अभिनव न्यूज, नेटवर्क। अजमेर शहर में दस के सिक्के दुकानदार नहीं लेते। सिटी बसों, पान की दुकान, चाट-पकौड़ी के ठेलों पर विक्रेता व ग्राहक में कई बार इसे लेकर बहस हो जाती है। लोग खरीदारी में खुले पैसों के लिए दस का सिक्का दुकानदार को देने पर वे स्वीकार नहीं कर नोट मांगते हैं। इससे विवाद के हालात बन जाते हैं। इंडियन करेंसी का अपमान बताते हुए कुछ जागरूक लोग उलझ जाते हैं। हालांकि आम चलन में एक तरह से शहर में इसके लेन-देन पर अघोषित पाबंदी लगी हुई है।
अन्य शहरों में नहीं दिक्कत
अन्य शहरों ब्यावर, किशनगढ़, नसीराबाद, केकड़ी आदि शहरों में 10 के सिक्के स्वीकार किए जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में इसे आसानी से स्वीकार किया जा रहा है। किशनगढ़, पुष्कर ब्यावर आदि में सिक्के लेने में कोई एतराज नहीं बताया गया। दुकानदार बालेश गोहिल का कहना है कि यह चलन की बात है। पर्यटक या धार्मिक स्थलों पर दुकानदार के पास अन्य प्रांतों से आने वाले लोग सिक्का थमाते हैं।
दुकानदार इसे केवल इस बात पर कहने से इनकार करता है कि आगे कौन लेगा। लेकिन ऐसी बात नहीं है यह विधिक है। सिक्का भारतीय मुद्रा है। इसे लेने में कोई झिझक नहीं होनी चाहिए। हालांकि फिलहाल 10 का सिक्का नहीं लेने को लेकर बैंक प्रबंधन या अन्य सक्षम अधिकारी के समक्ष कोई शिकायत आदि दर्ज नहीं हैं।
इनका कहना है
बैंक 10 के सिक्के लेने से इनकार नहीं कर सकता। बैंक की निर्धारित संख्या में काउंटर पर इसे स्वीकार करना होगा। बाजार में कई बार ऐसी चर्चाएं या अफवाह फैल जाती है कि सिक्का नहीं लिया जाता लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है।
मैनेजर, बैंक ऑफ महाराष्ट, पीआर मार्ग अजमेर