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Friday, September 20

राज्यों के चुनाव से पहले मिल सकता है सस्ते पेट्रोल-डीजल का तोहफा, इतने रुपये प्रति लीटर घटेंगे दाम

अभिनव न्यूज, नेटवर्क। आसामन छूती महंगाई से आम लोग परेशाान हैं। कई राज्यों में बहुत ज्यादा बारिश और बाढ़ से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। इस बीच खाने-पीने के सामान से लेकर तमाम जरूरी सामान के दाम में बड़ा उछाल आ गया है। इसके चलते खुदरा महंगाई एक बार फिर 5% के पार जाने का अनुमान है। इस बीच एक अच्छी खबर आई है।

ऊर्जा विशेषज्ञों का कहना है कि मोदी सरकार राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में आम चुनाव से पहले पेट्रोल-डीजल के दाम में बड़ी कटौती कर सकती है। यह कटौती 5 से 10 रुपये प्रति लीटर तक हो सकती है। जानकारों का कहना है​ कि अगले साल आम चुनाव है। इसको देखते हुए भी सरकार आम लोगों को राहत देने के लिए कदम उठा सकती है। 

पेट्रोल और डीजल सस्ता होने के ये हैं दो कारण 

  1. एक साल में 22% सस्ता हुआ क्रूड ऑयल अगर पिछले एक साल के डेटा पर नजर डालें तो क्रूड ऑयल 22% से अधिक सस्ता हुआ है। आपको बता दें कि जुलाई, 2022 में क्रूड ऑयल की कीमत 98.62 डॉलर प्रति बैरल था। वहीं, जुलाई 2023 में यह 22% सस्ता होकर 80.58 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। वह भी तब जब क्रूड ऑयल के दाम में तेजी आई है। अगर फरवरी, मार्च, अप्रैल, मई और जून की बात करें तो क्रूड ऑयल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे रही है। हालांकि, इस बीच पेट्रोलियम कंपनियों की ओर से पेट्र्रोल और डीजल के दाम में कोई कटौती नहीं की गई। हालांकि, कई बार दाम में कटौती की मांग की गई है।   
  2. पेट्रोलियम कंपनियों की नुकसान की भरपाई हुई  घरेलू बाजार में ऊंचे खुदरा मूल्य और विदेशी बाजारों में कच्चे तेल के दाम में गिरावट से पेट्रोलियम कंपनियों की घाटे की भरपाई हो गई है। इसके चलते चालू वित्त वर्ष में पेट्रोलियम कंपनियों को कम-से-कम एक लाख करोड़ रुपये का कर-पूर्व लाभ होने की उम्मीद है। हाल ही में क्रिसिल ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि चालू वित्त वर्ष में पेट्रोलियम विपणन कंपनियां (ओएमीसी) एक लाख करोड़ रुपये का परिचालन लाभ कमा सकती हैं। वित्त वर्ष 2016-17 से 2021-22 के दौरान पेट्रोलियम कंपनियों का औसत परिचालन लाभ 60,000 करोड़ रुपये रहा था। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में तो यह 33,000 करोड़ रुपये के निचले स्तर पर आ गया था।   
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