अभिनव न्यूज, बीकानेर। कोलकाता के संस्कृति कर्मी- गीतकार संजय बिन्नाणी का कहना है कि देश के कोने कोने में फैले प्रवासी राजस्थानियों ने अपने व्यावसायिक कौशल और उद्यम शीलता से अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। बिन्नाणी ने बताया कि कोलकाता में बसे राजस्थानी अपने धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व धूमधाम से मनाते है। और वे सांस्कृतिक धरातल पर अपनी विशिष्ट पहचान कायम करने में सफल रहे हैं। संजय बिन्नाणी मुक्ति संस्था बीकानेर के तत्वावधान में मुक्ति परिसर स्थित ब्रह्म बगीचा में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में बोल रहे थे। अभिनंदन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सखा संगम के अध्यक्ष एन.डी रंगा थे तथा समारोह की अध्यक्षता व्यंग्यकार-संपादक डॉ. अजय जोशी ने की एवं विशिष्ट अतिथि मुक्ति संस्था के अध्यक्ष एडवोकेट हीरालाल हर्ष रहे। प्रारंभ में संयोजकीय व्यक्तव्य रखते हुए कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि संजय बिन्नाणी पश्चिम बंगाल में मारवाड़ी समाज के एंबेसडर के रूप में कार्य करते है, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एन.डी. रंगा ने इस अवसर पर कहा कि कोलकाता में बसे प्रवासियों ने राजस्थानी संस्कृति को बहुत हिफाजत के साथ सहेजा है।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे डॉ.अजय जोशी ने कहा कि संजय बिन्नाणी कोलकाता में राजस्थानी संस्कृति के प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं यह हमारे लिए बड़े गर्व की बात है। विशिष्ट अतिथि हीरालाल हर्ष ने कहा कि संजय बिन्नाणी का सम्मान पूरे मारवाड़ी समाज का सम्मान है, हर्ष ने कहा संजय राजस्थानी भाषा आन्दोलन के लिए अभूतपूर्व योगदान दे रहे है। प्रारंभ में साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने स्वागत भाषण देते हुए संजय बिन्नाणी के मारवाड़ी समाज में कोलकाता में अवदान को विस्तार से व्याख्यायित किया। संस्कृतिकर्मी महेंद्र जोशी ने संजय बिन्नाणी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर संजय बिन्नाणी का अभिनंदन किया गया। अभिनंदन-पत्र का वाचन जागती जोत के संपादक डॉ नमामी शंकर आचार्य ने किया। अतिथियों ने संजय बिन्नाणी को शाल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह एवं अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्मान किया।
कार्यक्रम में प्रोफेसर नरसिंह बिन्नाणी, शंकर सिंह राजपुरोहित, केशव पुरोहित, राजीव हर्ष, मेधातिथि जोशी, अब्दुल शकूर सिसोदिया, सहित अनेक लोगो ने संजय बिन्नाणी के व्यक्तित्व पर अपनी बात रखी। कार्यक्रम में बृजगोपाल जोशी, श्याम सुंदर शर्मा, अन्तरराष्ट्रीय तीरंदाजी कोच अनिल जोशी , सत्यनारायण जोशी सहित अनेक महानुभाव उपस्थित हुए।डॉ. गौरीशंकर प्रजापत ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया।