अभिनव टाइम्स | बीकानेर में अतिक्रमण तोड़ने को लेकर एक बार फिर विवाद हो गया है। नगर निगम से कुछ ही दूरी पर सरकारी जमीन पर बनी मंदिर की दीवारों को तोड़ दिया गया। इसके बाद मौके पर विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ तो आयुक्त अपनी सरकारी गाड़ी में बैठकर निकल गए। तब तक अधिकांश दीवारों को जेसीबी की सहायता से तोड़ा जा चुका था। इस पूरे मामले में कांग्रेस के कई पार्षद विरोध में उतर गए। पूरे मामले की शिकायत अब जयपुर में आला अधिकारियों से करने का निर्णय हुआ है।
नगर निगम की जेसीबी मशीन गुरुवार सुबह मंदिर के पास पहुंच गई थी। वहां पुजारी को दीवार के आसपास से सामान हटाने के लिए कहा गया लेकिन उसने नहीं हटाया। इस पर जेसीबी ने सभी दीवारों को तोड़ना शुरू कर दिया। इस दौरान एक कच्चा कमरा भी तोड़ा गया। बाद में बड़ी संख्या में लोग विरोध करने पहुंचे। पुजारी ने भी विरोध किया लेकिन भारी भरकम पुलिस जाब्ते के बीच निगम ने अतिक्रमण की दीवारें तोड़ दी। इस पूरी कार्रवाई से क्षेत्र के पार्षद महेंद्र बड़गुजर ने भी विरोध दर्ज कराया।
सर्किट हाउस में हुई मीटिंग
बाद में पार्षदों की एक मीटिंग सर्किट हाउस में हुई। इसमें कांग्रेस पार्षद और महिला पार्षदों के प्रतिनिधि पहुंचे। सभी ने कांग्रेस पार्षद महेंद्र बड़गुजर के साथ दुर्व्यवहार और मंदिर की दीवारें तोड़ने का विरोध किया। पार्षद प्रतिनिधि व कांग्रेस नेता सुभाष स्वामी ने कहा कि इस पूरे मामले में आला अधिकारियों को जानकारी दी जाएगी। आयुक्त गोपालराम बिरदा के खिलाफ भी जमकर आरोप लगाए गए।
फिर लगाए मंत्री पर आरोप
नगर निगम मेयर के बाद कांग्रेस की अंदरुनी कलह एक बार फिर सामने आ गई है। शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला से नाराज कांग्रेस पार्षदों के इस गुट ने सर्किट हाउस में मीटिंग की और आयुक्त पर गंभीर आरोप लगाए। उससे पहले कांग्रेस पार्षद महेंद्र बड़गुजर ने डॉ. कल्ला का नाम लेते हुए कहा कि आयुक्त साफ कहते हैं कि बी.डी. कल्ला और उनके भतीजे महेंद्र कल्ला कहने पर ही काम करेंगे।