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Thursday, September 19

साहित्य

आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर रवीन्द्र रंगमंच पर मुशायरा आयोजित

आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर रवीन्द्र रंगमंच पर मुशायरा आयोजित

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अभिनव टाइम्स । वो कहां चश्मे तर में रहते हैं , ख्वाब खुशबू के घर में रहते हैं।अक्स है उनके आसमानों पर, चांद तारे तो घर में रहते हैं।मशहूर शायर शीन काफ निजाम ने सोमवार को रविंद्र रंगमंच पर आजादी की 75 वीं सालगिरह के अवसर पर आयोजित कुल हिंद मुशायरे की अध्यक्षता करते हुए यह कलाम पेश किया। ख्यातनाम शायर डॉ नवाज देवबंदी ने " जूते सीधे कर दिए थे एक दिन उस्ताद के /उसका बदला यह मिला कि तकदीर सीधी हो गई।"इक़बाल अशहर ने " ना जाने कितने चरागों को मिल गई शोहरत, एक आफताब के बेवक्त डूब जाने से।" मुशायरे का संचालन करते हुए अमरावती के अबरार काशिफ ने" मौजे तूफ़ां तेरी उम्मीद नहीं तोडूंगा, मैं किनारों की तरफ नाव नहीं मोडूंगा। मदन मोहन दानिश ग्वालियरी ने" कितने सीधे सवाल थे मेरे , वो उलझता गया जवाबों में। जयपुर के युवा शायर इब्राहिम जिशान ने " इस बड़े शहर में बस एक सौदागर है अब मैं सामान खरीदूँ या त...
कुल हिंद मुशायरा 15 को, मंत्री डॉ. कल्ला होंगे मुख्य अतिथि, शायर शीन काफ निजाम करेंगे अध्यक्षता

कुल हिंद मुशायरा 15 को, मंत्री डॉ. कल्ला होंगे मुख्य अतिथि, शायर शीन काफ निजाम करेंगे अध्यक्षता

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अभिनव टाइम्स । आजादी की 75वीं सालगिरह के मौके पर कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग तथा राजस्थान उर्दू अकादमी की ओर से 15 अगस्त को सायं 6ः30 बजे से रवीन्द्र रंगमंच पर कुल हिंद मुशायरा आयोजित किया जाएगा।राजस्थान उर्दू अकादमी के सचिव मोअज्जम अली ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला होंगे। अध्यक्षता शायर व आलोचक शीन काफ निजाम करेंगे। मुशायरे का संचालन अमरावती के अबरार काशिफ द्वारा किया जाएगा।उन्होंने बताया कि मुशायरे में जयपुर के डॉ. नवाज देवबंदी, मलका नसीम, मुंबई के शकील आजमी, अजीज नबील, ऐटा के अज्म शाकरी, दिल्ली के इकबाल अशहर, सालिम सलीम, भोपाल के डॉ. नुसरत मेहदी, दिल्ली के आदिल रशीद, बरेली के शारीक कैफी, ग्वालियर के मदन मोहन दानिश, अहमदनगर के कमर सुरूर, सीकर के फारुक इंजीनियर, जालंधर के रेनू नय्यर, गाजियाबाद के शारिक अजीज, दिल्ली के शहबाज ख...
प्रदेश की कवयित्रियों ने मायड़ भाषा में तिरंगे की महिमा का किया बखान

प्रदेश की कवयित्रियों ने मायड़ भाषा में तिरंगे की महिमा का किया बखान

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राजस्थानी भाषा अकादमी द्वारा राजस्थानी कवयित्री गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन अभिनव टाइम्स बीकानेर। आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी की ओर से रविवार को राजस्थानी कवयित्री गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश की कवयित्रियों ने मायड़ भाषा में रचित अपनी कविताओं के माध्यम से तिरंगे की महिमा का बखान करते हुए राष्ट्र के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने की बात कही। अकादमी सचिव शरद केवलिया ने बताया कि कवयित्री गोष्ठी में जयपुर से डाॅ. शारदा कृष्ण, उदयपुर से शकुंतला सरूपरिया व किरण बाला, कोटा से श्यामा शर्मा, झालावाड़ से प्रीतिमा पुलक, बीकानेर से मोनिका गौड़ व मनीषा आर्य सोनी, खाटू से मानकंवर तथा जोधपुर से डाॅ. सुमन बिस्सा व किरण राजपुरोहित ने देशभक्ति से ओतप्रोत कविताएं पढ़ीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डाॅ. शारद...
‘अपनी पीड़ कहूँ  मैं  कैसे’ बुनियाद संस्थान एवं स्वयं   प्रकाशन  द्वारा  काव्य  संध्या का आयोजन

‘अपनी पीड़ कहूँ मैं कैसे’ बुनियाद संस्थान एवं स्वयं प्रकाशन द्वारा काव्य संध्या का आयोजन

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अभिनव टाइम्स बीकानेर | बुनियाद साहित्य एवं कला संस्थान और स्वयं प्रकाशन बीकानेर की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में गुरुवार को स्वयं प्रकाशन कार्यालय में एक काव्य संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. नृसिंह बिन्नानी ने कहा कि साहित्यकार अपनी रचनाओं के माध्यम से नई पीढ़ी को आजादी के लिए किए गए संघर्षों के बारे में बता सकते हैं। हिन्दी - राजस्थानी के वरिष्ठ कवि- गीतकार डॉ. शंकरलाल स्वामी ने 'वंदे वतन' कविता के साथ ही गजल 'अपनी पीड़ कहूँ मैं कैसे, दिल का दर्द सहूं मैं कैसे ' सुनाकर उपस्थित श्रोताओं से सराहना प्राप्त की। कार्यक्रम में कवि- पत्रकार रमेश भोजक समीर ने कविता 'जो हिस्सा होते हैं भीड़ का, वो सोचते नहीं, और जो सोचते हैं , वो नहीं बनते हिस्सा भीड़ का' प्रस्तुत की। कवि- पत्रकार संजय आचार्य 'वरुण' ने 'मेरे भारत की भूमि मुझको जन्नत से भी प्यारी है,...
संजय पुरोहित को केंद्रीय साहित्य अकादमी का अनुवाद पुरस्कार

संजय पुरोहित को केंद्रीय साहित्य अकादमी का अनुवाद पुरस्कार

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अभिनव न्यूज बीकानेर। जाने माने मंच संचालक, कवि एवं कथाकार संजय पुरोहित को केन्द्रीय साहित्य अकादमी का वर्ष 2021 का अनुवाद पुरस्कार उनके द्वारा अनुदित कृति 'हेली रै मांय' पर घोषित किया गया है। उन्होंने रमा मेहता की अंग्रेजी पुस्तक 'इनसाइड द हवेली' का राजस्थानी में अनुवाद किया है। बीकानेर के लाडले जनकवि स्व.बुलाकी दास बावरा के पुत्र संजय पुरोहित को केंद्रीय अनुवाद पुरस्कार मिलने से बीकानेर के साहित्य समाज में प्रसन्नता का माहौल है। कवि पत्रकार संजय आचार्य वरुण, कवि रमेश भोजक समीर , कवि नाटककार सुनील गज्जाणी, चित्रकार धर्मा और रंगकर्मी अजीत राज ने पुरोहित को पुरस्कार मिलने की घोषणा होने पर प्रसन्नता व्यक्त की है।उल्लेखनीय है कि अनुवाद पुरस्कार की चयन समिति में डॉ. लक्ष्मीकांत व्यास (अजमेर), धनंजय अमरावत (जोधपुर) और डॉ. अजय जोशी (बीकानेर) चयनकर्ता थे। ...
राजस्थानी साहित्यकार परिचय कोश हेतु 10 अगस्त तक भेजें बायोडाटा

राजस्थानी साहित्यकार परिचय कोश हेतु 10 अगस्त तक भेजें बायोडाटा

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अभिनव न्यूज बीकानेर। राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी की ओर से राजस्थानी साहित्यकार परिचय कोश प्रकाशित किया जाएगा। इसके लिए राजस्थानी के साहित्यकारों को 10 अगस्त तक अपना बायोडाटा निर्धारित प्रारूप में भेजना होगा।संभागीय आयुक्त व अकादमी अध्यक्ष डॉ. नीरज कुमार पवन ने बताया कि इस परिचय कोश के लिए वर्तमान में राजस्थानी साहित्य-लेखन कर रहे राजस्थान के निवासी व प्रवासी साहित्यकारों का परिचय व डाटाबेस तैयार किया जाएगा। परिचय कोश के माध्यम से राजस्थानी के साहित्यकारों का परिचय एक स्थान पर उपलब्ध हो सकेगा। इससे पहले अकादमी द्वारा चालीस वर्ष पूर्व राजस्थानी साहित्यकार परिचय कोश प्रकाशित किया गया था।अकादमी सचिव शरद केवलिया ने बताया कि परिचय कोश का संपादन वरिष्ठ साहित्यकार रवि पुरोहित कर रहे हैं। परिचय कोश में राजस्थानी के वर्तमान में साहित्य-लेखन कर रहे उन साहित्यकारों को सम्मिलित किया...
तिरछा तीर- चकरमजी का अवतरण दिवस

तिरछा तीर- चकरमजी का अवतरण दिवस

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हम सुबह - सुबह जैसे ही स्नान आदि से निवृत होकर नाश्ते के लिए डायनिंग टेबल पर उपस्थित हुए कि हमारे एकतरफा घनिष्ठ मित्र चकरमजी अनायास ही हमारे घर आ धमके। उनका ये आगमन लगभग वैसा ही था जैसे किसी सरकारी दफ्तर में टेबल पर सिर रखे ऊंघ रहे कर्मचारी के सामने कोई आला अफसर अथवा मंत्री बिना किसी पूर्व सूचना के कार्यालय निरीक्षण हेतु आ धमके। बहरहाल, चकरम जी ने बिना किसी औपचारिकता के हमेशा की तरह हमारे घर को अपना ही घर समझते हुए कुर्सी पर बैठते हुए हमारी धर्मपत्नी को दो गर्मागर्म परांठों और एक कप कड़क चाय का ऑर्डर दे डाला। वे चाहते थे कि हमें भी उनके साथ चाय पीने का दुर्लभ अवसर मिले, सो हमारी सहमति से चाय के दो कपों की मांग किचन तक पहुंचा दी गई।चाय और नाश्ते की प्रक्रिया के दौरान हमारी जिज्ञासा को शान्त करते हुए चकरमजी ने अपने आने का महान मंतव्य प्रकट किया। उन्होंने निवेदन के पैकेट में लिपटा हुआ यह ...
अकादमी की ओर से ‘महाराणा प्रताप- व्यक्तित्व व कृतित्व’ विषयक संगोष्ठी आयोजित..

अकादमी की ओर से ‘महाराणा प्रताप- व्यक्तित्व व कृतित्व’ विषयक संगोष्ठी आयोजित..

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महाराणा प्रताप त्याग, स्वाभिमान, मातृभूमि प्रेम, सत्य, साहस की प्रतिमूर्ति थे अभिनव टाइम्स | महाराणा प्रताप त्याग, स्वाभिमान, मातृभूमि प्रेम, सत्य, संघर्ष, साहस की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने कला-साहित्य-संस्कृति को संरक्षण दिया। हम उनके जीवन-दर्शन से प्रेरणा लेकर देशहित में कार्य करें, यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।ये विचार साहित्यकारों ने बुधवार को महाराणा प्रताप जयंती की पूर्व संध्या पर राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव के तहत अकादमी सभागार में आयोजित ‘महाराणा प्रताप- व्यक्तित्व व कृतित्व’ विषयक राजस्थानी संगोष्ठी में व्यक्त किये।इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शंकरलाल स्वामी ने कहा कि महाराणा प्रताप के शौर्य व जन्मभूमि के प्रति निष्ठा की पूरे विश्व में सराहना की जाती है। डॉ. स्वामी ने वीर रस की कविता के माध्यम से प्रताप को श...
आमजन से जुड़ाव रखने वाले रचनाकार थे सुदामा..

आमजन से जुड़ाव रखने वाले रचनाकार थे सुदामा..

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बीकानर । हिंदी विश्व भारती अनुसंधान परिषद नागरी भंडार द्वारा राजस्थानी भाषा के मूर्धन्य विद्वान स्वर्गीय अन्नाराम सुदामा की 99वीं जयंती के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन स्थानीय महारानी सुदर्शन आर्ट गैलरी नागरी भंडार में रखा गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दार्शनिक एवं चिंतक प्रोफ़ेसर घनश्याम आत्रेय ने कहा कि उनकी रचनाएं दिल को छूने वाली थीं और उनकी कविताओं में अध्यात्मिकता के दर्शन होते हैं । संगोष्ठी के मुख्य अतिथि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर डॉ भंवर भादानी ने कहा कि स्वर्गीय अन्नाराम सुदामा का शताब्दी वर्ष शुरू हो चुका है, हमें उनकी स्मृति में लगातार पूरे वर्ष तक कार्यक्रम आयोजित करवाते रहना चाहिए। जिसमें उनकी साहित्यिक यात्रा के विभिन्न पक्षों पर विस्तार से चर्चा की जानी चाहिए। विशिष्ट अतिथि साहित्यकार संजय पुरोहित ने कहा कि आधुनिक राजस...
पुस्तक -‘राजस्थान के मौजूदा उर्दू शाइर’ : सम्पादक – प्रो० प्रेमशंकर श्रीवास्तव ‘शंकर’ (उर्दू लिपि में) का लोकार्पण :-

पुस्तक -‘राजस्थान के मौजूदा उर्दू शाइर’ : सम्पादक – प्रो० प्रेमशंकर श्रीवास्तव ‘शंकर’ (उर्दू लिपि में) का लोकार्पण :-

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स्कॉलर्स एवं उर्दू अदीबों के लिए उपयोगी एवं सराहनीय पुस्तक :  क़ासिम बीकानेरी बीकानेर 21 मई 2022नगर के शाइर,अनुवादक एवं कहानीकार क़ासिम बीकानेरी ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर जोधपुर की होटल चंद्रा इन मेंप्रोफ़ेसर प्रेम शंकर श्रीवास्तव 'शंकर' की किताब राजस्थान के मौजूदा उर्दू शाइर, डॉ अज़ीज़ुल्लाह शिरानी द्वारा उर्दू लिप्तयांरण पुस्तक के लोकार्पण समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत की।  'ख़ुशदिलान-ए-जोधपुर' व 'सर्जनात्मक सन्तुष्टि संस्थान' के संयुक्त तत्वावधान में होटल चन्द्रा झ्न के सभागार में राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयुपर द्वारा 56 वर्ष पूर्व देवनागरी लिपि में प्रकशित प्रेम शंकर श्रीवास्तव 'शंकर' द्वारा सम्पादित उपरोक्त उर्दू भाषा के वृहद ग्रंथ के उर्दू लिपि में पुनर्प्रकाशित नयी पुस्तक के प्रथम संस्करण का मंचासीन विभूतियों द्वारा लोकार्पण किया गया।       &...
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