अभिनव न्यूज, नेटवर्क। राजस्थान विधानसभा चुनाव (rajasthan assembly election 2023) से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बड़ा दांव खेल दिया है. चुनाव तारीखों के साथ ही आचार संहिता की घोषणा किसी भी वक्त हो सकती है.
बिहार सरकार के बाद राजस्थान सरकार ने भी जाति आधारित सर्वेक्षण के आदेश कर दिए हैं. बीतें 6 अक्टूबर को कांग्रेस की कोर कमेटी की बैठक में इस पर फैसला लिया गया था. जातिगत जनगणना पर फैसला होने के दौरान इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा मौजूद थे.
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— Rajasthan Youth Congress (@Rajasthan_PYC) October 7, 2023
राजस्थान सरकार ने जारी किए जाति आधारित सर्वेक्षण के आदेश 🔥
जिसकी जितनी आबादी – अब उतना मिलेगा हक ✊
आभार @RahulGandhi जी 🙏 pic.twitter.com/nBP3ARJG6c
बैठक के बाद ही गहलोत ने इसकी जानकारी प्रेस कांफ्रेंस करके दी थी. उन्होंने कहा था “अब राजस्थान में भी बिहार की तरह जातिगत जनगणना होगी. राहुल गांधी जी ने कहा है कि जिसकी जितनी संख्या उसका उतना हक होना चाहिए.”
पार्टी में हो चुका है विरोध
वहीं, जब दो महीने पहले अगस्त में जयपुर में कांग्रेस की कोर कमेटी की बैठक हुई थी. तब भी इस पर चर्चा हुई थी. बैठक के दौरान कांग्रेस नेता रघु शर्मा ने जातिगत जनगणना करवाने का विरोध किया था. उन्होंने जातिगत जनगणना से चुनाव में कांग्रेस को नुकसान होने की आशंका भी जताई थी. इस बात पर गहलोत ने रघु शर्मा पर तंज कसते हुए कहा था कि तुम तो नेशनल लीडर हो, राहुल गांधी से ही सीधी बात क्यों नहीं कर लेते?