आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर रवीन्द्र रंगमंच पर मुशायरा आयोजित
अभिनव टाइम्स ।
वो कहां चश्मे तर में रहते हैं , ख्वाब खुशबू के घर में रहते हैं।अक्स है उनके आसमानों पर, चांद तारे तो घर में रहते हैं।मशहूर शायर शीन काफ निजाम ने सोमवार को रविंद्र रंगमंच पर आजादी की 75 वीं सालगिरह के अवसर पर आयोजित कुल हिंद मुशायरे की अध्यक्षता करते हुए यह कलाम पेश किया। ख्यातनाम शायर डॉ नवाज देवबंदी ने " जूते सीधे कर दिए थे एक दिन उस्ताद के /उसका बदला यह मिला कि तकदीर सीधी हो गई।"इक़बाल अशहर ने " ना जाने कितने चरागों को मिल गई शोहरत, एक आफताब के बेवक्त डूब जाने से।"
मुशायरे का संचालन करते हुए अमरावती के अबरार काशिफ ने" मौजे तूफ़ां तेरी उम्मीद नहीं तोडूंगा, मैं किनारों की तरफ नाव नहीं मोडूंगा। मदन मोहन दानिश ग्वालियरी ने" कितने सीधे सवाल थे मेरे , वो उलझता गया जवाबों में। जयपुर के युवा शायर इब्राहिम जिशान ने " इस बड़े शहर में बस एक सौदागर है अब मैं सामान खरीदूँ या त...