प्राचीन जीवनशैली:फिर अपनाएं प्राचीन और आयुर्वेदिक जीवनशैली, जानिए इनके बारे में
हमारी जीवनशैली व्यस्त होने के साथ-साथ अस्वस्थ भी है। समय और मेहनत बचाने के लिए हम आधुनिक उत्पादों पर पूरी तरह से आश्रित हो चुके हैं। जबकि अधिक से अधिक केमिकल रहित वस्तुओं का इस्तेमाल करके इस निर्भरता को समाप्त किया जा सकता है। हमारी प्राचीन और आयुर्वेदिक आदतों को दिनचर्या का हिस्सा बनाकर अपनी जीवनशैली और स्वास्थ्य, दोनों को बेहतर बना सकते हैं। किन आदतों को दोबारा अपनाना है, यहां पढ़िए...
तेल से कुल्ला
यह एक प्राचीन आयुर्वेदिक विधि है जो मुंह की सेहत के लिए लाभकारी है। इसे सुबह ख़ाली पेट करना फ़ायदेमंद होता है। इससे मुंह की कई बीमारियां दूर होती हैं और मसूड़ों में मज़बूती बनी रहती है। नियमित तौर पर कुल्ला करने से मुंह में मौजूद हानिकारक कीटाणु अच्छी तरह से साफ़ हो जाते हैं। साथ ही साथ मुंह की दुर्गंध, मसूड़ों का सड़ना, कैविटी की समस्या, मसूड़ों की सूजन व दांत दर्द जैसी समस्याएं दूर ह...