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जोधपुर। गाड़ी नंबर RNS 63 के फर्जीवाड़े के मामले में अब आरटीओ ने डीटीओ की तथ्यात्मक रिपोर्ट आने के बाद जांच एआरटीओ को सौंपी है। अब आगे की जांच एआरटीओ को 7 दिन में पूरी करके देनी होगी। इसके बाद आरटीओ इस रिपोर्ट को मुख्यालय से अवगत करवाएंगे।
आरटीओ रामनारायण बड़गूजर ने बताया कि RNS 63 के फर्जीवाड़े का मामला सामने आने के बाद डीटीओ (नॉन ट्रांसपोर्ट) गणपत पूनड़ को इसकी तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के लिए दो दिन का समय दिया था। रिपोर्ट मिलते ही मामले की जांच एआरटीओ मनीष शर्मा को सौंपी है।
गौरतलब है कि 9 मई को ‘RNS 63; स्कूटर भी… और कार भी’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर मामला उजागर किया था। इसमें नागौरी गेट निवासी अयूब खान स्कूटर नंबर RNS-0063 बेटे यूसुफ खान के नाम ट्रांसफर करवाने के लिए आरटीओ ऑफिस गए तो पता चला कि स्कूटर के नंबर तो किसी कार को अलॉट कर दिए गए हैं। फिर जांच की तो जोधपुर और पाली आरटीओ से कई स्तर पर गड़बड़ियां सामने आईं।
जोधपुर से शुरू हुई गड़बड़ी, पाली में खत्म, नंबर भी वहीं अलॉट किए
आरएनएस 63 में फर्जीवाड़े की कहानी जोधपुर से शुरू हुई। यहां 9 नवंबर 2021 को आरसी रिन्युअल के लिए नंबर (आरजे-21110978063428) पंकज मेहता के कोड इनवर्ड हुई, लेकिन पंकज को जब इसका पता चला तो उसने इसे वापस कैंसिल करवाया। इसके बाद दूसरी आईडी से 10 नवंबर 2021 को फीस व इनवर्ड हुई। 12 नवंबर 2021 को कैशियर ने रसीद काटकर फीस जमा की।
फिर बाबू ने 17 नवंबर 2021 को एप्लीकेशन वेरिफाई की। जोधपुर डीटीओ (नॉन ट्रांसपोर्ट) की आईडी से 6 दिसंबर 2021 को आवेदन अप्रूव किया। फिर पाली आरटीओ में ड्यूनेक ऑटोमोबाइल प्रा.लि. ने RNS-0063 के लिए दस्तावेज अपलोड किए। एड्रेस चेंज करने के लिए पाली आरटीओ ऑफिस में एप्लीकेशन नंबर (आरजे-21102385718535) को कर्मचारी जितेंद्र परिहार ने 9 दिसंबर 2021 को वेरिफाई किया। इसे एक मिनट के अंतराल में तत्कालीन डीटीओ शेराराम मेघवाल की आईडी से अप्रूव किया गया।