परिश्रम के पश्चात् सफलता प्राप्त नहीं हो रही है ! कुंडली में गुरु ग्रह ख़राब व नीच राशि का हो या अशुभ दृष्टि हो तो जातक को गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु का पुजन करना चाहिए ! जिस किसी के गुरु नहीं बनाया हुआ है तो “कृष्णम् वंदे जगत् गुरु” सबका कृष्ण ही गुरु है ! इन जनउपयोगी हितार्थ के उपायो से आप जिंदगी में सफलता हासिल कर सकते है !!

  1. किसी ब्राह्मण को पीले वस्त्र व पीली वस्तु का दान करे !
  2. गुरु यंत्र की पुजा व गुरु मन्त्र का जाप करे !
  3. जिनकी कुंडली में संतान बाधा, धन की कमी, दाम्पत्य जीवन में समस्या, पढाई में तकलीफ है तो पुष्कराज रत्न पहने , विष्णु सहस्त्रनाम, संतान गोपाल पाठ, महादेव पर केसर मिश्रित दूध से अभिषेक ,श्रीमद्भागवत कथा करे या किसी ब्राह्मण से करावे और बच्चों को टॉफी व उपहार दे !
  4. जिनके विवाह मे बाधा आ रही हो वो इस दिन गुरु पूजन कर पीली वस्तु का दान करे ।
    पीले पुष्प से गुरूजी व कृष्ण भगवान का नामावली से अर्चन करे और श्री गुर्वष्टकम्, गुरु पदारविंदधुलिषट्पदं का पाठ करे

पंडित गिरधारी सूरा ( पुरोहित )

Click to listen highlighted text!