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Thursday, November 21

कला और संस्कृति

सुनहरी कलम से केशरिया हनुमान मंदिर का नया स्वरूप…

सुनहरी कलम से केशरिया हनुमान मंदिर का नया स्वरूप…

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अभिनव न्यूजबीकानेर। पुरानी गिनानी में स्थित श्री केशरिया हनुमान जी का 79 वां वार्षिक उत्सव 15 मई को मनाया जायेगा। मंदिर परिसर में कई धार्मिक आयोजनों अनुष्ठान के कार्य किए जाएंगे है मंदिर के पुजारी केशव शुक्ला ने बताया कि लुप्त होती भित्ती प्राचीन हिंदू जैन मंदिरों व प्राचीन हवेलीयों में सुनहरी कलम से कार्य करने वाले चित्रकार रामकुमार भादाणी मंदिर परिसर मे पिछले 7 दिनों से इस मंदिर में सुनहरी कलम से कार्य कर रहे हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); इन्होंने इस प्राचीन मूर्ति कों सुनहरी कलम से बारीकीयों का ध्यान मे रखते हुवे नया जीवंत स्वरुप प्रदान किया हैं। जो की आम भक्तो कों मनमोहक सा प्रतीक हो रहा है।मंदिर परिसर के मुख्य पुजारी अंजनी कुमार शुक्ला ने बताया की जिसमें तीन दिवसीय कार्यक्रम रखा गया है तारीख 13 मई से 15 मई तक 2023 तक चलेगा जिसमे श्री के...
Sheetala Ashtami 2023: 14 या 15 मार्च कब है शीतला अष्टमी व्रत? जानिए सही डेट, मुहूर्त और महत्व

Sheetala Ashtami 2023: 14 या 15 मार्च कब है शीतला अष्टमी व्रत? जानिए सही डेट, मुहूर्त और महत्व

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अभिनव न्यूजहिंदू धर्म में शीतला अष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। हर साल होली के आठवें दिन यह पावन व्रत पड़ता है। चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी मनाई जाती है। इस दिन मां शीतला की पूजा का विधान है। शीतला अष्टमी के दिन बासी भोजन खाने की परंपरा है। माता शीतला को भी बासी भोजन का ही भोग लगाया जाता है, इसलिए इसे स्थानीय भाषा में बासौड़ा, बूढ़ा बसौड़ा, बसोड़ा या बसियौरा नामों से भी जाना जाता है। आपको बता दें कि यह पर्व मालवा, निमाड़, राजस्थान और हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में बड़े ही धूमधाम और विधि-विधान के साथ मनाया जाता है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); कब है शीतला अष्टमी और शीतला सप्तमी? हर त्यौहार की तरह शीतला अष्टमी व्रत की तारीख को लेकर भी लोगों में असमंजस की स्थिति है। माता रानी के भक्त सोच में हैं कि वो 14 मार्च को अष्टमी का व्रत रखें ...
प्राचीन जीवनशैली:फिर अपनाएं प्राचीन और आयुर्वेदिक जीवनशैली, जानिए इनके बारे में

प्राचीन जीवनशैली:फिर अपनाएं प्राचीन और आयुर्वेदिक जीवनशैली, जानिए इनके बारे में

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हमारी जीवनशैली व्यस्त होने के साथ-साथ अस्वस्थ भी है। समय और मेहनत बचाने के लिए हम आधुनिक उत्पादों पर पूरी तरह से आश्रित हो चुके हैं। जबकि अधिक से अधिक केमिकल रहित वस्तुओं का इस्तेमाल करके इस निर्भरता को समाप्त किया जा सकता है। हमारी प्राचीन और आयुर्वेदिक आदतों को दिनचर्या का हिस्सा बनाकर अपनी जीवनशैली और स्वास्थ्य, दोनों को बेहतर बना सकते हैं। किन आदतों को दोबारा अपनाना है, यहां पढ़िए... तेल से कुल्ला यह एक प्राचीन आयुर्वेदिक विधि है जो मुंह की सेहत के लिए लाभकारी है। इसे सुबह ख़ाली पेट करना फ़ायदेमंद होता है। इससे मुंह की कई बीमारियां दूर होती हैं और मसूड़ों में मज़बूती बनी रहती है। नियमित तौर पर कुल्ला करने से मुंह में मौजूद हानिकारक कीटाणु अच्छी तरह से साफ़ हो जाते हैं। साथ ही साथ मुंह की दुर्गंध, मसूड़ों का सड़ना, कैविटी की समस्या, मसूड़ों की सूजन व दांत दर्द जैसी समस्याएं दूर ह...
विश्व पर्यावरण दिवस पर रविवार को होंगे विभिन्न कार्यक्रम

विश्व पर्यावरण दिवस पर रविवार को होंगे विभिन्न कार्यक्रम

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अभिनव टाइम्स |राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल  के स्थानीय कार्यालय द्वारा 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।  विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि इसकी शुरुआत कलेक्ट्रेट से  जिला कलक्टर  द्वारा सुबह 8:00 बजे पर्यावरण हरित वाहिनी को हरी झण्डी दिखाकर की जाएगी। ये पर्यावरण हरित वाहिनी सम्पूर्ण बीकानेर शहर में घूमकर गीत, बैनर्स एवं फ्लाइस के माध्यम से सिंगल यूज प्लास्टिक  को उपयोग बंद करवाने हेतु जन-चेतना जागृत करेगी। इसके बाद जिला उद्योग संघ रानी बाजार में चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन प्रातः 9 से 11 बजे तक किया जाएगा। इसी कड़ी में शाम 6:00 बजे जेएनवी काॅलोनी स्थित सांइस पार्क मूर्ति सर्किल में श्रमदान किया जाएगा।इसके अलावा शहर के सभी प्रमुख सर्किल व चौराहे पर सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को प्रतिबंधित करने हेतु होडिंग्स लगाए गये है। 91....
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