अभिनव न्यूज, बीकानेर। गंगाशहर के एक युवक ने नाल थाना क्षेत्र में पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उसके पास से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें बिजनेस पार्टनर मुकेश सारण सहित पांच युवकों के पर रुपए के लिए परेशान करने और गैंगस्टर रोहित गोदारा से मरवाने की धमकी देने का आरोप लगाया गया है। गंगाशहर चौपड़ा बाड़ी निवासी 27 वर्षीय मनोज मृतक मनोज बीछवाल में ई मित्र केंद्र चलाता था। रविवार दोपहर बाद वह अचानक घर से निकल गया। शाम तक वापस नहीं लौटने पर परिजनों ने गंगाशहर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई।
पुलिस ने मनोज का मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लिया तो उसकी लोकेशन गेमना पीर के आस-पास आई। गंगाशहर थाने के एएसआई ताराचंद ने नाल थाने के एएसआई राकेश गोदारा के साथ मिलकर युवक की तलाश शुरू की। परिजन भी उनके साथ थे। गेमना पीर के पास मनोज खेजड़ी के पेड़ पर फांसी से लटका मिला। उसकी मौत हो चुकी थी। कुछ ही दूरी पर उसकी कार खड़ी थी। तलाशी लेने पर कार से मोबाइल और सुसाइड नोट मिल गया। सुसाइड नोट में लिखा था कि मुकेश सारण, मामराज जाट, रामदयाल ज्याणी, अर्जुन और राहुल उसे रुपए के लिए परेशान करते थे। जान से मारने की धमकी दे रहे थे।
प्राथमिकी के अनुसार मनोज से आरोपियों से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंप दिया। इस मामले में दो आरोपियों को राउंडअप करने की खबर है। एसएचओ परमेश्वर सुधार ने बताया कि मामला रुपए के लेनदेन का है। मृतक पर करीब 17 लाख का कर्जा बताया जा रहा है। विस्तृत जांच से स्थिति स्पष्ट होगी।
लोकेशन खोजने में दो घंटे लगे वर्ना मनोज जिंदा मिलता
ई मित्र संचालक मनोज शनिवार दोपहर बाद घर से निकला था। उसने अपने भाई को वाट्सअप किया कि वह मरने जा रहा है, जबकि परिजन आरोपियों से बातचीत कर मासला हल करने में जुटे थे। उसने परिजनों का फोन नहीं उठाया। शाम को परिजन गंगाशहर थाने पहुंचे और गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस मोबाइल की लोकेशन के आधार पर नाल थाना क्षेत्र में घूमती रही। मृतक के भाई ललित ने दुखी मन से बताया कि उसकी लोकेशन ट्रेस करने में दो घंटे लग गए। यदि हम समय पर पहुंच जाते तो वह जीवित मिलता
डर के कारण 15 दिन घर से नहीं निकला था मनोज
ई मित्र संचालक मनोज को गैंगस्टर रोहित गोदारा और रामा नागौरी से मरवाने की धमकियां आरोपियों ने दी थी। कुछ दिन पहले आरोपियों ने पिस्तौल दिखाकर उसे धमकाया भी था। इससे मनोज इतना डर गया था कि पंद्रह दिन तक घर से नहीं निकला। परिजनों को जब पता चला तो उन्होंने उसके पार्टनर सारण और उसके साथियों से बात की। रुपए का हिसाब-किताब कर मामला निबटाने को कहा, लेकिन 17 लाख रुपए मांग रहे थे। मृतक के भाई ललित उपाध्याय ने बताया कि पैमासर निवासी मुकेश और मामराज भाई हैं।
उन्होंने मनोज के साथ पार्टनशिप की और उसके अकाउंट में पैसा डालते रहे। एक साल में करीब आठ लाख रुपए डाले। बीछवाल में ही ई मित्र की एक और ब्रांच खोली। उस पर मनोज को बैठा दिया और मनोज के केंद्र पर खुद ने कब्जा कर लिया। नई ब्रांच चलती नहीं थी। ऊपर से आरोपी पैसे को लेकर दबाव बनाने लगे। इससे मनोज पिछले करीब छह महीने से परेशान था। उसने सुसाइड नोट में गैंगस्टर रोहित, नागौरी और धमकियों का जिक्र किया है। पुलिस ने सुसाइड नोट पढ़ाया, लेकिन उसकी कॉपी नहीं दी। एफआईआर में भी उनका नाम नहीं डालने दिया।