अकादमी की ओर से ‘महाराणा प्रताप- व्यक्तित्व व कृतित्व’ विषयक संगोष्ठी आयोजित..
महाराणा प्रताप त्याग, स्वाभिमान, मातृभूमि प्रेम, सत्य, साहस की प्रतिमूर्ति थे
अभिनव टाइम्स | महाराणा प्रताप त्याग, स्वाभिमान, मातृभूमि प्रेम, सत्य, संघर्ष, साहस की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने कला-साहित्य-संस्कृति को संरक्षण दिया। हम उनके जीवन-दर्शन से प्रेरणा लेकर देशहित में कार्य करें, यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।ये विचार साहित्यकारों ने बुधवार को महाराणा प्रताप जयंती की पूर्व संध्या पर राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव के तहत अकादमी सभागार में आयोजित ‘महाराणा प्रताप- व्यक्तित्व व कृतित्व’ विषयक राजस्थानी संगोष्ठी में व्यक्त किये।इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शंकरलाल स्वामी ने कहा कि महाराणा प्रताप के शौर्य व जन्मभूमि के प्रति निष्ठा की पूरे विश्व में सराहना की जाती है। डॉ. स्वामी ने वीर रस की कविता के माध्यम से प्रताप को श...