पंडित गिरधारी सुरा ( पुरोहित )
बचपन से ही बच्चों में अच्छे संस्कार के साथ-साथ उनके शारीरिक, मानसिक विकास के लिए सभी अभिभावकों को कुछ विशेष बातों का अवश्य ध्यान रखना चहिए। जब बच्चे माता पिता की बात नहीं सुनते हैं, बात नहीं मानते, जिद करते हैं या पढ़ाई में रुचि नहीं लेते हैं तो माता-पिता को चिंता होना स्वाभाविक है। कहा जाता है कि बच्चे शैतानी नहीं करेंगे तो क्या बड़े करेंगे? मगर जब ये शैतानी सीमा पर करने लगती है और स्वयं को और दूसरों को नुकसान पहुंचाने लगती है तो माता-पिता का चिंतित होना स्वाभाविक है।हर समय उनको अपने बच्चों की फिक्र लगी रहती है। बच्चों के जन्म के समय जिस तरह की ग्रह स्थितियां होती है स्वभाव भी उसी के अनुरूप बनता है। मंगल को विशेष रूप से
गुस्से, जिद्दीपन , उठापटक वाला ग्रह बताया है। बच्चों में जिद करने की आदत बहुत होती है। कोई खिलौना देखा नहीं कि उसे खरीदने के लिए जिद करने लगते हैं। अपनी पसंद की चीज पाने के लिए बीच सड़क पर ही रोने, चिल्लाने और गुस्सा करने लगता है। ऐसे में सबकी निगाहें बच्चों के पैरेंट्स परवरिश के ऊपर उठने लगती हैं। कई बार कुछ बच्चे ज्यादा ही जिद्दी और झगड़ालू स्वभाव के होते है। यदि ऐसे बच्चों को समय रहते सुधारा नहीं गया तो उनका पूरा जीवन अंधकारमय हो सकता है। बच्चे के स्वभाव से घर वाले परेशान रहते है। कई बार उन्हे समझाते है फिर भी उनके स्वभाव में कोई फर्क नही पड़ता। यह समस्या प्राय देखने को मिलती है। कभी कभी तो माता पिता इतने परेशान हो जाते है कि वो बहुत जगह चक्कर लगाते है। उपाय पूछते है कि क्या करें शैतानी और जिदपने को दूर करने की। ऐसा ग्रहों की स्थिति के अनुसार होता है। कुंडली का प्रथम भाव स्वभाव या प्रकृति का माना गया है, पंचम भाव बुद्धि का और मंगल को विशेष रूप से गुस्से, जिद्दीपन, आक्रामकता एवं उठापटक वाला ग्रह माना गया है। सूर्य एकाधिकार का ग्रह है राहु को तामसी प्रवृति का ग्रह बताया है। ज्योतिष के अनुसार बुध बुद्धि, गुरु विवेक एवं चंद्रमा मन का नियंत्रक ग्रह होने से मंगल, राहु एवं सूर्य के साथ बने ये योग तो बच्चा जिद्दी व गुस्सैल होता है।
तो कुछ योग बता रहे है कुंडली के अनुसार जिससे बच्चा जिद्दी और गुस्सैल होता है आप भी ध्यान रखें अगर आपके पास बच्चे की कुंडली हो तो
- बच्चे की कुंडली में मंगल व बुध एक साथ है।
2.कुंडली में सूर्य व मंगल का योग हो। - कुंडली में मंगल राहु, मंगल केतु का योग भी जिद्दी बनाता है
4.कुंडली में गुरु राहु या गुरु केतु साथ हो , जिसे गुरु चंडाल योग कहते है। इससे नकारात्मक व्यवहार करता है। - कुंडली में चंद्रमा राहु, या चंद्रमा केतु, सूर्य के साथ राहु या केतु का योग भी बच्चे को इरिटेट् बनाता है।
6.बच्चे की कुंडली में शनि मंगल का योग हो तो बच्चा उठापटक करने वाला होता है।
7.कुंडली में लगन में मंगल का होना भी जिद्दी स्वभाव बनाता है।
आइये हम जानते है बच्चों के जिद्दी स्वभाव को बदलने के लिए कहना मानने के लिए करें ये उपाय - बच्चा बहुत ही जिद्दी व क्रोधी हो तो प्रत्येक मंगलवार उसके हाथ से लाल मसूर की दाल महादेव मंदिर मे चढाए।
- हर बुधवार को गणेश जी के मंदिर मे बूंदी के लड्डू के साथ दुर्वा चढाए।
3.बच्चे से ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप कराए। - जौ को दूध से धोकर बच्चे के हाथ से बहते पानी में बहाए।
- बिगड़े हुए बच्चों के हाथ से गरीब व असहाय लोगों की सेवा कराए, खाने पीने की वस्तु दान करें।
- हनुमान जी को सिंदूर चढाए और हनुमान जी के दाहिने पैर के अंगूठे के सिंदूर से बच्चे को तिलक लगाए।
- बच्चे का गुस्सा शांत व जिद्दी स्वभाव शांत करने के लिए चांदी का चंद्रमा उसमें अभिण मोती लगाकर बच्चे को पहनाए।
बच्चों को कभी अकेला न छोडे, बच्चों की बात को सुने, केवल अपनी ही बात उन पर न थोपे। धेर्य से समझावे। जबरदस्ती न करें। कुछ बातो का पेरेंट्स को भी ध्यान रखना आवश्यक है। घर में माता पिता का व्यवहार देखकर ही बच्चों पर असर पड़ता है। माता पिता को चाहिए कि घर में शांति आपसी प्रेम और अपनों से वरिष्ठ का सम्मान करना सिखाए। माता पिता को बच्चों के सामने नही झगड़ना चाहिए। और मैंने आपको रेमीडि बताई है। इसके करने से किसी को भी नुकसान नही होगा और आपके बच्चे का स्वभाव भी अच्छा बनेगा। बच्चा खूब तरक्की भी करेगा।