महाकवि सूर्यमल्ल मिश्रण का काव्य वीरों के वीरत्व का उद्घोष- डाॅ. केवलिया
भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी की ओर से ‘वीर सतसई में मातृभूमि प्रेम’ विषयक संगोष्ठी
बीकानेर, 14 मई। वरिष्ठ साहित्यकार व शिक्षाविद् डाॅ. मदन केवलिया ने कहा कि महाकवि सूर्यमल्ल मिश्रण का सम्पूर्ण काव्य वीरों के वीरत्व का उद्घोष है। उनके द्वारा रचित ‘वीर सतसई’ में मातृभूमि को परतन्त्रता की बेड़ियों से मुक्त करवाने की अदम्य अभिलाषा है। उन्होंने वीर सतसई के माध्यम से स्वाधीनता-प्रेमी वीरों को प्रेरित किया।
डाॅ. केवलिया शनिवार को राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी की ओर से आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत प्रतिमान संस्थान में ‘वीर सतसई में मातृभूमि प्रेम’ विषयक संगोष्ठी में बोल रहे थे। डाॅ. केवलिया ने कहा कि भारत के सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में राजस्थान के अनेक वीरों की स्तुत्य भूमिका रही है। सूर्यमल्ल मिश्रण ने तत्कालीन समय की प्रतिध्वनियो...