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Friday, September 20

राजस्थान यूनिवर्सिटी में मतगणना पर विवाद, फाइनेंस ऑफिसर की मौजूदगी पर उम्मीदवारों ने ली आपत्ति

अभिनव टाइम्स । छात्रसंघ चुनाव के नतीजे आना शुरू हो चुके हैं। अलवर की मत्स्य यूनिवर्सिटी में सबसे पहले रिजल्ट घोषित हुआ है। यहां निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्र गुर्जर को विजेता घोषित किया गया है। यहां एबीवीपी और एनएसयूआई ने कोई प्रत्याशी खड़ा नहीं किया था।

वहीं राजस्थान यूनिवर्सिटी में कैंडिडेट और एजेंट लेट पहुंचने की वजह से करीब 15 मिनट देरी से काउंटिंग शुरू हुई है। स्ट्रॉन्ग रूम में कैंडिडेट के सामने मत पेटियां खोली गईं। इसके साथ ही सिक्योरिटी को बढ़ा दिया गया है। जोधपुर में काउंटिंग के दौरान ड्रोन से नजर रखी जा रही है।

इधर, काउंटिंग से पहले बागी होकर छात्रसंघ चुनाव लड़ने वाले छात्रों के खिलाफ NSUI ने बड़ा एक्शन लिया है। 6 छात्र नेताओं को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। इनमें मंत्री मुरारीलाल मीणा की बेटी निहारिका जोरवाल का नाम भी शामिल है।

जेएनयू जोधपुर में एसएफआई से चुनाव लड़ रहे अरविंद भाटी, RU में निर्दलीय अध्यक्ष प्रत्याशी प्रतापभानू मीणा के साथ-साथ आलोक शर्मा, सुंदर बैराड और अशोक बुरिया को भी NSUI से निकाल दिया गया है। कार्रवाई के ये आदेश NSUI राजस्थान प्रभारी गुरजोत संधू की ओर जारी किए गए हैं।

जोधपुर में शुक्रवार देर रात को पूर्व अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी धरने पर बैठ गए। वह स्ट्रॉन्ग के रूम के बाहर यह कहकर बैठ गए कि उन्हें यूनिवर्सिटी प्रशासन पर भरोसा नहीं है। दरअसल, न्यू कैंपस व केएन कॉलेज में फर्जी मतदान की शिकायतें हुईं। विवाद के बाद उनसे 5 रुपए की फीस लेकर टेंडर वोट डलवाए गए। अब ऐसे में अगर दो प्रत्याशी बराबर रहे तो उनके यह टेंडर वोट काम आएंगे।

प्रदेश में सबसे ज्यादा नतीजों का इंतजार राजस्थान यूनिवर्सिटी और जोधपुर का है। जानकारों के मुताबिक RU और JNVU के नतीजे चौंकाने वाले होंगे। वहीं, उदयपुर की मोहनलाल सुखाड़िया में बाजी पलट सकती है।

इससे पहले शुक्रवार को हुई वोटिंग में राजस्थान यूनिवर्सिटी में 48.38% मतदान हुआ है। यूनिवर्सिटी में अपेक्स पदों की मत पेटियों को कॉमर्स कॉलेज में रखा गया है। अपेक्स पदों पर 20 हजार 770 मतदाताओं में से 10 हजार 50 मतदाताओं ने वोट डाले।

राजस्थान यूनिवर्सिटी में 6 दावेदार, तीन के बीच कड़ी टक्कर
राजस्थान यूनिवर्सिटी में अध्यक्ष पद के लिए 6 दावेदारों के बीच कड़ी टक्कर है। शनिवार को परिणाम आने के बाद 37वां अध्यक्ष चुना जाएगा। निहारिका जोरवाल और रितु बराला का दावा भी मजबूत है, लेकिन स्टूडेंट्स से मिला फीडबैक बता रहा है कि अध्यक्ष की इस दौड़ में निर्मल चौधरी सबसे आगे हैं।

जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी में NSUI और SFI में कांटे की टक्कर
SFI के अरविंद सिंह और NSUI के हरेंद्र में कड़ी टक्कर मानी जा रही है। यहां हमेशा जातिगत फैक्टर हावी रहता है। या तो राजपूत या फिर जाट अध्यक्ष बनता है। शुक्रवार काे हुई वोटिंग के बाद यहां समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि परिणाम चौंकाने वाले होंगे।

मोहनलाल सुखाड़िया में पलट सकती है बाजी
कुलदीप सिंह का दावा मजबूत लग रहा है। हालांकि NSUI के देव सोनी पहले एबीवीपी में काम कर चुके हैं। सुखाड़िया यूनिवर्सिटी ABVP का गढ़ रहा है। लेकिन, वोटिंग के बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि यहां इस बार बाजी पलट सकती है।

MDSU में सबसे एक्टिव संगठन को खतरा
अजमेर की यूनिवर्सिटी में पिछले दो बार के चुनावों का आंकड़ा देखें तो यहां ABVP हमेशा आगे रही है। लेकिन, इस बार संगठन में अंदरखाने चल रही नाराजगी ABVP को नुकसान पहुंचा सकती है। इसका फायदा NSUI को मिल सकता है और वह यहां बड़ा खेल कर सकती है।

महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी में तीन फैक्टर करेंगे काम
बीकानेर की इस यूनिवर्सिटी में NSUI से कोई नहीं है। ABVP से लोकेंद्र के अलावा निर्दलीय उम्मीदवार भवानी सिंह तंवर भी राजपूत हैं। ऐसे में राजपूत वोट बंटते हैं तो इसका फायदा निर्दलीय जाट उम्मीदवार भैराराम को मिल सकता है।

कोटा यूनिवर्सिटी में ABVP बचा सकती है अपना गढ़
कोटा यूनिवर्सिटी ABVP का गढ़ रहा है। यहां 6 बार में ABVP अपना अध्यक्ष बना चुकी है। NSUI से कोई मैदान में नहीं है। लेकिन, निर्दलीय अजय पारेता से ABVP की अंतिमा नागर के बीच कड़ी टक्कर है। जानकारों के मुताबिक ABVP इस बार भी अपना गढ़ बचा सकती है।

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