गीतों, ग़ज़लों और कविताओं ने समा बांधाआल्स के आलमी कवि सम्मेलन और मुशायरे में
अभिनव न्यूज, नेटवर्क। 'तुम हो खंज़र भी तो सीने में समा लेंगे तुम्हें, पर जरा प्यार से बाहों में तो भरकर देखो' अपनी शायरी के ज़रिये अम्न और मुहब्बत का पैग़ाम देने वाले बीकानेर के मशहूर शायर अज़ीज़ आज़ाद की ये पंक्तियां गुरुवार को राजधानी दिल्ली की ग़ालिब एकेडमी में जब इरशाद अज़ीज़ ने पढ़ी तो पूरा सभागार एक स्वर में वाह वाह कर उठा। मौका था अज़ीज़ आज़ाद लिटरेरी सोसायटी (आल्स) की तरफ से एक अन्तरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का। यह आयोजन दुनियाभर में भारतीय कवियों- शायरों को बड़े मंच देने वाले, दुबई की मशहूर अदबी शख्सियत सैयद सलाहुद्दीन के सम्मान में रखा गया। इस प्रोग्राम 'एक शाम सैयद सलाहुद्दीन के नाम' में देश और दुनिया के नामचीन कवियों और शायरों ने अपने बहुरंगी अपने क़लाम पेश किए।
दिल्ली की ग़ालिब एकेडमी में 29 अगस्त को देर रात्रि तक चलने वाले इस आलमी कवि सम्मेलन एवं मुशायरे की स...