अभिनव न्यूज
नागौर: नागौर के एक सरकारी स्कूल में खुद को आग लगाने वाले क्लर्क की आज सुबह मौत हो गई। अजमेर के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। क्लर्क ने गुरुवार सुबह 8 बजे को खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाई थी। आरोप है कि ट्रांसफर होने के बाद भी प्रिंसिपल सीमा चंदेल ने उसे रिलीव नहीं किया।
नागौर के बस्सी गांव में क्लर्क रामसुख मेघवाल की शव लेने से परिवार ने इनकार कर दिया है। अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ है। अस्पताल की मॉर्च्युरी के बाहर परिवार के लोग, लिपिक एसोसिएशन के साथी और अन्य लोग धरने पर बैठे हैं।
आग से क्लर्क रामसुख मेघवाल (55) अस्सी फीसदी तक झुलस गए थे। उन्होंने उपचार के दौरान अजमेर में सुबह 3 बजे के आस-पास दम तोड़ा।
रामसुख बस्सी गांव का ही रहने वाले थे। आरोप है कि स्कूल की प्रिंसिपल सीमा चंदेल और स्टाफ के तीन लोग धन्नाराम माली, महावीर नाहर और सुमित उसे प्रताड़ित करते थे। बताया जा रहा है कि फरवरी के पहले सप्ताह में मंत्रालयिक कर्मचारियों के प्रमोशन हुए थे, इस दौरान क्लर्क रामसुख मेघवाल का प्रमोशन क्लर्क से एएओ (अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी) के तौर पर हो गया था। प्रमोशन के बाद उन्हें पीलवा स्कूल में जॉइन करना था, 7 फरवरी को उन्हें रिलीव किया जाना था लेकिन बस्सी स्कूल से उन्हें रिलीव नहीं किया जा रहा था, इससे वे परेशान थे।
5 दिन पहले उसने पेट्रोल की बोतल स्कूल में लाकर रख ली थी। गुरुवार सुबह उसने रिलीव करने की बात कही और पेट्रोल छिड़ककर स्कूल के बरामदे में ही आग लगा ली।
पीलवा थानाधिकारी सूरजमल चौधरी ने बताया कि सीनियर सेकेंडरी स्कूल बस्सी के बरामदे में यह घटना हुई। उस वक्त स्कूल में क्लास चल रही थी। वहां मौजूद लोगों ने क्लर्क को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने खुद को आग लगा ली। उन्हें झुलसी हालत में कल दोपहर अजमेर के जेएलएन अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
इस घटना के बाद गुरुवार को शाम तक प्रिंसिपल सीमा चंदेल को निलंबित कर दिया गया। भास्कर ने जब प्रिंसिपल से बात की तो चंदेल ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। इसके बाद से प्रिंसिपल गायब है। इसके अलावा अन्य नामजद स्टाफ के लोगों को भी सस्पेंड कर दिया गया है।
क्लर्क की मौत पर विरोध प्रदर्शन
क्लर्क के आत्मदाह के बाद परिजन और लिपिक एसोसिएशन के लोगों ने धरना दे दिया। वे इस मामले की जांच पर अड़ गए। आज जेएलएन हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी के बाहर भी विरोध प्रदर्शन चल रहा है। विरोध प्रदर्शन और धरने में रामसुख के परिजन, रिश्तेदार, लिपिक एसोसिएशन के लोग और अन्य ग्रामीण मौजूद हैं। वे आरोपी प्रिंसिपल व अन्य को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। इस मामले पर राजनीति भी गरमाने लगी है।
सांसद हनुमान बेनीवाल ने पीलवा थाना इलाके की बस्सी के स्कूल लिपिक रामसुख की मौत के मामले को लेकर ट्वीट किया कि लिपिक इतना परेशान हो गया था कि उसे आत्मदाह करना पड़ा। ऐसे में पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। साथ ही दोषियों के खिलाफ कानूनी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
विधायक रामनिवास गावड़िया ने भी ट्विट कर लिखा कि लिपिक रामसुख की दिवंगत आत्मा को शांति मिले। उन्होंने कहा कि वे लगातार पुलिस प्रशासन से लगातार बात कर रहे हैं। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।