बीकानेर | नगर निगम ने आवारा पशुओं की धरपकड़ शुरू कर दी है। दुधारू पशुओं काे कांजी हाउस भेज रहा है। राेज औसतन 30 ही आवारा पशु पकड़े जा रहे। शहर में करीब दस हजार आवारा पशु हैं। यदि इस रफ्तार से पशु पकड़े ताे एक साल लगेगा।
2011 से पशुओं काे पकड़ने का ठेका हाे रहा है। अब तक करीब 20 हजार आवारा पशु अलग-अलग सालाें में गाैशालाओं में छाेड़े जा चुके हैं। एक साल में करीब दाे से तीन जानें आवारा पशुओं से जा रही हैं। आवारा सांड़ाें की लड़ाई के कारण दर्जनों काे चाेटें और गाड़ियां टूट चुकी हैं।
बीते एक साल से आवारा पशुओं काे पकड़ने का सिलसिला नगर निगम और गाैशाला के विवाद के कारण थमा था। अब वापस नया एमओयू किया है। इसलिए साेमवार से आवारा पशुओं काे पकड़ने का अभियान चलाया जा रहा है।
दिन में एक पशु को चाहिए 10 किलो चारा, 5 हजार की करनी होगा व्यवस्था
एक पशु प्रति दिन करीब 10 किलाे चारा खाता है। अगर पांच हजार पशुओं काे गाैशाला में रखा गया ताे प्रति दिन के चारे सप्लाई मुश्किल हाे जाएगी। राेज करीब 100 क्विंटल से ऊपर चारे की जरूरत हाेगी। इतने चारे के भंडारण से लेकर सप्लाई तक हाेना मुमकिन नहीं हाेगा।
निगम प्रति पशु 50 रुपए का भुगतान करेगा। एेसे में पशुओं काे पूरा चारा मिलेगा या नहीं इस पर सवाल उठने लगे हैं। इससे पहले भी कई बार गायाें की माैत का मामला उठ चुका है। एेसे में पशुओं की सुरक्षा और चारे-पानी का इंतजाम भी बड़ा इश्यू हाेगा।
आज से 60 पशु पकड़ेंगे : ठेकेदार
अभी तक राेज 30 पशु पकड़ रहे हैं। गुरुवार से 60 पकड़ेगे। हमारी काेशिश है कि प्रति दिन 80 पशु पकड़ें ताकि पांच महीने में शहर को आवारा पशुओं से मुक्त कर दें। नगर निगम सिर्फ पशुओं को रखने का इंतजाम करे। –पूनमचंद, पशु पकड़ने वाला ठेकेदार
पालतू पशु पहले पकड़ेंगे : आयुक्त गाैशाला काे हम प्रति पशु पेमेंट करेंगे। जितने चाहें उसमें पशु रख सकते हैं। हमारी भी यही काेशिश है कि शहर में आवारा पशु ना दिखे। सड़क पर दिखने वाले पालतू पशुओं को पहले पकड़ने के लिए कहा है।-गाेपालराम बिरदा, आयुक्त नगर निगम