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Saturday, November 23

साहित्य

गणेशोत्सव में काव्य संध्या  का आयोजन

गणेशोत्सव में काव्य संध्या का आयोजन

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अभिनव टाइम्स बीकानेर। सुजानदेसर स्थित गंगा रेजीडेंसी में गंगा रेजीडेंसी वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित दस दिवसीय गणेश महोत्सव में शुक्रवार राात्रि को एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। आयोजित कवि सम्मेलन में बीकानेर के युवा कवि -गीतकार संजय आचार्य 'वरुण' 'मंदिर की घंटी बजी, गूंजी उधर अजान, शहर मेरा पढने लगा गीता और कुरान' रचना पढी । हास्यकवि बाबूलाल छंगाणी 'बमचकरी' ने 'आज के आदमी को ये क्या हो गया' गीत सुनाया । युवाकवि विप्लव व्यास ने 'तू म्हारै सागै चाल तो' एवं रमेश भोजक 'समीर' ने 'मुझे मालूूम है' काव्य रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कवि अजीत राज ने 'भूख' और 'एकता' शीर्षक कविताएं पढ़ी । सोसाइटी के गणमान्य व्यक्तियों ने आगन्तुक कवियों का विधिवत आभार व सम्मान किया। ...
चांद छू लेने की हूंस: मोनिका गौङ

चांद छू लेने की हूंस: मोनिका गौङ

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चिलचिलाती धूप से ज्यादापेट की आग के खातिरयूनिफार्म में तैनातमहिला ट्रैफिक हवलदारक्रम से चलाती हैशहर का ट्रैफिकमन की पगडंडियों में भटकती सरपटकसमासाती अंतर्द्वंदों मेंकिस तरह रखे पंक्तिबद्धगृहस्थी के खर्चो का गाड़ाजिम्मेदारियों की लारीचेन उतरी हुई सपनो की साइकिलचारों ओर से बरसती धूप -घाम मेंसड़क के एन मध्यभीड़ से लडालूम चौराहे परखड़ी है निपट एकाकीज़िन्दगी के महाभारत मेंअभिमन्यु की भांतिबदलती भूमिकाओ, उम्मीदोंउचक कर् चाँद छू लेने की हूंस नेला पटकाआंगन से आसमान की जगहज़िन्दगी के चौरास्तेधूल धूसरित हो गयीपैरों पर खड़े होने कीरूमानी कल्पनास्वप्नों के खंडहर परवक़्त का खारा जहर सत्यबन गया मजबूरीकोई भी नोकरी करने कीट्रैफिक हवलदार होनासोख रहाअंतस का अमृतफिर भीदो बाई दो के स्कार्फ सेमाथा ढकेकरती है प्रयासअपनी नजाकत बचाने कीट्रैफिक हवलदारदो बाई दो के स्कार्फ मेंअंवेर रही हैअपना स्त्रीत्वशहर के ट्रैफिक कोलाइन...
‘सिनेमा-प्रेमी शहर’ बीकानेर: नवल व्यास

‘सिनेमा-प्रेमी शहर’ बीकानेर: नवल व्यास

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सिनेमाघर तब एलीट नहीं हुआ करते थे; छोटे शहरों-कस्बों में यह उत्सव के ठिकाने हुआ करते थे और हमारा उत्सवधर्मी शहर — बीकानेर, इसे और अनूठा बना देता था। रात से ही सिनेमाघरों में लगती लंबी लाइनें, टिकट वाली खिडकी के अंदर एक-साथ पांच-सात हाथों की टिकट के लिये मनुहारें, हॉल में बीडी-सिगरेट की गंध और बंद होती-जलती रंगीन लाइटों के बीच सीटीयों और तालियों की गडगडाहट बीकानेर ही नहीं, समूचे सिनेमा के स्वर्णिम काल की बानगी है। सिनेमा के पुराने चस्केबाजों से सुना कि इस शहर में किसी फिल्म की रिलीज के समय कोटगेट, केईएम रोड और परकोटे में लगने वाले फिल्मी पोस्टर पर भी भीड इकट्ठा हुआ करती थी। तांगो के दोनों तरफ लकडी के फट्टो पर लगे पोस्टर और माइकिंग भी आकर्षण का केन्द्र हुआ करते थे। पान की दुकानों में लकड़ी के पोस्टरशुदा फट्टे प्रचार भी थे और धूप से बचाव का जतन भी। तब सिनेमा सामाजिकता का हिस्सा था। मेरे बचपन...
बीकानेर की संगीत विरासत विश्व के लिए अनुकरणीय: डॉ. मुरारी शर्मा

बीकानेर की संगीत विरासत विश्व के लिए अनुकरणीय: डॉ. मुरारी शर्मा

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विक्रम संवत् 1545 की वैशाख शुक्ला द्वितीया के दिन जोधपुर के राव जोधाजी के पुत्र बीकाजी ने अपने चाचा कांधल जी के सहयोग से बीकानेर राज्य की स्थापना की। अपने भाई बीदा तथा चाचा को इसी भू-भाग के कई गांव देकर स्वयं बीकाजी बीकानेर के शासक बने। इस प्रकार राठौड़ों के तीन घराने क्रमश: बीका, बीदा और कांधलात नाम से स्थापित हुए। इनके आश्रय में ढोली, दमामी जैसी संगीत जीवी जातियां रही। राजपूतों में से ही कुछ एक को मांगलिक अवसर या युद्ध अवसरों पर नगारा बजाने का काम सौंपा जाता था। बीकानेर की स्थापना के समय सुरतोजी बीकाजी के साथ आए। इनके तीन लड़के भायो, लाखो और चान्दो थे। भायो के वंशज भियाणी, लाखो के वंशज लाखाणी तथा चान्दो के चान्दवाणी कहलाए। इन परिवारों की संगीत परम्परा ही बीकानेर की विरासत कही जा सकती है। जिसने विश्व रंगमंच को अपने प्रदर्शनों से अभिभूत किया।बीकानेर के महाराजा रायसिंह जी ने दिल्ली बादशाह ...
एक था कार्टूनिस्टों का चौक रेत के अथाह समंदर के बीच अठखेलियां करता एक शहर: प्रभात गोस्वामी

एक था कार्टूनिस्टों का चौक रेत के अथाह समंदर के बीच अठखेलियां करता एक शहर: प्रभात गोस्वामी

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बीकानेर राजस्थान के उत्तर-पश्चिम में बसे इस शहर का एक मोहल्ला गोस्वामी चौक है। बचपन यहीं बीता। यहां के अधिकांश लोग संगीत, कला, संस्कृति से जुड़े हुए थे। पर व्यंग्य चित्रकला की वजह से भी इसकी पहचान कायम हुई। एक समय था जब चौक के हर घर में एक कार्टूनिस्ट हुआ करता था। हास्य-व्यंग्य का गज़ब का बोध था। होली पर पहले दीवारों पर भित्तिचित्रों के रूप में कार्टून उकेरे जाते थे। गुदगुदी करते हास्यमयी दोहों ,कविताओं, कुंडलियों ,पैरोडियों, लघु कथाओं के साथ 'हुड़दंग', 'हुल्लड़', जैसी पत्रिकाओं का प्रकाशन होता था। इन पत्रिकाओं में भी कार्टून्स हुआ करते थे। एक दौर ऐसा भी था जब लोग व्यंग्यात्मक कविताओं में सवाल-ज़वाब भी किया करते थे। लेकिन ये सब गोस्वामी चौक की सीमा पार नहीं कर पाए। चौक से राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर हमारे कार्टूनिस्टों ने ही अपनी ज़ोरदार उपस्थिति दर्ज कराई।गोस्वामी चौक के पहले कार्टूनिस्ट पंकज ग...
काव्य रंग- विनोद स्वामी,कद बड़ा होना ,मुहावरा नहीं है इस कविता में

काव्य रंग- विनोद स्वामी,कद बड़ा होना ,मुहावरा नहीं है इस कविता में

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कद बड़ा होनामुहावरा नहीं है इस कविता मेंया यूं ठीक रहेगा कितब हमारी बढ़ने की उम्र थी ।कुर्ते पजामे च्यार आँगळ नीचेऔर चप्पल की जोड़ी दो नम्बर बड़ीइसलिए खरीदी जाती थी कितंगी को मात दे सकेंपिता थे भले ही अनपढ़ पर बड़े दूरदर्शी ।हम पर हंसती दुनियाऔर हम बड़े राजी थेनई पोशाक में।ये पोशाक भीजब ऊंची हो जातीइस बार मां की बारी होतीअपनी करामात दिखाने कीपायँचों की तुरपाई उधेड़फिर नीचा कर देनाइन्हीं कपड़ों को।हम तंगी कासाइन बोर्ड नहीं थेमितव्यता से जीवन जीने कीअद्भुत कला केनायाब नमूने से भी थे। - विनोद स्वामी ...
कोहिनूर कला केंद्र की ओर से आयोजित ‘ए मेरे हमसफ़र’ संगीतमय संध्या में गूंजे नगमे

कोहिनूर कला केंद्र की ओर से आयोजित ‘ए मेरे हमसफ़र’ संगीतमय संध्या में गूंजे नगमे

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अभिनव टाइम्स बीकानेर।कोहिनूर कला केंद्र बीकानेर की तरफ से फिल्म जगत के दो मशहूर फ़नकारों उदित नारायण और कुमार शानू के गाए गीतों पर केंद्रित संगीतमय संध्या हिट सोंग्स ऑफ उदित नारायण कुमार शानू 'ए मेरे हमसफ़र…' कार्यक्रम रेलवे स्टेशन रोड स्थित महाराजा नरेंद्र सिंह ऑडिटोरियम नागरी भंडार में आयोजित किया गया। केंद्र के अध्यक्ष वरिष्ठ गायक हसन अली ने बताया कि इस संगीतमय संध्या में नगर के बेहतरीन फ़नकारों ने उदित नारायण और कुमार शानू द्वारा गाए गीत पेश करके श्रोताओं को आनंद से सराबोर कर दिया। संस्था के अनवर अली और नौशाद अली ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व यूआईटी अध्यक्ष एवं नगर निगम महापौर हाजी मक़सूद अहमद ने करते हुए कहा कि संगीत आत्मा की खुराक होता है और इस तरह के कार्यक्रम से मन को सुकून मिलता है। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि शिक्षाविद् अलका डॉली पाठक ने कहा है कि बीकानेर प्रतिभाओ...
इंडियन ऑयल का 63वां स्थापना दिवस हरित भारत अभियान के तहत लगाए पौधे, बताया पर्यावरण का महत्व

इंडियन ऑयल का 63वां स्थापना दिवस हरित भारत अभियान के तहत लगाए पौधे, बताया पर्यावरण का महत्व

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अभिनव टाइम्स बीकानेर। इंडियन ऑयल का 63वां स्थापना दिवस हरित भारत अभियान के तहत राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय आईजीएनपी कॉलोनी में मनाया गया इस अवसर पर इंडियन ऑयल की तरफ से शाला प्रांगण में नीम, बकैन आदि के 100 से अधिक पौधे लगाए गए तथा नींबू ,अमरूद व पपीते के 100 पौधे छात्रों में बांटे गए।इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए, डीजीएम इंडियन ऑयल श्री कैलाश चंद्र जी ने बताया कि 2040 तक भारत को कार्बन न्यूट्रलाइज़ करना है ,इस राष्ट्रीय लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इंडियन ऑयल हरित भारत का लक्ष्य लेकर कार्य कर रहा है, इसमें छात्रों का सहयोग अपेक्षित है। पर्यावरण को बचाने के लिए युवा पीढ़ी से बेहतर कार्य कोई नहीं कर सकता साथ वृक्षारोपण का काम जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में एक कदम भी है," उन्होंने कहा की पौधे लगाने के साथ ही उनका संरक्षण करना भी महत्वपुर्ण है। ताकि पर्यावरण के प्रति हम अपने ऋण को ...
साहित्यकारों को प्रोत्साहित-पुरस्कृत करने का काम करेंगे: सहारण

साहित्यकारों को प्रोत्साहित-पुरस्कृत करने का काम करेंगे: सहारण

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राजस्थान साहित्य अकादमी अध्यक्ष डॉ. दुलाराम सहारण का हिंदी ग्रंथ अकादमी,जयपुर में हुआ अभिनंदन अभिनव टाइम्स बीकानेर। राजस्थान साहित्य अकादमी के माध्यम से राजस्थान की जो समृद्ध साहित्य परंपरा है उसमें कुछ और नए सोपान जोड़ेंगे। तमाम साहित्यकारों को प्रोत्साहित और पुरस्कृत करेंगे। जो अच्छा काम कर रहे हैं उनके मान सम्मान के लिए काम करने की बात राजस्थान साहित्य अकादमी के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ. दुलाराम सहारण ने की।दुलाराम सहारण सोमवार शाम राजस्थान हिंदी ग्रथ अकादमी, जयपुर की ओर से आयोजित अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नई कार्ययोजनाएं बनाकर साहित्यकारों को लाभान्वित करने का हर संभव प्रयास रहेगा। अंतिम छोर तक बैठा साहित्यकार जो साहित्य अकादमी तक पहुंच नहीं बना पा रहा था उन तक पहुंचेंगे। साहित्यकारों की इच्छाओं का आदर रखते हुए काम करूंगा।अपने पूरे कार्यकाल में यही चेष्टा रहे...
इप्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणवीर सिंह का निधन

इप्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणवीर सिंह का निधन

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अभिनव टाइम्स बीकानेर। भारतीय जन नाट्य संघ इप्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रसिद्ध रंगकर्मी, रणवीर सिंह जी नहीं रहे। मंगलवार को उनका निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे, पर सदा सक्रिय और जागरूक रहे। हृदय की व्याधि के चलते कुछ रोज़ से अस्पताल में थे। अभी कुछ ही समय पहले उनकी पुस्तक “पारसी थिएटर” पर जयपुर के बुद्धिजीवियों ने चर्चा आयोजित की थी। उनका बीकानेर से गहरा नाता रहा। अपने जीवनकाल में उन्होंने बीकानेर और श्री डूगरगढ में आयोजित अनेक साहित्यिक व नाट्य समारोह में सानिध्य प्रदान किया था। ...
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