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Thursday, November 14

बच्चे की TC नहीं दी, बिलखता रहा पिता: बोला- मनमर्जी की फीस वसूल रहे, 1 महीने से स्कूल नहीं गए बच्चे

अभिनव न्यूज।
अलवर: बच्चे के स्कूल से टीसी नहीं मिली तो पिता फूट-फूट कर रो पड़ा। पिता ने स्कूल के बाहर से ही वीडियो बनाया और अपना दर्द बयान कर दिया। मामला अलवर शहर के पुलिस लाइन के पास स्थित श्रीमिश्रा प्रिंस मॉडर्न सैकण्डरी स्कूल की है।

अलवर के गुलाब बाग भैरू का चबूतरा निवासी अजीत खान स्कूल के बाहर मंगलवार सुबह 10 बजे बिलख-बिलख कर रोने लगा। अजीत ने आरोप लगाया कि स्कूल संचालक उसके बच्चे की टीसी नहीं दे रहा है। मनमर्जी से फीस वसूली जा रही है। टीसी के लिए 100 रुपए देने के बावजूद टीसी नहीं दी गई। पुलिस को शिकायत दी तो संचालक मौके से चल गया।

पिता ने कहा- टीसी नहीं दे रहे संचालक
अजीत ने कहा कि उसका बेटा नदीम व बेटी अंजुम बानो श्री मिश्रा प्रिंस सैकंडरी स्कूल में पढ़ते हैं। स्कूल तीन महीने की एडवांस फीस लेता है। मनमर्जी से फीस वसूलते हैं। बच्चे का एडमिशन कराने गए तो 5 हजार रुपए फीस मांगी। इसके चलते पहले से पढ़ रहे बच्चे की टीसी मांग ली तो 100 रुपए लेने के बावजूद टीसी नहीं दे रहे हैं। एक महीने से चक्कर कटा रहे हैं।

1 महीने से बच्चे नहीं गए स्कूल
अजीत का कहना है कि टीसी नहीं मिली है। बच्चे एक महीने से स्कूल नहीं गए हैं। टीसी नहीं मिलने के कारण दूसरे स्कूल में एडमिशन नहीं हो पा रहा है। बेटा नदीम पहले से श्री मिश्रा स्कूल में पढ़ रहा था। अजीत अपनी बेटी का स्कूल में एडमिशन कराने गए तो स्कूल ने मनमर्जी से फीस मांगी। इस पर अजीत ने बेटे की टीसी देने को कहा। टीसी के लिए 100 रुपए का शुल्क भी अजीत ने चुका दिया। लेकिन उसे 1 महीने से टीसी नहीं दी गई।

एक महीने से टीसी नहीं मिली तो अजीत ने अधिकारियों को सूचना दी। मंगलवार को पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। लेकिन स्कूल संचालक पहले ही निकल चुका था। अधिकारियों ने उससे फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया।

लॉकडाउन में भी फीस ली
अजीत खान के दाे बच्चे हैं। नदीम और अंजुम। दोनों बच्चों की फीस 11 हजार 500 रुपए तय हुई थी। बेटी अंजुम का एडमिशन जुलाई में कराया था। अक्टूबर से बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया। बेटा 5वीं क्लास में है। बेटी पहली क्लास में पढ़ती है। अजीत का कहना है कि लॉकडाउन में स्कूल ने कोई रियायत नहीं बरती और ढाई से तीन हजार रुपए फीस ली। ऑनलाइन एक दिन नहीं पढ़ाया गया। बेटी के 1 हजार रुपए एडमिशन फीस मांगी थी। लेकिन बेटे को पांच पन्ने भी होमवर्क नहीं दिया। इस कारण हमने टीसी मांगी। लेकिन टीसी देने से मना कर दिया। मंगलवार को 100 रुपए ले लिए। संचालक ने टीसी काटकर खुद के पास ही रख ली। कलेक्टर से भी शिकायत कर चुका हूं।

कटले में दुकान पर मजदूरी
अजीत खान कटले में चंद्रभान हरवंशलाल की दुकान पर मजदूरी करता है। उसे एक महीने में 9 हजार रुपए वेतन मिलता है। किराए का मकान है। किराया 3700 रुपए है। अजीत मूल रूप रूप दौसा के महुआ के सिंदूकी गांव का रहने वाला है। वह अलवर में 8 साल से मजदूरी कर रहा है।

संचालक लोकेश मिश्रा का कहना है कि अजीत बच्चों की टीसी 17 अक्टूबर को ही ले जा चुका है। वह खो गई होती तो दूसरी बनवाने आया होगा। एफिडेविट मांगा तो बहस करने लगा।

स्कूल संचालक बोला- टीसी ले जा चुके
श्री मिश्रा स्कूल का संचालक लोकेश मिश्रा प्राइवेट एसोसिएशन का जिलाध्यक्ष है। उसने कहा कि अजीत अपने बच्चों की टीसी 17 अक्टूबर को ही ले जा चुका है। उसकी टीसी कहीं खो गई होगी। वह दूसरी कॉपी लेने आ या था। इसके लिए एफिडेविट देना होता है। एफिडेविट देने के बजाय वह बहस करने लगा। मेरे किसी रिश्तेदार की मौत हो गई थी। इसलिए मैं सुबह जल्दी चला गया था। मैंने टीसी के लिए कभी मना नहीं किया।

संचालक लोकेश मिश्रा ने कहा कि स्कूल में अजीत का बेटा पढ़ता है। बेटी का जुलाई में एडमिशन कराया था, लेकिन उसके कागज पूरे नहीं दिए थे।

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