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Sunday, November 24

साहित्य

स्व. भटनागर ने सदैव की सिद्धांतों की पत्रकारिता : व्यास<br>पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र में सम्मानित हुई प्रतिभाएं

स्व. भटनागर ने सदैव की सिद्धांतों की पत्रकारिता : व्यास
पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र में सम्मानित हुई प्रतिभाएं

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अभिनव न्यूज बीकानेर।राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास ने कहा कि बीकानेर के अनेक लोगों ने पत्रकारिता, साहित्य, कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में विशेष स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने अपने हुनर से बीकानेर को विशेष पहचान दिलाई है। ऐसे लोगों की स्मृतियों को संजोए रखना अनुकरणीय है। युवा पीढ़ी को इससे इनसे सीखने के अवसर मिलेंगे। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); जस्टिस व्यास ने शुक्रवार को स्व. अभय प्रकाश भटनागर स्मृति प्रन्यास द्वारा वरिष्ठ पत्रकार स्व. अभय प्रकाश भटनागर की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा और प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। नरेंद्र सिंह ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान जस्टिस व्यास ने कहा कि बीकानेर प्रतिभाओं की खान है। यहां कला, साहित्य और संस्कृति के साथ-साथ पत्रकारिता के क्षेत्र ...
शंकरसिंह राजपुरोहित चुन्नीलाल सोमानी राजस्थानी कथा पुरस्कार से सम्मानित

शंकरसिंह राजपुरोहित चुन्नीलाल सोमानी राजस्थानी कथा पुरस्कार से सम्मानित

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अभिनव न्यूज।बीकानेर: राजस्थानी भाषा के प्रखर व्यंग्यकार शंकरसिंह राजपुरोहित को उनकी व्यंग्य कथाकृति "मृत्युरासौ" पर सत्र 2022 का चुन्नीलाल सोमानी राजस्थानी कथा पुरस्कार सोमवार को राष्ट्र भाषा हिन्दी प्रचार समिति के प्रांगण में समारोह पूर्वक प्रदान किया गया। स्वागताध्यक्ष तथा पुरस्कार प्रायोजक उद्योगपति लक्ष्मीनारायण सोमानी ने इस अवसर पर कहा कि हमें इस बात का गर्व होना चाहिए कि हम राजस्थानी हैं। हमारी मातृभाषा से हमारी संस्कृति सुरंगी है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); अब राजस्थान जाग गया है, राजस्थानी भाषा को मान्यता से अब अधिक समय वंचित नहीं किया जा सकता है। डाॅ चेतन स्वामी ने कहा कि शंकरसिंह राजपुरोहित राजस्थानी की एक बड़ी प्रतिभा है जो सभी विधाओं में अपना दखल रखते हैं। मुख्य वक्ता कथाकार मालचंद तिवाड़ी ने शंकरसिंह की तुलना चीनी लेखक माओत्से तुं...
साहित्यकार कमल रंगा का जोधपुर में हुआ अभिनंदन

साहित्यकार कमल रंगा का जोधपुर में हुआ अभिनंदन

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अभिनव न्यूज बीकानेर।सिटिजन्स सोसाइटी फॉर एजुकेशन, राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर एवं जेएनवी विश्वविद्यालय के राजस्थानी शोध छात्र परिषद की ओर से हाल ही में साहित्य अकादेमी नई दिल्ली के राष्ट्रीय मुख्य पुरस्कार के रूप में चयन होने पर राजस्थानी के वरिष्ठ कवि कथाकार, नाटकार एवं आलोचक कमल रंगां का भव्य अभिनंदन पद्मश्री सीताराम लाळस के ‘‘ओळू उछब’’ जोधपुर में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थानी साहित्य के ख्यातनाम नाटककार कवि आलोचक डॉ. अर्जनदेव चारण ने की तो वहीं मुख्य अतिथि साहित्य अकादेमी नई दिल्ली मंे राजस्थानी के संयोजक एवं वरिष्ठ साहित्यकर एवं रचनाकार मधु आचार्य ‘‘आशावादी’’ थे एवं रंगा के भव्य-आत्मिक अभिनंदन के विशिष्ठ अतिथि राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार प्रो जहूर खाँ मेहर एवं वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. गजेसिंह राजपुरोहित ने की। (adsbygoogle = window....
भवानी भाई साहित्यिक सांस्कृतिक पुरोधा थे :- मुस्तफ़ा स्व.भवानी भाई की स्मृति में भावांजलि एवं काव्य गोष्ठी आयोजित की गई।

भवानी भाई साहित्यिक सांस्कृतिक पुरोधा थे :- मुस्तफ़ा स्व.भवानी भाई की स्मृति में भावांजलि एवं काव्य गोष्ठी आयोजित की गई।

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अभिनव न्यूज।बीकानेर: लोक जागृति संस्थान बीकानेर द्वारा बीकानेर की गंगा-जमुनी संस्कृति के पुरोधा, आमजन के हितैषी व समाज के सभी वर्गों से सीधा जुड़ाव रखने वाले पहले निर्वाचित महापौर,जननेता स्व. भवानी शंकर शर्मा (भवानी भाई ) की 5वीं पुण्यतिथि पर आज महाराजा नरेंद्र सिंह ऑडिटोरियम,नागरी भंडार में स्वर्गीय भवानी भाई की याद में भावांजलि एवं काव्यांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); संस्थान के सचिव एडवोकेट इसरार हसन क़ादरी एवं अध्यक्ष ग़ुलाम मुस्तफ़ा बाबू भाई ने संयुक्त रूप से बताया कि इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार राजेंद्र जोशी ने की।जोशी ने अध्यक्षीय उद्बोधन के रूप में स्वर्गीय भवानी शंकर शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह एक ऐसे व्यक्तित्व थे जो हमेशा संघर्ष करते हुए आगे बढ़े, वे एक जुझारू जन न...
‘राजस्थानी भाषा रै बधेपै मांय सीताराम लालस रौ योगदान’ विषयक संगोष्ठी आयोजित

‘राजस्थानी भाषा रै बधेपै मांय सीताराम लालस रौ योगदान’ विषयक संगोष्ठी आयोजित

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अभिनव न्यूज।बीकानेर: राजस्थानी शब्दकोष के रचयिता डॉ. सीताराम लालस की जयंती और पुण्यतिथि की पूर्व संध्या के अवसर पर बुधवार को सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट तथा राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय के संयुक्त तत्वावधान में संगोष्ठी आयोजित की गई।कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार एवं शिक्षाविद ओमप्रकाश सारस्वत ने की। मुख्य अतिथि कवयित्री डॉ. रेणुका व्यास 'नीलम' थी। संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि राजेन्द्र जोशी रहे तथा मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. नमामीशंकर आचार्य ने पत्र- वाचन किया। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); पुस्तकालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. सारस्वत ने कहा कि डॉ. लालस ने दुनिया का सबसे बड़ा और समृद्ध शब्दकोष दिया। उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। डॉ. व्यास ने कहा कि 11 खंडों में विभाजित राजस्थानी हिंदी वृहद कोष में लगभग ढाई लाख शब्दों के अलावा, ...
डाॅ.एल.पी.तैस्सितोरी की 135वीं : राजस्थानी व्याकरण की आधारशिला रखने वाले शोधार्थी थे तैस्सीतोरी

डाॅ.एल.पी.तैस्सितोरी की 135वीं : राजस्थानी व्याकरण की आधारशिला रखने वाले शोधार्थी थे तैस्सीतोरी

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अभिनव न्यूज।बीकानेर: सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टिट्यूट बीकानेर के तत्वावधान में इटली मूल के राजस्थानी भाषा के विद्वान शोधार्थी डॉ. एल.पी.तैैस्सितोरी की 135 वीं जयंती के अवसर पर म्यूजियम परिसर स्थित एल.पी. तैैस्सितोरी की प्रतिमा स्थल पर पुष्पांजलि एवं उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर जयंती कार्यक्रम आयोजित किया गया । (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात गीतकार-रचनाकार निर्मल कुमार शर्मा थे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने की एवं कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सखा संगम के अध्यक्ष एन.डी.रंगा,कवियत्री डाॅ.रेेणुुका व्यास एवं सहायक कमीशनर ब्रिक्री कर डाॅ.रामलाल पडिहार थे । कार्यक्रम में सैकड़ों शोधार्थी एवं शहर के गणमान्य जनों ने अतिथियों के साथ डॉ.तैस्सितोरी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। (...
राजस्थानी भाषा के शोधार्थी डॉ.एल.पी.तैस्सितोरी को समर्पित त्रिभाषा काव्य गोष्ठी का आयोजन गुरुवार को होगा

राजस्थानी भाषा के शोधार्थी डॉ.एल.पी.तैस्सितोरी को समर्पित त्रिभाषा काव्य गोष्ठी का आयोजन गुरुवार को होगा

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अभिनव न्यूज।बीकानेर: सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टिट्यूट,बीकानेर के तत्वावधान में इटली मूल के राजस्थानी भाषा के विद्वान डॉ.एल.पी.तैस्सितोरी की 103 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर सात दिवसीय कार्यक्रमों की श्रंखला में गुरुवार 24 नवम्बर को अपरान्ह 4:15 बजे त्रिभाषा काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया है।कार्यक्रम संयोजक साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने बताया कि डाॅ. एल.पी.तैस्सितोरी को समर्पित काव्य-गोष्ठी म्यूजियम परिसर स्थित सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टिट्यूट के सभाकक्ष में आयोजित होगी। उन्होंने बताया की तीन भाषा हिन्दी- राजस्थानी एवं उर्दू के कवि-शायर अपनी रचनाएं डाॅ.एल.पी.तैस्सितोरी को समर्पित करेंगे। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); ...
टैस्सीटोरी की 103 वीं पुण्यतिथि मुख्य द्वार पर श्रद्धांजलि देकर साहित्यकारों ने समाधि-स्थल की दुर्दशा पर जताया रोष

टैस्सीटोरी की 103 वीं पुण्यतिथि मुख्य द्वार पर श्रद्धांजलि देकर साहित्यकारों ने समाधि-स्थल की दुर्दशा पर जताया रोष

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अभिनव न्यूज बीकानेर।‘राजस्थानी भाषा के इटली मूल के महान विद्वान एवं भाषाविद् स्वर्गीय एल.पी.टैस्सीटोरी राजस्थानी भाषा के लिए संघर्ष करने वाले महान सपूत थे। आप एक सांस्कृतिक पुरोधा एवं महान भारतीय आत्मा थे, आप एक ऐसे बहुभाषाविद् थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन हमारी मायड़ भाषा राजस्थानी को मान-सम्मान दिलवाने के लिए समर्पित कर दिया था। प्रज्ञालय संस्थान और राजस्थानी युवा लेखक संघ द्वारा पिछले चार दशकों से भी अधिक समय से उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि आयोजित करके उनके द्वारा किए गए कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने का पुनीत कार्य किया जा रहा है। ये विचार वरिष्ठ कवि कथाकार एवं राजस्थानी भाषा मान्यता आंदोलन के प्रवर्तक कमल रंगा ने व्यक्त किए। अवसर था राजस्थानी युवा लेखक संघ और प्रज्ञालय संस्थान की तरफ से स्वर्गीय एल.पी.टैस्सीटोरी की 103 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित शब्दांजलि -पुष्पांजल...
‘सुकून’ की कविताएं : कागज के हवाई जहाज

‘सुकून’ की कविताएं : कागज के हवाई जहाज

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शालिनी अग्रवाल उड़ाए हैं खूब बचपन मेंअब भी कहीं दिख जाए कोई पैंपलेटबिल या इश्तिहारतो बिना हवाई जहाज बनाएउस कागज का कोई मोल नहीं होताउड़ता है जब वो आसमान मेंहवा से बातें करते हुए,अपनी कारीगरी पर बड़ा फक्र होता हैटकराकर गिर जाता है जब नीचेतो प्लेनक्रैश जैसा दर्द होता हैअब बचपन तो नहीं हैलेकिन बचपन बाकी हैकागज के जहाज ने कईमुश्किलें बांटी हैंटकरा गया था किसी अजनबी से कभीवो अजनबी बन गया हमनबीवो भी कई बार कागज के जहाज उड़ाता हैबचपन तो हमेशा नहीं रहतालेकिन बचपन बरकरार रखा जा सकता है।काली कढ़ाई मेरे घर में एक काली कढ़ाई हैजो बना देती है हर सब्जी को जायकेदारवो हमेशा से इतनी काली थीया चढ़ गया रंग उस पे वक्त काकुछ कह नहीं सकतेहां लेकिन ये पक्का है किअब उसे कितना भी मांजो, कितना भी रगड़ोवो टस से मस नहीं होतीऔर वैसे ही काली रहती हैवो भी समझ गई हैदुनिया के तौर- तरीकेजान गई है खुद की कीमतखुद के व...
बोलता बीकानेर: ‘जंवाई तो क्या जांगे,अब तो हम ही जांगे ‘

बोलता बीकानेर: ‘जंवाई तो क्या जांगे,अब तो हम ही जांगे ‘

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:- मालचंद तिवाड़ी बीकानेर के सोनगिरी कुआं क्षेत्र में मोहल्ला चूनगरान उतना ही पुराना है, जितना पुराना खुद शहर बीकानेर। तो उस मोहल्ले में एक अल्लारखी रहती थी। भोली, भली और नेकदिल अल्लारखी। उसके पांच संतानें थीं - चार बेटे और एक बेटी। बेटी अपने चारों भाइयों से छोटी थी। घर में सबकी लाडली और बेइंतहा खूबसूरत भी। खूबसूरत तो हमारी अल्लारखी भी कम न थी, मगर चूंकि अब उम्रदराज थी सो 'खंडहर बता रहा है कि इमारत कभी आबाद थी' वाला मामला था। अल्लारखी की बेटी का नाम एमना था। बेटी चाहे जितनी प्यारी हो, पर होती तो वह पैदाइशी पराई चीज है। वक़्त आने पर एमना की भी शादी हुई और वह अपनी ससुराल के बहाने नागौर चली गई। लेकिन वह जब भी पीहर आती, पूरे मोहल्ले को खुशी होती और हर कोई कहता सुनाई पड़ता," तुमने देखा क्या, अपनी एमना बिटिया आई हुई है।' किस्सा क़ोताह, एक बार एमना आई तो उसके साथ उसके शोहर भी आए। अल्लारखी ने पू...
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