अभिनव न्यूज, नेटवर्क। देश-दुनिया में एक बार फिर से कोरोना ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। इस बार कोरोना नए रूप यानी सब वेरिएंट जेएन 1 के साथ सामने आया है। देश मेंं केरल में इसका पहला मामला सामने आया है। इसके साथ ही अन्य राज्यों में भी मामले निकलकर आने लगे हैं। बीते रविवार को कोरोना के चलते पांच लोगों की मौत हो गई। इस बीच नए वेरिएंट ने लोगों में एक बार फिर से कोरोना को लेकर चिंता बढ़ा दी है। केंद्र सरकार ने भी कोरोना को लेकर राज्यों को एहतियात बरतने की एडवाइजरी जारी की है। इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मनसुख मांडविया आज राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग सचिवों से वीसी कर तैयारियों में समीक्षा करेंगे।
इधर वीसी से पहले राज्य का स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर आ गया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की एसीएस शुभ्रा सिंह ने सचिवालय में अपने कक्ष में कोविड 19 व नये वैरिएंट जेएन 1 को देखते चिकित्सा अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में एसीएस ने केरल में मिले सॉर्स कॉव 2 जेएन 1 वैरिएंट के रोगी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में आने वाले आईएलआई एवं श्वसन रोगों से पीड़ित रोगियों की सतत निगरानी के निर्देश दिए।
रोगियों के आवश्यकतानुकसार जांच नमूने लेने के निर्देश दिए। सेंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजने को कहा। उन्होंने रोगियों की सूचना प्रतिदिन आईएचआईपी पोर्टल पर अपलोड किए जाने के भी निर्देश दिए। बैठक में निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर, अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य रवि प्रकाश शर्मा, राज्य नोडल अधिकारी व एसएमएस मेडिकल कॉलेज के माइक्रो बायोलॉजी विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
देश में यहां-यहां पहुंचा नया वैरिएंट
केरल के साथ ही इस वैरिएंट को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में सिंगापुर से आए एक यात्री के सैंपल में भी पाया गया है। अधिकारियों के मुताबिक गोवा में भी सैंपल में JN1 के 15 मामले पाए गए हैं। हालांकि, अभी ये पता नहीं चल पाया है कि ये कितना खतरनाक है, संक्रमण कितनी तेजी से फै लता है या टीका के कितना प्रभावी है।
इम्यून सिस्टम को देता है चकमा
कोविड-19 का यह नया सबवेरिएंट इम्यून सिस्टम को चकमा देने में माहिर है। इसके लक्षण पिछले वेरिएंट्स की तरह ही हैं। इनमें बुखार, बहती नाक, गले में खराश, सिरदर्द और पेट दर्द व दस्त जैसे लक्षण शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक नए सब-वेरिएंट से गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल की समस्याएं अधिक हो सकती हैं।
ऑक्सीजन बैड-दवाइयां व जांच सुविधा हो सुनिश्चित
बैठक के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में इस वैरिएंट का एक भी रोगी सामने नहीं आया है, लेकिन एहतियातन समस्त चिकित्सा संस्थानों में रोगियों के उपचार के लिए आवश्यक आइसोलेशन बैड, ऑक्सीजन बैड, आईसीयू बैड, वेन्टीलेटर, दवाइयों एवं जांच सुविधा आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
जयपुर, जोधपुर और कोटा में है जांच सुविधा
एसीएस सिंह ने कहा कि संयुक्त निदेशक-जोन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, आईडीएसपी टीम आईएलआई एवं एसएआरआई रोगियों की निगरानी रखे और ऐसे रोगियों की जांच कराई जाए। किसी जिले में कोविड पॉजिटिव रोगी पाए जाने पर उसका सैम्पल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए लैब में भिजवाया जाना सुनिश्चित करें। यह सुविधा जयपुर, जोधपुर एवं कोटा में उपलब्ध है।