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Tuesday, December 3

संपादकीय

त्वरित टिप्पणी: क्या रहस्य है सत्यनारायण जी की प्रतिमा में लम्पी जैसे लक्षण दिखने का

त्वरित टिप्पणी: क्या रहस्य है सत्यनारायण जी की प्रतिमा में लम्पी जैसे लक्षण दिखने का

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संजय आचार्य वरुण मीडिया में आज सुबह से ही एक विडियो वायरल हो रहा है । कहा जा रहा है कि बीकानेर के रत्ताणी व्यासों के चौक में स्थित भगवान सत्यनारायण के मंदिर की मुख्य प्रतिमा पर आज सुबह गौवंश को लील रही लम्पी बीमारी के लक्षण पाए गए हैं । ये सच है कि प्रतिमा पर ठीक वैसे ही गोल उभार दिख रहे हैं, जैसे कि लम्पी से ग्रसित गाय के शरीर पर दिखाई देते हैं।इस सम्बन्ध में सच क्या है, अभी तक कुछ कहा नहीं जा सकता। आज सुबह मंदिर के पुजारी ने भगवान को स्नान करवाने और वस्त्र बदलते समय देखा कि प्रतिमा पर लम्पी जैसे उभार दिख रहे हैं। पुजारी ने जैसे ही यह बात लोगों को बताई तो देखते ही देखते यह खबर पहले शहर भर में और फिर शहर की सीमाओं के बाहर पहुंच गई। कुछ ही देर में लोगों के हुजूम सत्यनारायण जी के मंदिर में यह अनूठी घटना देखने आने लगे। यह सिलसिला अभी तक बदस्तूर जारी है । बड़े- बड़े न्यूज चैनल और पत्रकार क...
जिस दिन देश में एक भी एफ आई आर दर्ज नहीं होगी, तब लगेगा कि हम सच्चे भारतीय हो चुके हैं

जिस दिन देश में एक भी एफ आई आर दर्ज नहीं होगी, तब लगेगा कि हम सच्चे भारतीय हो चुके हैं

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संजय आचार्य 'वरुण' अभिनव टाइम्स । आज मन आह्लादित है, आनंदित है, शरीर के रोम- रोम में एक रोमांच भरा हुआ है। हम कितने भाग्यशाली हैं कि आज का सूर्य देख रहे हैं, जिन लोगों ने विश्व भूमंडल के सबसे महान राष्ट्र भारतवर्ष की स्वाधीनता के लिए संघर्ष किया, सुखों का त्याग किया, स्वयं को पूरी तरह से न्यौछावर कर दिया, वे जो आज की सुबह देखने के सबसे बड़े अधिकारी थे, लेकिन उन्हीं के पुण्य प्रताप से आज की सुबह, आज का सूर्य देखने का सौभाग्य हमें मिल रहा है । 15 अगस्त 1947 को जिन बच्चों का जन्म हुआ, आज वह 75 साल के हैं । उन्होंने अपनी तरुणाई के साथ आजाद भारत की तरुणाई भी देखी है । उन्होंने देखा है कि किस तरह से, पूरी तरह से मिट जाने के बाद एक देश फिर से जन्म लेता है । घुटनों पर चलता है, अपने पैरों पर खड़ा होता है, और एक दिन अंगद की तरह मजबूती से खम ठोक कर खड़ा हो जाता है ।संसार के नक्शे में अगर भारत को ...
राष्ट्रपति चुनाव : क्या इस बार आडवाणी या जोशी के नाम पर विचार किया जाएगा ?

राष्ट्रपति चुनाव : क्या इस बार आडवाणी या जोशी के नाम पर विचार किया जाएगा ?

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अपनी बात : संजय आचार्य 'वरुण' भारत के वर्तमान राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद का कार्यकाल आगामी 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। 15 जून 2022 से राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया आरम्भ हो जाएगी। स्वाभाविक बात है कि राष्ट्रपति चुनाव की बात चलने पर सत्तारूढ़ पार्टी को जन्म देने वाले देश के सबसे वरिष्ठतम नेता और भारत के पूर्व गृहमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी की सेवाओं का स्मरण अवश्य हो आता है। आज जो पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता का सुख भोग रही है, पार्टी का ये सुनहरा भविष्य तैयार करने में आडवाणी जी ने अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया था किन्तु जब लोगों ने उम्मीद की कि अब देश के सर्वोच्च पद के लिए आडवाणी जी का नाम प्रस्तुत किया जाएगा तब पता नहीं कौनसी संवैधानिक अड़चनें थी कि आडवाणी जी ही नहीं पार्टी के अनेक वरिष्ठ एवं पुराने नेताओं को भी टाल दिया गया। वर्तमान में यद्यपि श्री लालकृष्ण आडवाणी लगभग 95 वर्ष की व...
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