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Sunday, November 24

धनसूरसागर:डेढ़ करोड़ से फिर डेवलप होगा सूरसागर, 14 साल में 10 करोड़ खर्च हो चुके

पिकनिक स्पाॅट बनाएंगे, अब खत्म होगी बदहाली - Dainik Bhaskar

अभिनव टाइम्स |जूनागढ़ के सामने सूरसागर अब बीकानेर शहर का बड़ा टूरिस्ट प्लेस होगा। इसको विकसित करने के लिए डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। पब्लिक पार्क के नजदीक और जूनागढ़ के ठीक सामने होने के कारण सूरसागर बीकानेर की जनता के लिए आकर्षण का केंद्र बना है। शाम के समय यहां सेल्फी पाॅइंट पर अक्सर लोगों को फोटो खींचते देखा जाता है। इसे देखते हुए प्रशासन ने अब सूरसागर को शहर का बड़ा पर्यटन स्थल बनाने का फैसला किया है। इसके लिए सूरसागर पर डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। सरकार की ओर से पर्यटन विभाग को बजट मिल गया है। यूआईटी ने इसका एस्टीमेट भी बना लिया है।

कलेक्टर की मंजूरी के बाद टेंडर कर दिए जाएंगे। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सूरसागर में साउंड एंड लाइटिंग, म्यूजिकल फाउंटेन लगाए जाएंगे। यूआईटी के अधीक्षण अभियंता राजीव गुप्ता ने बताया कि सूरसागर में हमेशा ढाई से तीन फीट पानी भरा रहेगा जिस पर रात के समय रंग-बिरंगी लाइटिंग दर्शकों को लुभाएगी। मरम्मत और रंग-रोगन कर चारों ओर की बाउंड्री को हेरिटेज लुक दिया जाएगा। आमजन की सुरक्षा और सूरसागर पहुंचने वाले लोगों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे।

सूरसागर में पानी छोड़ा, रेगुलेशन में 2 क्यूसेक तय है
प्रशासन की ओर से सूरसागर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना को देखते हुए इसमें नहर का पानी छोड़ दिया गया है। बीकानेर में नहरबंदी खत्म होने और घरों में सामान्य दिनों की तरह सप्लाई शुरू होते ही सूरसागर को भी नहरी पानी से भरा जाने लगा है। नहर के सिंचाई के पानी में से सूरसागर के लिए दो क्यूसेक पानी रोजाना देना तय है। रेगुलेशन के दौरान सूरसागर के लिए पानी छोड़ दिया जाता है। जरूरत नहीं होने पर यूआईटी पानी बंद करवा देती है।

सूरसागर को संवारने के लिए स्थाई योजना नहीं बनी
रियासतकाल में जूनागढ़ साफ पानी की झील था। लेकिन, बाद में यह धीरे-धीरे गंदे पानी और कीचड़ का तालाब बन गया। बीकानेर की जनता के लिए इसके पास से गुजरना दूभर हो गया और आसपास रहने वाले लोगों का जीना मुश्किल था। वर्ष, 2008 में वसुंधराराजे की भाजपा सरकार के समय इसे पूरी तरह साफ कराकर पानी भरा गया और फिर से झील का रूप दिया गया। लेकिन, उसके बाद इसे संवारने और रखरखाव की स्थाई योजना नहीं बनी। बार-बार इसके लिए बजट मिला, टेंडर हुए और अब तक 10 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। लेकिन, यह पर्यटन स्थल नहीं बन सका। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की हर जिले में पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा को क्रियान्वित करने के लिए अब एक बार फिर सूरसागर का चयन किया गया है।

किस पर कितना खर्च

  • 35 लाख सूरसागर के डेवलपमेंट, निर्माण और दो ट्यूबवेल पर
  • 10 लाख सीसीटीवी कैमरों और लाइट पर
  • 05 लाख सौन्दर्यीकरण, दीवारों पर पेंटिंग और भित्ति चित्रों पर
  • 15 लाख मरम्मत और सार-संभाल पर
  • 85 लाख सूरसागर की सुन्दरता पर

बीजेपी ने ज्यादा खर्चा

  • वर्ष, 2008 में वसुंधराराजे की भाजपा सरकार के समय सूरसागर की साफ-सफाई, मरम्मत, रंग-रोगन, सौन्दर्यीकरण और साफ पानी की झील बनाने में छह करोड़ रुपए खर्च हुए।
  • उसके बाद हर साल सूरसागर की दीवारों पर बनी पेंटिंग पर आठ से दस लाख रुपए का खर्च।
  • कांग्रेस सरकार में यूआईटी चेयरमैन मकसूद अहमद के समय दो करोड़ का खर्च।
  • उसके बाद भाजपा सरकार के समय अध्यक्ष महावीर रांका के समय ढाई करोड़ खर्च हुए।
  • कांग्रेस सरकार में यूआईटी चेयरमैन रहे जिला कलेक्टर्स के समय हर साल 40 से 50 लाख रुपए का खर्च।
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