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बीकानेर। एबीआरएसएम उच्च शिक्षा राजस्थान ने आयुक्त/निदेशक, कॉलेज शिक्षा राजस्थान के पद पर उच्च शिक्षा संवर्ग से पदोन्नति के नियम में परिवर्तन का तीव्र विरोध किया है। संगठन के महामन्त्री डॉ सुशील कुमार बिस्सु ने मुख्यमन्त्री को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि राजस्थान में उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक पद पर प्रारम्भ से ही संवर्ग के वरिष्ठतम प्राचार्य के पदस्थापन की व्यवस्था रही है।
लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ब्यूरोक्रेसी के पूर्वाग्रह और दबाव के कारण इस पद पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को लगाने की व्यवस्था प्रारम्भ की गई, जो अस्थायी थी। तब से अब तक यही परम्परा चली आ रही है। संगठन ने हमेशा इस व्यवस्था का भी विरोध किया है।
राजस्थान शिक्षा सेवा (महाविद्यालय शाखा) के नियम 27 में स्पष्ट प्रावधान रहा है कि आयुक्त/निदेशक कॉलेज शिक्षा राजस्थान के पद पर विशेष परिस्थिति को छोड़कर संवर्ग के वरिष्ठतम प्राचार्य को ही पदस्थ किया जाये।
राज्य का शिक्षक समुदाय इस पद पर वरिष्ठतम प्राचार्य की नियुक्ति के लिए आश्वस्त था, लेकिन राज्य सरकार के कार्मिक विभाग ने नियम 27 को विलोपित करने का आदेश जारी कर प्राचार्य की पदोन्नति का मार्ग हमेशा के लिए रोक दिया है।
डॉ बिस्सु ने बताया कि जब से इस पद पर प्रशासनिक अधिकारियों को नियुक्त करने की परम्परा प्रारम्भ हुयी है, तब से राज्य की उच्च शिक्षा का स्तर गिरने लगा है। संगठन निरन्तर इसकी चिन्ता प्रकट करता रहा है, लेकिन राज्य की नौकरशाही उच्च शिक्षा को अपने अवांक्षित हस्तक्षेप से मुक्त करना नहीं चाहती। इसी कारण राज्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ रहा है।