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Tuesday, September 17

Literature

‘सृजन के वातायन’ कार्यक्रम में हुआ कवि वरुण का रचना पाठ और अभिनंदन

‘सृजन के वातायन’ कार्यक्रम में हुआ कवि वरुण का रचना पाठ और अभिनंदन

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अभिनव न्यूज, बीकानेर। 'आसानी से मिल जाता हूं, दरवाजे सा खुल जाता हूं, अंधियारा मिट जाए सारा, मैं दीपक बन जल जाता हूं।' ऐसी काव्य पंक्तियां शनिवार की शाम को हंशा गेस्ट हाउस के सभागार में गुंजायमान हो रही थी, अवसर था कवि- गीतकार संजय आचार्य वरुण के जन्म दिवस पर आयोजित कार्यक्रम 'संजय : सृजन के वातायन' का। अज़ीज़ आज़ाद लिटरेरी सोसायटी की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में लगभग एक घण्टे तक संजय आचार्य वरुण ने हिन्दी, राजस्थानी और उर्दू की विविध आयामी रचनाएं प्रस्तुत की। उनके गीत ' मेरी लुट गई सारी रात, मन दरवाजे तेरे बंद चिटकणी और काया ढोऊं माया ढोऊं' को उपस्थित श्रोताओं द्वारा खूब पसंद किया गया। राजस्थानी गीत 'किण विध कैवूं पीड़ सांवरा, कूण सुणैला म्हारी रे, भारत भू रौ कूण रुखाळौ, राखौ पत गिरधारी रे" पर बहुत सराहना मिली। ग़ज़ल 'समंदर ग़मों का डुबोता नहीं है, मुझे आंसुओं में भिगोता नहीं है' को भी ...
कवि वरुण का एकल काव्य पाठ शनिवार को

कवि वरुण का एकल काव्य पाठ शनिवार को

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अभिनव न्यूज, बीकानेर। अजीज आजाद लिटरेरी सोसायटी द्वारा तीन अगस्त को कवि-शायर व गीतकार संजय आचार्य 'वरुण'के एकल-काव्य पाठ का आयोजन शनिवार को किया जा रहा है। सोसायटी के सचिव इरशाद अजीज ने बताया कि हंशा गेस्ट हाउस में शाम पांच बजे प्रारंभ होने वाले इस आयोजन में संजय आचार्य 'वरुण'अपनी चुनिंदा रचनाओं का वाचन करेंगे। कवि वरुण बीकानेर की हिंदी छंदबद्ध कविताओं के प्रतिनिधि कवि हैं, जिन्होंने देशभर में कईं कवि सम्मेलनों में अपनी छाप छोड़ी है। इस अवसर पर वरुण का सम्मान भी होगा। ...
फ्रेंड्स एकता संस्थान ने साहित्यकारों को किया सम्मानित

फ्रेंड्स एकता संस्थान ने साहित्यकारों को किया सम्मानित

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अभिनव न्यूज, बीकानेर। फ्रेंड्स एकता संस्थान की ओर से गत वर्षो की परंपरा के तहत शहीदे आजम अशफाक उल्ला खां वारसी के 96वीं पुण्यतिथि पर उन्हें और काकोरी ट्रेन काण्ड के शहीदों को स्मरण करते हुए स्थानीय नरेन्द्र सिंह ऑडिटोरियम में नगर के हिन्दी, उर्दू, राजस्थानी के साहित्यकारों के साथ खेल लेखन की प्रतिभा का समारोह में सम्मान किया गया। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); संस्थान के अध्यक्ष शायर वली मोहम्मद गौरी ने बताया कि समारोह की अध्यक्षता करते हुए राजस्थानी के वरिष्ठ कवि कथाकार कमल रंगा ने कहा कि अशफाक उल्ला खां सांझा संस्कृति के पैरोकार थे। प्रतिभाओं का सम्मान करना एक सुखद पहल है इसी के साथ सम्मानित प्रतिभाओं को ऐसे सम्मान से प्रोत्साहन मिलता है। समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व महापौर एवं शायर मकसूद अहमद ने कहा कि यह सम्मान बीकानेर के अदब और हिन्दी, उर्दू औ...
महिला लेखन और चुनौतियां विषयक परिसंवाद का आयोजन

महिला लेखन और चुनौतियां विषयक परिसंवाद का आयोजन

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अभिनव न्यूज, बीकानेर। हिंदी- राजस्थानी के ख्यातनाम साहित्यकार लक्ष्मीनारायण रंगा की स्मृति में प्रति माह होने वाले साहित्यिक एवं सृजनात्मक आयोजनों की श्रृंखला में इस माह दिसंबर में महिलाओं पर केंद्रित हिंदी उर्दू और राजस्थानी भाषा की रचनाकारों का 'महिला लेखन और चुनौतियां' विषयक परिसंवाद का आयोजन स्थानीय नागरिक भंडार स्थित सुदर्शन कला दीर्घा में आयोजित हुआ। परिसंवाद की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ़ शीला व्यास ने कहा की महिला रचनाकारों ने हर दौर में विपरीत स्थितियों में सृजन का दायित्व निर्वहन किया है, चाहे चुनौतियां कितनी भी हो ।यही महिला साहित्यकारों की सफलता है ।आयोजन की मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवयित्री प्रमिला गंगल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा चुनौतियां ही हमारी जीवन शक्ति है,वही कुछ करने की लालसा जगाती है ऐसे में हमें चुनौतियों से मुकाबला करना चाहिए । यही हमारी सृजन शक्ति ...
दृष्टिकोण: त्यौहार और चुनाव, दूरियां न बढ़े, सद्भाव बना रहे

दृष्टिकोण: त्यौहार और चुनाव, दूरियां न बढ़े, सद्भाव बना रहे

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संजय आचार्य वरुण अभिनव टाइम्स देखने- सुनने और पढ़ने वाले लगभग एक लाख आत्मीय जनों के परिवार को धनतेरस की बहुत बहुत बधाई और आपके मंगलमय जीवन के लिए मंगलकामनाएं। चुनाव के परवान चढ़ते माहौल के बीच त्यौहार का रंग कई गुना बढ़ जाता है। एक तरफ जहां त्यौहार कटुता को समाप्त कर सद्भाव का विस्तार करते हैं वहीं चुनाव कहीं न कहीं दूरियां पैदा कर देते हैं। हमें कभी भी दूरियों और वैमनस्य का समर्थन नहीं करना है। हमारी विचारधारा हमारे साथ रहे और दूसरे की विचारधारा का अपमान न हो, स्वच्छ राजनीति इसी को कहते हैं। अक्सर देखा जाता है कि नेताओं से ज्यादा उनके समर्थक भावुक होते हैं। वे अपने प्रिय नेता के लिए जरूरत से ज्यादा जज्बाती हो जाते हैं। राजनीति हमारे मानवीय समाज के कल्याण के लिए होती है। राजनीति से समाज का वातावरण खराब नहीं होना चाहिए। कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संयमित और शालीन रखना उनके नेता और प...
बाल कथा संग्रह ‘सुनो कहानी, पढ़ो कहानी’ का हुआ लोकार्पण

बाल कथा संग्रह ‘सुनो कहानी, पढ़ो कहानी’ का हुआ लोकार्पण

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अभिनव न्यूज, बीकानेर। हिन्दी- राजस्थानी के कवि-कथाकार संजय आचार्य वरुण के बाल कथा संग्रह ' सुनो कहानी, पढ़ो कहानी' का लोकार्पण रविवार को सुदर्शन कला दीर्घा, नागरी भंडार में किया गया। लोकार्पण के बाद वरिष्ठ कवि-कथाकार मालचंद तिवाड़ी ने अपने उद्बोधन में योग वशिष्ठ के हवाले से कहा कि ये संसार एक कहानी सुनने के बाद उत्पन्न हुए प्रभाव जैसा है। हमारे जीवन में हर तरफ कहानी ही कहानी है। उन्होंने कहा कि कहानी आज के अत्याधुनिक डिजिटल युग में भी सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली विधा है। उन्होंने संजय आचार्य वरुण की बाल कहानियों को बाल पाठकों के लिए सहज, सरल और बोधगम्य बताया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष बुलाकी शर्मा ने कहा कि अकादमी के प्रयासों से वर्तमान में प्रदेश में उत्कृष्ट बाल साहित्य के रचाव को गति मिली है। उन्होंने कहा कि संजय आचार्य वरुण का अनुभवी ब...
दिग्गज अभिनेता विक्रम गोखले की हालत नाजुक, बेटी ने कहा- उनका निधन नहीं हुआ है, सलामती के लिए दुआ करें

दिग्गज अभिनेता विक्रम गोखले की हालत नाजुक, बेटी ने कहा- उनका निधन नहीं हुआ है, सलामती के लिए दुआ करें

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अभिनव न्यूज।हम दिल दे चुके सनम' और 'भूल भुलैया' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों से दुनियाभर में अपने अभिनय का जादू चला चुके दिग्गज अभिनेता Vikram Gokhale की हालत नाजुक है। 30 अक्टूबर, 1947 को पुणे में जन्मे विक्रम गोखले की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। Vikram Gokhale की बेटी की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि अभिनेता की हालत नाजुक है और वह इस समय लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं। विक्रम गोखले की बेटी ने लोगों से अपने पिता और अभिनेता की सलामती के लिए दुआएं करने के लिए कहा। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); रिपोर्ट्स के मुताबिक, विक्रम गोखले की क्रिटिकल कंडीशन को देखते हुए उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। लेकिन इसी बीच सोशल मीडिया पर विक्रम गोखले की निधन की खबर आ गई, जिस पर बेटी ने रिएक्ट किया है। विक्रम गोखले के निधन की अफवाह के सा...
‘अपनी पीड़ कहूँ  मैं  कैसे’ बुनियाद संस्थान एवं स्वयं   प्रकाशन  द्वारा  काव्य  संध्या का आयोजन

‘अपनी पीड़ कहूँ मैं कैसे’ बुनियाद संस्थान एवं स्वयं प्रकाशन द्वारा काव्य संध्या का आयोजन

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अभिनव टाइम्स बीकानेर | बुनियाद साहित्य एवं कला संस्थान और स्वयं प्रकाशन बीकानेर की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में गुरुवार को स्वयं प्रकाशन कार्यालय में एक काव्य संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. नृसिंह बिन्नानी ने कहा कि साहित्यकार अपनी रचनाओं के माध्यम से नई पीढ़ी को आजादी के लिए किए गए संघर्षों के बारे में बता सकते हैं। हिन्दी - राजस्थानी के वरिष्ठ कवि- गीतकार डॉ. शंकरलाल स्वामी ने 'वंदे वतन' कविता के साथ ही गजल 'अपनी पीड़ कहूँ मैं कैसे, दिल का दर्द सहूं मैं कैसे ' सुनाकर उपस्थित श्रोताओं से सराहना प्राप्त की। कार्यक्रम में कवि- पत्रकार रमेश भोजक समीर ने कविता 'जो हिस्सा होते हैं भीड़ का, वो सोचते नहीं, और जो सोचते हैं , वो नहीं बनते हिस्सा भीड़ का' प्रस्तुत की। कवि- पत्रकार संजय आचार्य 'वरुण' ने 'मेरे भारत की भूमि मुझको जन्नत से भी प्यारी है,...
रोशनी की लकीरों पर लिखे हुए कुछ अशआर

रोशनी की लकीरों पर लिखे हुए कुछ अशआर

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पुस्तक परिचय : बंधी जिल्द बिखरे पन्ने ग़ज़ल अरबी- फारसी साहित्य की बहुत पुरानी विधा है। कहा जाता है एक वक़्त में ग़ज़ल औरतों से बात करने का ज़रिया थी। हिन्दी साहित्य की भाषा में यह कहा जा सकता है कि उस वक़्त ग़ज़ल फकत श्रृंगार रस की विधा थी। मिर्जा गालिब के दौर तक आते- आते ग़ज़ल अपने सीमित दायरों से बाहर निकलकर ज़िन्दगी के अन्य विषयों को स्पर्श करने लगी। आधुनिक युग में हिन्दी साहित्य में हिन्दी ग़ज़ल को स्थापित करने का श्रेय दुष्यंत कुमार को दिया जाता है। आज के समय में गज़ल हर भाषा में लिखी जाती है। इस दौर में जब साहित्य में पाठकों और श्रोताओं का अभाव बताया जाता है तब भी ग़ज़ल आम जन मानस में पहले जितनी ही लोकप्रिय है । डॉ. संजू श्रीमाली उन रचनाकारों में से एक हैं जो साहित्य की विभिन्न विधाओं को साधती हैं। यह प्रसन्नता का विषय है कि इस बार उन्होंने ग़ज़ल कहने के सफल प्रयास किए हैं। 'बंधी जिल्द बिखरे पन्ने...
इरशाद अज़ीज़ की दो ग़ज़लें

इरशाद अज़ीज़ की दो ग़ज़लें

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बीकानेर अदब की नगरी है। साहित्य की सभी विधाओं सहित प्रत्येक कला यहां पुष्पित- पल्लवित होती रही है। यहाँ की आम आवाम भी साहित्य से अनुराग रखती है। यही वजह है कि यहां उर्दू, हिंदी और राजस्थानी सहित कई ज़बानों में साहित्य रचा जा रहा है। बीकानेर के उर्दू अदब की बानगी के रूप में प्रस्तुत है बीकानेर के लोकप्रिय शाइर ज़नाब इरशाद अज़ीज़ साहब की दो ग़ज़लें। हाल ही में आपका दीवान 'आहट' शाया हुआ है। अजब सी बेक़रारी हो रही हैहमारी जाँ तुम्हारी हो रही है हमें मालूम है सारी हक़ीक़तहमी से पर्दादारी हो रही है मुहब्बत ख़त्म करते जा रहे होये तुम से भूल भारी हो रही है वो मय्यत पे हमारी रो रहे हैंहमारी ग़म गुसारी हो रही है सितारे ख़ुदकुशी कर के गिरे तोवो समझे चाँद मारी हो रही है जो क़ातिल है मुहब्बत के यहाँ परउन्हीं की ताज़दारी हो रही है निकल भागो सुनो इरशाद ख़ुद सेके उसकी याद तारी हो रही है…(2...
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