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अजमेर। अजमेर में एक फाइनेंस कंपनी का डाटा चुराने व धमकाने का मामला सामने आया है। कंपनी प्रतिनिधि की ओर से दो पूर्व कार्मिकों व अन्य के खिलाफ आदर्श नगर थाने में मामला दर्ज किया। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
आम का तालाब निवासी भल्ला पुत्र कुलदीप भल्ला ( 32) ने रिपोर्ट देकर बताया कि वह एसके फाइनेंस लिमिटेड शाखा कार्यालय शालीमार कॉलोनी, सेक्टर-ए, नसीराबाद रोड, आदर्श नगर, अजमेर का प्रतिनिधि है और उनकी कंपनी गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनी है जो कम्पनी अधिनियम 1956 के रजिस्टर्ड है, जिसका कार्यक्षेत्र अपने ग्राहको को वित्तीय सुविधा प्रदान करना है।
कम्पनी के पूर्व कर्मचारी राहुल सांखला पुत्र स्वर्गीय ताराचन्द सांखला, निवासी कुन्दन नगर, उनके भाई बिटटू तीन अन्य व्यक्ति जिनमें एक प्रार्थी कम्पनी की मेडता ब्रान्च का अन्य पूर्व कर्मचारी हीरा राम कुमावत पुत्र रामदेव कुमावत निवासीदीप पुरा, नावां, कुचामन सिटी, नागौर, एक कम्पनी का ऋणी नरेन्द्र कुमार था। ये कम्पनी के कार्यालय में आए तथा राहुल सांखला ने कम्पनी के ऐरिया पोर्टपोलिया मैनेजर भव्यदीप भल्ला को धमकी भरे लहजे में साथ लाए गए ऋणी नरेन्द्र कुमार के मोरगेज अचल सम्पत्ति की लिस्ट ऑफ डाक्यूमेंट तथा ऋण खाते के स्टेटमेंट ऑफ अकाउन्ट की प्रति मांगी।
राहुल सांखला द्वारा धमकी दी गई कि उसने एवं हीरा राम कुमावत ने मिलकर एक डी. एस. ए. (डायरेक्ट सेल्स एजेंसी) प्रारम्भ की है तथा उनके पास कम्पनी के लगभग 3000-3500 ऋणियों का डाटा है। यहां के ऋणियों के ऋण खाते एसके फाईनेंस से बन्द करवाकर अन्य वित्तीय संस्थान से ऋण दिलवाएंगे।
मना किया तो धमकी दी गई कि उनके पास एसके फाईनेंस के ऋणियों का डाटा प्राप्त करने के बहुत से स्त्रोत है। हीरा राम कुमावत द्वारा कम्पनी के वर्तमान ऋणियों का डाटा अपने मोबाईल पर दिखाया गया और कहा कि उसके पास कम्पनी के अलग अलग लोकेशन के ओर भी बहुत से अन्य ऋणियों का डाटा उपलब्ध है।
हीरा राम कुमावत ने कम्पनी के अजमेर ब्रान्च के सेल्स ऑफिसर मेवाराम को धमकी दी कि हाल ही कम्पनी में ऋण के लिए लोगिन की गई फाईल्स को कैन्सिल कर दे तथा ऐसे ऋणियों का विवरण भी उपलब्ध कराया गया। जिसे देखकर आश्चर्य हुआ कि उनके पास वर्तमान एवं नए ऋणियों का डाटा कैसे उपलब्ध है। कम्पनी के ऋणियों का महत्वूपर्ण डाटा चुराकर, कम्पनी से ऋण क्लोज कराने तथा अन्य वित्तीय संस्थान से ऋण दिलाने के नाम पर उकसाया जा रहा है। कम्पनी के कार्यालय में अवैध रूप से प्रवेश कर प्रार्थी कम्पनी के