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Thursday, November 21

Art & Culture

17 जून 2022: पढ़ें आज का पंचांग, जानें मुहूर्त, दिशाशूल एवं राहुकाल

17 जून 2022: पढ़ें आज का पंचांग, जानें मुहूर्त, दिशाशूल एवं राहुकाल

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शुभ मास- आषाढ़ मास कृष्ण पक्षशुभ तिथि तृतीया जया संज्ञक तिथि प्रातः 6 बजकर 11 मिनट तक तत्पश्चात चतुर्थी रिक्ता संज्ञक तिथि आरम्भ. तृतीया  तिथि में सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य, विवाह, प्रतिष्ठा, अन्नप्राशन, यज्ञोपवीत, उत्सव, यज्ञादि कार्य विशेष शुभ माने जाते हैं. तृतीया तिथि में जन्मे जातक प्रमादी, धनवान, बुद्धिवान, भाग्यवान, पराक्रमी होते हैं. उत्तरा षाढ़ा "ध्रुव-ऊर्ध्व मुख" संज्ञक प्रातः 9 बजकर 55 मिनट तक रहेगा. उत्तरषाढ़ा नक्षत्र में बोरिंग, शिल्प, विद्या आरम्भ, वास्तु शांति इत्यादि कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते हैं. उत्तरषाढ़ा नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक स्वतन्त्र विचारों वाला, कठोर मेहनत करने वाला, धनवान, बुद्धिमान, आज्ञाकारी, धर्मपरायण होते हैं. चन्द्रमा- सम्पूर्ण दिन मकर राशि में संचार करेगा.  व्रतोत्सव- चतुर्थी तिथि क्षय, चतुर्थी व्रत, चंद्रोदय रा...
16 जून 2022: पढ़ें आज का पंचांग, जानें मुहूर्त, दिशाशूल एवं राहुकाल

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आज आषाढ़ कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि और गुरुवार का दिन है। द्वितीया तिथि आज सुबह 9 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। आज रात 8 बजकर 8 मिनट तक ब्रह्म योग रहेगा। साथ ही आज दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र रहेगा। जानिए गुरुवार का पंचांग,राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय। शुभ मुहूर्त द्वितीया तिथि - आज सुबह 9 बजकर 43 मिनट तकब्रह्म  योग  - आज रात 8 बजकर 8 मिनट तक पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र - आज दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक  राहुकाल दिल्ली-दोपहर 02:07 से दोपहर बाद 03:51 तक  मुंबई - दोपहर 02:19 से दोपहर बाद 03:58  तकचंडीगढ़ - दोपहर 02:09 से दोपहर बाद 03:55 तकलखनऊ - दोपहर 01:51 से दोपहर बाद 03:34 तकभोपाल - दोपहर 02:02 से दोपहर बाद 03:44 तककोलकाता - दोपहर 01:19 से दोपहर 03:00 तकअहमदाबाद - दोपहर 02:22 से शा...
15 June 2022: आज इन 3 राशि वालों को मिल सकता है अच्छा समाचार, धन लाभ के संकेत

15 June 2022: आज इन 3 राशि वालों को मिल सकता है अच्छा समाचार, धन लाभ के संकेत

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जयपुर: राशिफल (rashifal) चंद्र ग्रह की गणना पर आधारित होता है. राशिफल की जानकारी करते समय पंचांग की गणना और सटीक खगोलीय विश्लेषण किया जाता है. राशिफल (today rashifal) में सभी 12 राशियों के भविष्य के बारे में बताया जाता है. ऐसे में आप इस राशिफल को पढ़कर अपनी दैनिक योजनाओं को सफल बना सकते हैं. मेष:-सूर्य आपकी राशि से तीसरे भाव में संचरण करेगा. इच्छा शक्ति, मनोबल में वृद्धि होगी. कोर्ट कचहरी के मैटर्स में सफ़लता मिलेगी. उच्च अधिकारियों के साथ अच्छे संबंध स्थापित होंगे. नयी नौकरी का प्रस्ताव मिल सकता है.  उपायः तांबे का कड़ा अपने दाहिने हाथ में पहनें. वृषभ:-सूर्य आपकी राशि से दूसरे भाव में प्रवेश करेगा. फाइनेंसियल बेनिफिट्स होंगे. अपने  कार्य क्षमता और प्रयासों के बल पर आप हर परिस्थिति को अपने अनुकूल बना सकने में आप सफ़ल होंगे. उपायः रविवार के दिन माँ गाय...
15 जून 2022: पढ़ें आज का पंचांग, जानें मुहूर्त, दिशाशूल एवं राहुकाल

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शुभ मास- आषाढ़ मास कृष्ण पक्षशुभ तिथि प्रतिपदा नन्दा संज्ञक तिथि दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक तत्पश्चात द्वितीय तिथि रहेगी. शुक्ल पक्ष कि प्रतिपदा तिथि को देवी पूजन कार्यो को छोड़ कर सभी शुभ कार्यो वर्जित माने गए हैं. प्रतिपदा तिथि में जन्मे जातक धनवान, बुद्धिवान, सुखी, धर्मपरायण होते हैं.  शुभ नक्षत्र  मूल "तीक्ष्ण व अधोमुख" नक्षत्र दोपहर 3 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. मूल नक्षत्र में विद्या आरम्भ, बोरिंग, विवाह कर्म, वास्तु शांति, कृषि कार्य इत्यादि कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते हैं. मूल नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक स्वतन्त्र विचारों वाला, कठोर मेहनत करने वाला, क्रोधी स्वाभाव वाला, दानी, धनवान, बुद्धिमान होता है. गंड मूल नक्षत्र होने के कारण मूल नक्षत्र में जन्मे जातको को जन्म के 27 दिन बाद मूल अरिष्ट शांति हवन करवा लेना चाहिए.  चन्द्रमा- सम्पूर्ण दिन धनु राशि में संचार करे...
14 जून 2022: पढ़ें आज का पंचांग, जानें मुहूर्त, दिशाशूल एवं राहुकाल

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शुभ मास- ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्षशुभ तिथि पूर्णिमा तिथि सायं 5 बजकर 21 मिनट तक तत्पश्चात आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि आरम्भ. पूर्णिमा तिथि में मांगलिक कार्य शुभ माने माने गये है. पूर्णिमा तिथि में जन्मे जातक धनवान,बुद्धिवान, साहसी, धर्मपरायण और ऐश्वर्यवान होते हैं.    शुभ नक्षत्र ज्येष्ठा नक्षत्र सायं 6 बजकर 32 मिनट तक तत्पश्चात मूल नक्षत्र रहेगा.  ज्येष्ठा नक्षत्र में अग्नि, शिल्प, चित्रकारी इत्यादि कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते हैं. ज्येष्ठा नक्षत्र गण्डान्त मूल संज्ञक नक्षत्र है अतः ज्येष्ठा नक्षत्र मे जन्मे जातको कि 27 दिन बाद पुनः इसी नक्षत्र के दिन मूल शांति करवा लेनी चाहिए. ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक स्वतन्त्र विचारों वाला, कठोर मेहनत करने वाला, क्रोधी स्वाभाव वाला, सुन्दर, साहसी, व्यापार निपुण, धनवान,बुद्धिमान होता है.    चन्द्रमा- ...
12 जून 2022: पढ़ें आज का पंचांग, जानें मुहूर्त, दिशाशूल एवं राहुकाल

12 जून 2022: पढ़ें आज का पंचांग, जानें मुहूर्त, दिशाशूल एवं राहुकाल

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शुभ मास- ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्षशुभ तिथि त्रयोदशी जया संज्ञक तिथि रात्रि 12 बजकर 27  मिनट तक तत्पश्चात चतुर्दशी तिथि रहेगी. त्रयोदशी तिथि को यज्ञोपवीत को छोड़ कर समस्त शुभ एवं मांगलिक कार्य, विवाह, उपनयन, प्रतिष्ठा, देव कार्य, गृह प्रवेश इत्यादि कार्य शुभ माने जाते हैं. त्रयोदशी तिथि में जन्मे जातक धर्मात्मा, धनवान, बुद्धिवान, भाग्यवान, पराक्रमी होते हैं.    शुभ नक्षत्र विशाखा नक्षत्र रात्रि 11 बज कर 58 मिनट तक तत्पश्चात अनुराधा नक्षत्र रहेगा. विशाखा नक्षत्र मे शिल्प, चित्रकारी इत्यादि कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते हैं. विशाखा नक्षत्र में जन्मा जातक सुन्दर, साहसी, व्यापार निपुण, धनवान, बुद्धिमान होता है.  चन्द्रमा- सायं 06-30 तक तुला राशि में तत्पश्चात वृश्चिक राशि में संचार करेगा व्रतोत्सव- प्रदोष व्रत राहुकाल- सायंकाल 4.30 बजे से 6 बजे तक दिशाशूल- ...
11 जून 2022: पढ़ें आज का पंचांग, जानें मुहूर्त, दिशाशूल एवं राहुकाल

11 जून 2022: पढ़ें आज का पंचांग, जानें मुहूर्त, दिशाशूल एवं राहुकाल

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शुभ मास- ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्षशुभ तिथि एकादशी नन्दा संज्ञक तिथि प्रातः 10 बजकर 55 मिनट तक तत्पश्चात द्वादशी तिथि रहेगी. एकादशी तिथि में विवाह आदि मांगलिक, यज्ञोपवीत, गृह आरम्भ, प्रवेश, देव कार्य आदि कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं.  शुभ नक्षत्र स्वाति नक्षत्र रात्रि 9 बजकर 21 मिनट तक तत्पश्चात विशाखा नक्षत्र रहेगा. स्वाति नक्षत्र में यदि तिथि शुभ हो तो यात्रा, विवाह, गृह प्रवेश, मांगलिक कार्य  इत्यादि कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते हैं. स्वाति नक्षत्र में जन्मा जातक मेघावी, विलासप्रिय, धनवान, बुद्धिमान होता है.  चन्द्रमा- तुला राशि में संचार करेगा.  व्रतोत्सव- निर्जला एकादशी व्रत वैष्णवों का, गायत्री जयंती, त्रिस्पृशा महा द्वादशी   राहुकाल- प्रातः 9 बजे से 10.30 बजे तक दिशाशूल- शनिवार को पूर्व दिशा मे दिशाशूल रहता है. यात्रा को सफल बनाने ल...
निर्जला एकादशी कब करें 10 या 11 को ?

निर्जला एकादशी कब करें 10 या 11 को ?

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पद्मपुराण में एक प्रसंगंग है जब भगवान वाराह और हिरण्याक्ष का युद्ध हो रहा था तब भगवान नारायण के बार बार कोशिश करने पर भी जब हिरण्याक्ष नहीं मर रहा थातब भगवान ब्रह्मा जी ने भगवान नारायण से पूछा हे प्रभु यह असुर तो आपकी दृष्टि मात्र से मरना चाहिए ऐसा क्यों हो रहा है कि आप इसे मार नहीं पा रहे हैं ।तब भगवान जी बोले ब्रह्मा जी शुक्राचार्य की माया से मोहित होने से कुछ ब्राह्मण दशमी युक्ता एकादशी का व्रत कर रहे हैं ।क्योंकि दशमी के दिन दैत्यों की उत्पत्ति हुई थी और एकादशी के दिन देवताओं की उत्पत्ति हुई थी इसीलिए दशमी को व्रत करने से दैत्यों का बल बढ़ता है और एकादशी को व्रत करने से देवताओं का बल बढ़ता है ब्राह्मणों के दशमी विद्धा एकादशी का व्रत करने से दैत्य का बल बढ़ रहा है और यह मर नहीं रहा है ।जो मनुष्य दशमी युक्ता एकादशी का व्रत करता है उसके अंदर आसुरी शक्ति बढ़ती है ।**कलियुग में सब लोग मोहि...
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